Kishanganj: किशनगंज रेलवे स्टेशन के सौंदर्यीकरण में भ्रष्टाचार के संकेत, निर्माणकार्य में इस्तेमाल हो रहा है घटिया मटेरियल!
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Kishanganj: किशनगंज रेलवे स्टेशन के सौंदर्यीकरण में भ्रष्टाचार के संकेत, निर्माणकार्य में इस्तेमाल हो रहा है घटिया मटेरियल!

अभी प्लेटफार्म बनाने के लिए ढ़लाई करके आधार (बेस) तैयार किया जा रहा है. आरोप है कि इंजीनियर और ठेकेदार की मिलीभगत से निर्माण कार्य में धांधली की जा रही है. 

फाइल फोटो

Kishanganj Railway Station: मोदी सरकार ने अमृत भारत स्टेशन स्कीम के तहत देशभर के चुनिंदा 508 रेलवे स्टेशन का विश्व स्तर का बनाने का निर्णय लिया है. इसके तहत बिहार के 49 रेलवे स्टेशनों को विकसित किया जाएगा. इनमें किशनगंज रेलवे स्टेशन भी शामिल है. पीएम मोदी द्वारा इस योजना की आधारशिला रखे जाने के बाद से स्टेशनों पर नवीनीकरण का निर्माण कार्य भी शुरू हो गया है. हालांकि, इसमें भ्रष्टाचार के संकेत भी नजर आ रहे हैं. निर्माणकार्य में अभी से भारी अनियमितताएं नजर आ रही हैं. बाल मजदूरी से लेकर निर्माणकार्य में घटिया सामग्री का इस्तेमाल करने का आरोप लगा है.

लोगों का कहना है कि इंजीनियर और ठेकेदार की मिलीभगत से निर्माण कार्य में धांधली की जा रही है. अभी प्लेटफार्म बनाने के लिए ढ़लाई करके आधार (बेस) तैयार किया जा रहा है. रेलवे के इंजीनियर सौरभ कुमार ने बताया कि एस्टीमेट के अनुसार कार्य किया जा रहा है,जिसमें 3 कढ़ाई गिट्टी,डेढ़ कढ़ाई बालू -1 कढ़ाई सीमेंट की मात्रा है. वहीं काम कर रहे मजदूरों ने बताया कि 5 बड़े कढ़ाई गिट्टी -3 कढ़ाई बालू और आधा बोरा सीमेंट का इस्तेमाल किया जा रहा है. इंजीनियर और मजदूरों के बयान में काफी अंतर नजर आया. 

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एक तरफ इंजीनियर कुछ बता रहे है तो वही मसाला बना रहे मजदूर कुछ और ही बता रहे है ऐसे में आप समझ सकते है कि प्लेटफार्म कितना गुणवत्तापूर्ण निर्माण हो रहा है. इतना ही नही केंद्र सरकार की इस योजना का निर्माण कार्य मे बाल मजदूरों से काम लिया जा रहा है. जब मामले को लेकर रेलवे के वरिष्ठ अनुभाग अभियंता कार्यालय के इंजीनियर जे पी सिन्हा से संपर्क किया गया तो उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से बचते नजर आए. 

रिपोर्ट- अमित

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