Bihar News: ईडी ने इस घोटाले की जांच के लिए बिहार, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश के 18 ठिकानों पर छापेमारी की. इन छापों में कई जरूरी दस्तावेज, नकदी और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद हुए. जांच में पता चला है कि इस घोटाले में शामिल लोगों ने अवैध संपत्तियां बनाई हैं, जिन्हें जब्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
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वैशाली: बिहार के वैशाली शहरी विकास कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड में 85 करोड़ रुपये के बड़े लोन फ्रॉड का मामला सामने आया है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस घोटाले की जांच करते हुए 4 लोगों को गिरफ्तार किया है. मामले में आरजेडी नेता आलोक कुमार मेहता का नाम भी सामने आ रहा है, जिससे राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है. ईडी की हालिया छापेमारी ने इस घोटाले के बड़े नेटवर्क और फर्जीवाड़े की गहरी जड़ें उजागर की हैं.
फर्जी लोन खातों का जाल
जानकारी के अनुसार यह धोखाधड़ी लगभग 400 फर्जी लोन खातों के माध्यम से की गई. इन खातों का उपयोग नकली और जाली वेयरहाउस तथा एलआईसी रसीदों के आधार पर पैसे बांटने के लिए किया गया. जांच के दौरान यह पाया गया कि बैंक के कर्मचारियों और अन्य निजी व्यक्तियों ने इस फर्जीवाड़े में सक्रिय भूमिका निभाई. ये लोग आरजेडी नेता आलोक कुमार मेहता और उनके सहयोगियों के साथ मिलकर काम कर रहे थे.
ईडी की ताबड़तोड़ कार्रवाई
ईडी ने इस मामले की तह तक जाने के लिए बिहार, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश के 18 स्थानों पर छापेमारी की. इन छापेमारी के दौरान कई अहम दस्तावेज, नकदी और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद किए गए. जांच में यह भी खुलासा हुआ कि इस घोटाले में शामिल लोगों ने अवैध संपत्ति अर्जित की है, जिसे जब्त करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.
राजनीतिक संगठनों पर सवाल
आरजेडी नेता आलोक कुमार मेहता का नाम इस घोटाले से जुड़ने के बाद राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है. विपक्षी दलों ने इस मामले को लेकर आरजेडी पर निशाना साधा है, जबकि आरजेडी ने इसे राजनीतिक षड्यंत्र करार दिया है. आलोक कुमार मेहता ने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा है कि वह जांच में पूरा सहयोग करेंगे.
बैंक और ग्राहक दोनों प्रभावित
साथ ही इस बड़े फर्जीवाड़े का असर न केवल बैंक पर पड़ा है, बल्कि इसके ग्राहकों पर भी गहरा असर हुआ है. कई खाताधारकों ने अपनी जमा राशि को लेकर चिंता जताई है. ईडी ने आश्वासन दिया है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और बैंक की स्थिति को सामान्य करने के प्रयास किए जा रहे हैं.
अभी क्या होगा आगे?
ईडी की जांच जारी है और इस मामले में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं. सवाल यह है कि क्या इस घोटाले का राजनीतिक और वित्तीय प्रभाव वैशाली शहरी विकास कोऑपरेटिव बैंक को उबारने में मदद करेगा या यह घोटाला और गहराएगा.
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