गुमला के सड़क निर्माण में नौ करोड़ रुपये की लीपापोती कर रहा विभाग, ठेकेदार हो रहे मालामाल
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गुमला के सड़क निर्माण में नौ करोड़ रुपये की लीपापोती कर रहा विभाग, ठेकेदार हो रहे मालामाल

ग्रामीणों का कहना है कि ठेकेदार जैसे-जैसे काम करा कर निकलने में लगे है. जब काम में सुधार के लिए कहा गया, तो इंजीनियर से मिलने के लिए कहा जाता है.

गुमला के सड़क निर्माण में नौ करोड़ रुपये की लीपापोती कर रहा विभाग, ठेकेदार हो रहे मालामाल

गुमला : झारखंड के गुमला जिला में भ्रष्टाचार का खेल थमने का नाम नहीं ले रहा है. विभाग और ठेकेदार के कमीशन खोरी से सड़क निर्माण का कार्य घटिया तरीके से हो रहा है. ग्रामीण विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से सड़क निर्माण की जांच कराने की मांग कर रहे हैं.

इंजीनियर और ग्रामीणों की मिली भगत से हो रही निर्माण कार्य
ग्रामीणों का कहना है कि ठेकेदार जैसे-जैसे काम करा कर निकलने में लगे है. जब काम में सुधार के लिए कहा गया, तो इंजीनियर से मिलने के लिए कहा जाता है. काम कौन इंजीनियर देख रहा है. इसकी भी जानकारी नहीं दी जाती है. निर्माण को लेकर संबंधित विभाग के कार्यपालक अभियंता ने गार्डवाल को धोखा से जोड़ जुड़ने के बाद पर उसमें इस्टूमेट नहीं रहने के कारण बताएं साइज पत्थर से नहीं जोड़ा जाता है. विभाग अपना तकनीकी को छुपाने में लगा हुआ है.

सड़क बनाने में की जा रही लीपापोती
बता दें कि ग्रामीणों ने कई वर्षों से आस लगाए हुए थे कि गांव का रोड बने और अच्छी तरह कैसे बने, लेकिन ठेकेदार और विभाग की लापरवाही के कारण लीपापोती कर सड़क निर्माण कराया जा रहा है. केवल कमीशन खोरी को लेकर घटिया निर्माण कराया जा रहा है. जब गांव वालों ने संवेदक से घटिया निर्माण की बात कहीं गई तो संवेदक के द्वारा गांव के लोगों को धमकाया जाता है. जिसके लिए सड़क में लीपापोती हो रही है. ठेकेदार मन तरीके से काम कर रहा है पुराने पुल को ही ऊपर से मोमेंट बालू का लेप लगा कर तैयार किया जा रहा है. सड़क भी घटिया तरीके से बनायी जा रही है.

सड़क निर्माण में बर्ती जा रही लापरवाही
रेडवा से बाटालोया तक करीब 15 किमी सड़क बनाने के लिए नौ करोड़ रुपये सड़क बन रही है. सड़क के ऊपर से लेप लगा कर काम किया जा रहा है, लेकिन ठेकेदार और विभाग पर सरकार अगर ध्यान ना दे तो ग्रामीणों की गाड़ी-गाड़ी कमाई को विभाग और ठेकेदार लेकर चलते बनेंगे. ग्रामीणों ने बताया कि लेबर पेमेंट भी मात्र 200 रुपये से 250 रुपये दिया जा रहा है.

इनपुट- रणधीर निधि

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