सड़क हादसे में बेटे की हुई मौत, पिता पिछले 7 सालों से फ्री में बांट रहे हेलमेट
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सड़क हादसे में बेटे की हुई मौत, पिता पिछले 7 सालों से फ्री में बांट रहे हेलमेट

Bokaro News: बिहार के बोकारो में 7 साल पहले सड़क हादसे में एक पिता ने अपने पुत्र को खोया था, तब से पिता लोगों में फ्री में हेलमेट बांट रहे हैं और अपने पैसों से घायलों का इलाज कराते हैं. 

 

सड़क हादसे में बेटे की हुई मौत, पिता पिछले 7 सालों से फ्री में बांट रहे हेलमेट

Bokaro News: झारखंड के बोकारो जिले में एक पिता अपने पुत्र की सड़क हादसे में हुई मौत के बाद से पिछले 7 सालों से लोगों में फ्री हेलमेट बांट रहे हैं. पिता ने पुत्र को सड़क हादसे में खोने के बाद प्रण लिया था कि आज के बाद बिना हेलमेट के किसी और पिता के पुत्र की जान नहीं जाएगी. बोकारो में तब से ये पिता पुत्र की याद में सड़क पर फ्री में हेलमेट लोगों को बांट रहे हैं. उनके इस कार्य की चारो ओर तारीफ हो रही है. अपने पुत्र को सड़क हादसे में खोने के बाद से इस पिता ने ये बीड़ा उठाता है, जिसमें इन्होंने प्रतिज्ञा लिया है कि इसके बाद और कोई पिता अपने पुत्र को न खोए और सड़क हादसे में उनकी जान हेलमेट न होने की वजह से नहीं जाए. इसके लिए उन्होंने प्रतिज्ञा किया है कि जब तक वो जिंदा रहेंगे तब तक वो साल में एक बार तीन दिनों के लिए सड़क पर उतरकर लोगों में फ्री में हेलमेट बांटने का काम जरूर से करेंगे. रोड पर बिना हेलमेट पहने बाइक से सफर कर रहे लोगों को हेलमेट पहनाने का काम करेंगे और आज भी वो अपने पुत्र को सड़क हादसे में खोने के बाद से ये काम लगातार जारी रखे हुए है. पीछले सात सालो से ये निरंतन लोगों में फ्री हेलमेट बांटने का काम कर रहे हैं. 

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सड़क हादसे में हुई थी पुत्र की मौत 
हम बात कर रहे हैं बोकारो के चास के रहने वाले एक समाजसेवी मनोज सिंह की... जिनके बड़े पुत्र यश की मौत सड़क हादसे में साल 2017 में चास प्रखंड कार्यालय के पास एक सड़क दुर्घटना में हो गई थी. यश जिस समय बाइक चला रहा होता है, उस समय उन्होंने हेलमेट नहीं पहना होता है. एक पिता को इस बात की आघात लगी है कि अगर उसके पुत्र ने हेलमेट पहना होता, तो उसकी जान नहीं जाती, वो बच जाता.

प्रशासन के साथ युवाओं को कर रहे जागरूक 
पिता मनोज कुमार ने उसी वक्त ये ठान लिया कि आज के बाद किसी और पिता के पुत्र की जान बिना हेलमेट नहीं पहनने की वजह से नहीं जाएगी. वो तब से लेकर आज तक फ्री में हेलमेट का वितरण लोगों में कर रहे हैं और सड़क पर जिला प्रशासन के साथ युवाओं को जागरूक करने में लगे हुए है. 

अपने पैसों से घायलों का कराते हैं इलाज 
समाजसेवी मनोज सिंह बताते हैं कि सड़क हादसे में उन्होंने कई लोगों को जान गवाते हुए देखा है, ऐसे में उनके परिवार के भी कई लोग हैं. इसलिए वो मुफ्त में हेलमेट बांटने के साथ-साथ घायलों को अस्पताल भी पहुंचाते हैं और अपने पैसों से उनका इलाज भी कराते हैं. 

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स्वर्गवासी बेटे के नाम से खोला है एक संस्थान
वो कहते हैं कि रात के 12 बजे भी जरूरतमंदों की फोन आ जाए तो उसकी सेवा में वो तत्पर रहते हैं, इसके लिए उन्होंने अपने स्वर्गवासी बेटे के नाम से एक संस्थान भी खोला है. संस्थान का नाम यश फॉर है, जिसके जरिए जरूरतमंदों की मदद की जाती है. वहीं, चास एसडीपीओ प्रवीण कुमार सिंह ने भी उनके इस कार्य की सराहना की है.

इनपुट - मृत्युंजय मिश्रा

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