झारखंड में गहराया बिजली संकट को मुद्दा बना कर बीजेपी सरकार को घेरने में जुटी हुई है. बीजेपी कार्यकर्ताओं ने ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड कार्यालय के बाहर धरना दिया.
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रांचीः झारखंड में गहराया बिजली संकट को मुद्दा बना कर बीजेपी सरकार को घेरने में जुटी हुई है. बीजेपी कार्यकर्ताओं ने ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड कार्यालय के बाहर धरना दिया. दरअसल, झारखंड में जेबीवीएनएल पर इंडियन एनर्जी एक्सचेंज से अतिरिक्त बिजली खरीद पर रोक लगी हुई है. उसकी वजह है जेबीवीएनएल ने 205 करोड़ रुपये बकाया का भुगतान नहीं किया है.
बीजेपी नेताओं ने राज्य सरकार पर लगाया आरोप
बीजेपी नेताओं ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि, सीएम ने अपने चुनावी मेनिफेस्टो में जीरो पावर कट की बात कही थी, पर राज्य में आज जीरो पावर की स्थिति है. उद्योग धंधे से लेकर आम लोग तक बिजली की किल्लत से परेशान हैं, किसान परेशान है. साथ ही आरोप लगाया सरकार में बिजली के नाम पर भी बड़ा घपला हो रहा है.
जेएमएम प्रवक्ता ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना
जेएमएम प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि, उल्टा चोर कोतवाल को डांटे, आज बिजली की लचर व्यवस्था दिख रही है. इसमें सीएम ने बहुत सुधार किया है. अपने स्तर पर संज्ञान ले-ले कर दूर किया है. इसके लिए पूरी तरह से केंद्र की सरकार जिम्मेदार है. सेंट्रल पूल से बिजली की कटौती की जा रही है. कुछ बकाए की बात की जा रही है. राज्य सरकार गंभीर है. झारखंड का केंद्र पर एक लाख 36 हजार करोड़ का बकाया है. उसके चलते कुछ सौ करोड़ के लिए बिजली काट दे रही हैं.
कांग्रेस नेता ने किया पलटवार
कांग्रेस नेता ने पलटवार करते हुए कहा, बीजेपी को सबसे पहले केंद्र सरकार के खिलाफ धरना देना चाहिए कि बिजली को लेकर केंद्र का राज्य सरकार के प्रति हमेशा नकारात्मक रवैया रहा है. जिसका नतीजा राज्य की जनता भुगत रही है. हमारे सीएम बिजली को लेकर काफी गंभीर हैं. डीवीसी ने जब-जब बिजली रोकी हमने सीमित साधन से राशि चुकाई. इस बार भी बिजली को लेकर सीएम लगातार राशि की उपलब्धता कर रहे हैं. बीजेपी को बिजली पर बोलने का कोई हक ही नहीं तो आंदोलन क्या करेंगे ये.
इनपुट- कुमार चंदन
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