बिहार के इस शाही महल में होली मनाने आते है विदेशी मेहमान, जानें क्या है खास
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बिहार के इस शाही महल में होली मनाने आते है विदेशी मेहमान, जानें क्या है खास

नालंदा जिले के अमावां किले के अंदर मुख्य महल के आंगन में होली के अवसर पर हर साल कार्यक्रम किया जाता है. हर साल ही करीब 60 दिशों से विदेशी मेहमान यहां होली खेलने के लिए आते है.

बिहार के इस शाही महल में होली मनाने आते है विदेशी मेहमान, जानें क्या है खास

नालंदा: बिहार के नालंदा शहर एक शाही महल ऐसा भी है जहां विदेशी मेहमान होली मनाने आते है. यह सिलसिला किसी एक दिन का नहीं है यहां कई वर्षों से यह परमपरा चलती आ रही है. करीब 60 देशों से विदेशी मेहमान बिहार में रंग-बिरंगे रंगों की होली खेलने आते है. आइए जानते है ये शाही महल खास क्यों है.

महल में बनी हुई है कई प्रकार की कलाकृतियां
दरअसल, नालंदा जिले के अमावां किले के अंदर मुख्य महल के आंगन में होली के अवसर पर हर साल कार्यक्रम किया जाता है. हर साल ही करीब 60 दिशों से विदेशी मेहमान यहां होली खेलने के लिए आते है. इस महले में होली से तीन दिन पहले ही कार्यक्रम शुरू हो जाते है. यहां लोग एक-एक सप्ताह रहकर जाते है. ऐसे में विदेशी मेहमानों को बिहार की परमपरा के बारे में जानने का मौका मिलता है. बुधवार को होली पर बिहार के लोक गीत गए, इन गीतों पर विदेशी मेहमानों ने बहुत ही आनंद लिया. जानकारी के लिए बता दें कि करीब सौ वर्ष पहले बने इस महल में कई प्रकार की कलाकृतियां बनी हुई है, जो यहां आने वाले मेहमानों को काफी पसंद आती है.

महल में ऐसे होता है सम्मान
बता दें कि अमावां के राजा हरिहर नारायण प्रसाद सिंह के पौत्र, प्रपौत्र व पौत्रवधू हर साल बिहार होली मनाने के लिए आते है. इनके साथ अन्य विदेशी मेहमान भी कार्यक्रम में शामिल होते है.

महादेव की भक्ति में लीन हो जाते है विदेशी मेहमान
शाही महल के राजकुमार हषेंद्र प्रताप सिंह ने अनुसार बता दें कि विदेशी मेहमान यहां लगातार कई वर्षों से होली मनाने आ रहे हैं. हिन्दू धर्म से इनका गहरा नाता जुड़ गया है. जब विदेशी मेहनाम यहां आए तो हर-हर महादेव और भगवान कृष्ण की भक्ति में लीन हो गए.

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