धनबाद में टपकती छत के बीच भविष्य संवारने को मजबूर छात्र, शिक्षा विभाग कर रहा है अनदेखी
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धनबाद में टपकती छत के बीच भविष्य संवारने को मजबूर छात्र, शिक्षा विभाग कर रहा है अनदेखी

झारखंड के धनबाद के सरकारी स्कूलों का हाल किसी से छुपा नहीं है. जहां बच्चे जर्जर स्कूल में पढ़ने को मजबूर हैं. झरिया के सरकारी मिडिल स्कूल चासनाला में लगभग तीन सौ से ज्यादा विद्यार्थी बारिश के पानी के बीच बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं. 

(फाइल फोटो)

Dhanbad: झारखंड के धनबाद के सरकारी स्कूलों का हाल किसी से छुपा नहीं है. जहां बच्चे जर्जर स्कूल में पढ़ने को मजबूर हैं. झरिया के सरकारी मिडिल स्कूल चासनाला में लगभग तीन सौ से ज्यादा विद्यार्थी बारिश के पानी के बीच बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं. स्कूल की इमारत बदहाल हो चुकी है, और छत से टपकता पानी अध्ययन में बाधा डालता है.  दीवारों में दरारें पड़ गई हैं.  छत का प्लास्टर उखड़ा हुआ है. जरा सी बारिश में ही छत से पानी टपकने लगता है. दीवारों से पानी रिसकर कमरों में भर जाता है. 

स्कूल की इमारत हुई जर्जर
दरअसल, भले ही झारखंड सरकार गरीब बच्चों का भविष्य संवारने के लाख दावे कर रही हो, लेकिन धनबाद के झरिया मिडिल स्कूल चासनाला में विद्यालय की स्थिति बेहद खराब है. यहां पर स्कूल की इमारत पूरी तरह से जर्जर पड़ी है. जिसके कारण बच्चों की जान को भी खतरा है. 

कटोरी, प्लेट में जमा हो रहा छत से टपकता पानी
यहां  की स्थिति इतनी ज्यादा खराब हो गई है कि इन कमरों में बच्चे अब बैठ नहीं पा रहे हैं. बारिश का पानी टपक कर सीधे बेंच पर गिर रहा है. बच्चों की पुस्तकें गीली नहीं हो इसके बचाव के लिए पानी रोकने के लिए स्कूल प्रबंधन द्वारा प्लेट, कटोरी व बडे बर्तनों का सहारा लिया जा रहा है. शिक्षा बाधित ना हो इसलिए बच्चों को वैकल्पिक तौर पर उन्हें अब अपने क्लास के बाहर दरी में बिठा पढ़ाया जा रहा है.

शिक्षा विभाग कर रहा अनदेखी
वहीं, स्कूल प्रबंधन ने इस समस्या से शिक्षा विभाग के अफसरों को अवगत कराया तो उन्हें सिर्फ आश्वासन दिया गया. चासनाला मध्य विद्यालय की शिक्षिका सुगंधा सिंह ने बताया कि विद्यालय के भवनों की हालत काफी जर्जर हो गई है. इस विद्यालय के छह कमरों मे अब सिर्फ दो कमरों की हालात ही थोड़ी ठीक है. बाकी सभी कमरों में पानी टपकता है. साथ ही दीवारों का प्लास्टर भी गिरता है. इसके चलते मजबूरन बच्चों को क्लास के बाहर दरी पर बैठाकर पढ़ाया जाता है. स्कूल के सहायक शिक्षक महेश राम ने बताया कि इमारत की हालत के बारे में कई बार शिक्षा विभाग को बताया गया है. इसको सुधारने के लिए विभाग की पहल नहीं हो रही है. कई बार ज्ञापन भी सौंपा है, लेकिन कार्रवाई नहीं होती.

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