CM नीतीश का आखिरी वक्त में रद्द हुआ तमिलनाडु दौरा, क्या कमजोर पड़ गई विपक्षी एकता की धार?
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CM नीतीश का आखिरी वक्त में रद्द हुआ तमिलनाडु दौरा, क्या कमजोर पड़ गई विपक्षी एकता की धार?

सीएम एमके स्टालिन अपने पिता और तमिलनाडु के पूर्व सीएम एम. करुणानिधि की जन्म शताब्दी पर पूरे प्रदेश में भव्य कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं. इस मौके पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में नीतीश और तेजस्वी को शामिल होना था.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

Bihar Politics: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का तमिलनाडु दौरा आखिरी समय में रद्द हो गया. अब उनकी जगह पर डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के साथ मंत्री संजय झा गए हैं. जानकारी के मुताबिक, एयरपोर्ट पर नीतीश कुमार का तेजस्वी यादव इंतजार करते रहे, लेकिन वो नहीं आए. अंत में मंत्री संजय झा को उनके साथ भेजा गया. बता दें कि नीतीश कुमार आज यानी मंगलवार (20 जून) को डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के साथ चेन्नई जाने वाले थे. जहां दोनों तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन से मुलाकात करके उन्हें विपक्ष की बैठक का निमंत्रण देने वाले थे. अंतिम समय में नीतीश का दौरा कैंसिल करने से कई सवाल उठ रहे हैं. 

 

विपक्षी एकता के लिहाज से नीतीश और तेजस्वी का ये दौरा काफी अहम था. नीतीश-तेजस्वी जहां स्टालिन को विपक्ष की बैठक का निमंत्रण देते, तो वहीं स्टालिन दोनों नेताओं से अहम योजनाओं का उद्घाटन कराने वाले थे. बता दें कि स्टालिन अपने दिवंगत पिता और तमिलनाडु के पूर्व सीएम एम. करुणानिधि की जन्म शताब्दी पर पूरे प्रदेश में भव्य कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं. उन्होंने नीतीश-तेजस्वी को भी बुलाया था. इसके अलावा स्टालिन यहां सीएम नीतीश कुमार के हाथों ‘कलैगनार कोट्टम’ परिसर का उद्घाटन कराने वाले थे. तो वहीं तेजस्वी यादव को ‘मुथुवेलार’ पुस्तकालय का उद्घाटन करना था.

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नीतीश ने क्यों रद्द किया अपना दौरा?

अब सवाल ये है कि जब विपक्षी एकता के लिए ये दौरा इतना महत्वपूर्ण था, तो इसे आखिरी वक्त में रद्द क्यों किया गया. राजनीतिक पंडितों का कहना है कि जीतन राम मांझी अभी दिल्ली में हैं. दिल्ली में वो अमित शाह से मुलाकात करने वाले हैं. हो सकता है कि एनडीए में वापसी की डील सेट हो जाए और आज ही इसका ऐलान हो जाए. यदि नीतीश और तेजस्वी की गैरमौजूदगी में प्रदेश की राजनीति में इतना बड़ा बदलाव महागठबंधन को भारी पड़ सकता था. पूरे घटनाक्रम का उचित जवाब देने के लिए नीतीश कुमार ने अपना दौरा रद्द किया है. वहीं कुछ लोगों का कहना है कि कांग्रेस के बढ़ते दबदबे से नीतीश कुमार अब खुद कंफ्यूज हैं. लोगों का तो ये भी कहना है कि यदि उन्हें पीएम कैंडिडेट नहीं घोषित किया गया तो वो फिर से पलटी मार लेंगे.

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विपक्षी एकता में कांग्रेस का अडंगा

नीतीश की विपक्षी एकता वाले इस मुहिम में कांग्रेस पार्टी अडंगा लगाने में लगी है. बिहार कांग्रेस अध्यक्ष ने बैठक से पहले ही बिहार कांग्रेस ने पीएम प्रत्याशी का ऐलान कर दिया है. सीएम नीतीश कुमार का साफ कहना है कि कॉमन प्रोग्राम के तहत चुनाव लड़ा जाएगा और बाद में प्रदर्शन के हिसाब से पीएम कैंडिडेट का चयन होगा. नीतीश के अलावा एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने भी चुनाव के बाद ही प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी का चुनाव करने की वकालत की थी. वहीं बिहार में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने राहुल गांधी को भावी प्रधानमंत्री घोषित कर दिया है. अखिलेश प्रसाद सिंह ने राहुल गांधी को जन्मदिन की बधाई देते हुए उन्हें भावी प्रधानमंत्री बताया. 

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