Bihar: नीतीश को पसंद नहीं नया संसद भवन, हरिवंश बाबू बोले- लोकतंत्र के लिए यह गर्व का क्षण
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Bihar: नीतीश को पसंद नहीं नया संसद भवन, हरिवंश बाबू बोले- लोकतंत्र के लिए यह गर्व का क्षण

लालू यादव की पार्टी आरजेडी ने तो नई संसद की तुलना 'ताबूत' से कर दी. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नया संसद भवन बिल्कुल भी पसंद नहीं आया. वहीं उनकी ही पार्टी जेडीयू के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने नए संसद भवन की जमकर तारीफ की.

हरिवंश नारायण सिंह

Bihar Politics: विपक्षी दलों के बहिष्कार के बाद भी देश को आज यानी 28 मई को उसका नया संसद भवन मिल गया है. नई संसद का उद्घाटन होने के बाद भी राजनीति जारी है. लालू यादव की पार्टी आरजेडी ने तो नई संसद की तुलना 'ताबूत' से कर दी. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नया संसद भवन बिल्कुल भी पसंद नहीं आया. उन्होंने पीएम मोदी पर आरोप लगाया कि वह इतिहास को बदल रहे हैं. वहीं उनकी ही पार्टी जेडीयू के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने नए संसद भवन की जमकर तारीफ की. उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने पीएम मोदी की भी जमकर तारीफ की. 

हरिवंश नारायण सिंह ने कहा कि आजाद भारत की अस्मिता और हमारी समृद्ध लोकतांत्रिक विरासत का प्रतीक संसद के इस नए भवन को देश को समर्पित करने का अविस्मणीय क्षण है. हम सब प्रधानमंत्री के आभारी हैं कि आजादी के अमृतकाल में उन्होंने अपने कुशल नेतृत्व और असाधारण प्रयासों से स्वतंत्र भारत की जनता की आशाओं और आकाक्षांओं के अनुरूप नए संसद भवन की संकल्पना को मूल रूप दिया है. इसकी लिए अपनी और समस्त देशवासियों की ओर से उनका अभिनंदन.

हरिवंश बाबू ने कहा कि हमारे जैसे विशाल और जीवंत लोकतंत्र के लिए यह गर्व का क्षण है. हमारा वर्तमान संसद भवन देश की लोकतंत्रिक गतिविधियों का जीवंत केंद्र रहा है. हमारी प्रगति का मार्गदर्शक रहा है. यह भवन भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति, संविधान निर्माण से लेकर हमारी गौरवशाली लोकतांत्रित यात्रा के दौरान अनेक एतिहासिक घटनाओं का साक्षी रहा है. उन्होंने कहा कि बदलते समय के साथ माननीय सदस्यगण अपने संसदीय दायित्वों के समुचित निर्वहन के लिए आधुनिक सुविधाओं एवं नई तकनीकि से युक्त एक नए संसद भवन की आवश्यक्ता महसूस कर रहे थे. 

उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में परिसीमन के कारण सदस्यों की संख्या में बढ़ोत्तरी की संभावना एवं संसद की बढ़ती हुई जिम्मेदारियों को देखते हुए वर्तमान संसद भवन में स्थान अभाव भी महसूस किया जा रहा था. यही कारण है कि संसद के दोनों सदनों ने माननीय प्रधानमंत्री जी से सांसदों की दक्षता बढ़ाने और संसदीय कामकाज की इफिसेंसी बढ़ाने के उद्देश्य से आधुनिक सुविधाओं और संसाधनों से संपन्न एक नए भवन के निर्माण का आग्रह किया था.

हरिवंश नारायण सिंह ने कहा कि यह अपार हर्ष का विषय है कि प्रधानमंत्री ने अपनी देखरेख में ढाई वर्षों से भी कम समय में आधुनिक संसद भवन को तैयार कराया है. यह भवन ईंट और गारे की संरचना मात्र नहीं है, बल्कि देश की सर्वोच्च चुनी हुई संस्था के रूप में यह भवन देश के नागरिकों की आशाओं, अपेक्षाओं और आकांक्षाओं की पूर्ति का माध्यम है. उन्होंने कहा कि यह नया भवन अपने आपमें वास्तुकला का शानदार उदाहरण है. इसमें देश की सांस्कृतिक विरासत और विविधता की अद्भुत झलक मिलती है. इसमें हमारी संसद के जरूरतों के अनुरूप सौंदर्य और प्रोद्योगिकी का मिश्रण भी किया गया है. 

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हरिवंश बाबू ने कहा कि यह भवन त्रिकोणीय आकार का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करता है. इसमें लोकसभा और राज्यसभों कक्षों में पुराने भवन की तुलना में कहीं अधिक सदस्यों के बैठने की सुविधा है. इन कक्षों में प्रत्येक सदस्य के लिए पूरी तरह डिजिटली वायर्ड इंटरनेट प्रोटोकॉल आधारित प्रणाली एवं इंटिग्रेटेड मल्टीमीडिया डिस्पले की सुविधा, अतिरिक्त सुरक्षा बटन के साथ मतदान प्रणाली सहित अन्य आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो आजादी के बाद जन्म लेने वाले हमारे पहले प्रधानमंत्री हैं, इस शानदार भवन का लोकार्पण कर रहे हैं. 

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