New Parliament Building: संसद की नई बिल्डिंग में आज से शुरू होगा कामकाज, महिला सांसदों ने शेयर कीं पुरानी इमारत से जुड़ी यादें
Advertisement
trendingNow0/india/bihar-jharkhand/bihar1876515

New Parliament Building: संसद की नई बिल्डिंग में आज से शुरू होगा कामकाज, महिला सांसदों ने शेयर कीं पुरानी इमारत से जुड़ी यादें

पुरानी बिल्डिंग से विदा लेने से पहले 10 महिला सांसदों ने अपनी यादों को शेयर किया और पुराने संसद भवन को विदाई देते हुए भावुक संदेश लिखे हैं. इनमें सत्तापक्ष और विपक्ष की महिला सांसद शामिल हैं.

फाइल फोटो

Parliament Special Session Update: संसद का विशेष सत्र आज यानी सोमवार (18 सितंबर) से शुरू हो रहा है. ये सत्र पांच दिन यानि आज से 22 सितंबर तक चलेगा, इसमें 5 बैठकें होनी है. संसद के इस विशेष सत्र में नई बिल्डिंग में भी प्रवेश किया जाएगा. मतलब इस विशेष सत्र से संसद की नई भवन में कामकाज शुरू हो जाएगा. इससे पहले रविवार (17 सितंबर) की सुबह को उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने नए भवन में राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया. पुरानी बिल्डिंग से विदा लेने से पहले 10 महिला सांसदों ने अपनी यादों को शेयर किया और पुराने संसद भवन को विदाई देते हुए भावुक संदेश लिखे हैं. 

शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने अपने ‘नोट’ में पुरानी संसद भवन के विभिन्न हॉल की अपनी यात्रा का वर्णन किया है. उन्होंने कहा, ‘‘2006 में एक विस्मित दर्शक से लेकर 2009 में पहली बार की सांसद, फिर 2019 में पहली बार मंत्री बनने तक लोकतंत्र के इस मंदिर में इन 144 स्तंभों ने मेरे लिए ढेर सारी यादें संजोकर रखी है.’’ बादल ने कहा, ‘‘इतिहास और हजारों भारतीय कलाकारों, मूर्तिकारों और मजदूरों की हस्तकला से सुसज्जित यह खूबसूरत इमारत गहन शिक्षा और अत्यधिक संतुष्टि का स्थान रही है. सेंट्रल हॉल, जहां मित्रता बनी, सभी यादें को जीवनभर संजोकर रखा जाएगा.’’ 

ये भी पढ़ें- आज से शुरु होगा संसद का विशेष सत्र, नए संसद भवन में इन 8 विधेयकों पर होगी चर्चा

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की संसद सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने अपने नोट में ऐसी ही यादों को बयां करते हुए कहा, ‘‘यादें, सीखना, नीति निर्माण, मित्रता. इतिहास और चमत्कार की इस सुंदरता ने गहन चर्चा, व्यवधान, दिग्गज नेताओं और इतिहास निर्माताओं को देखा है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘संसद ने आत्मविश्वास से भरे एक राष्ट्र के रूप में हमारी 75 साल की यात्रा को आकार दिया है. इस यात्रा का हिस्सा बनकर गर्व है और आशा है कि इस संसद भवन का सार नए भवन में बना रहेगा. मेरे राष्ट्र को सदैव कृतज्ञतापूर्वक शुभकमानाएं.’’ 

केंद्रीय मंत्री और अपना दल (सोनेलाल) की सांसद अनुप्रिया पटेल ने संसद भवन में पहली बार प्रवेश करने के क्षणों को याद किया. उन्होंने अपने नोट में कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से 2014 (16वीं लोकसभा) में पहला संसदीय चुनाव जीतने पर संसद भवन के पवित्र परिसर में प्रवेश करना मेरे लिए भावुक और विनम्र क्षण था. मैं गहरायी से महसूस कर सकती थी कि मैं एक ऐतिहासिक इमारत में प्रवेश कर रही हूं जिसने भारत को 15 अगस्त 1947 को आजादी हासिल करते हुए, हमारा संविधान बनाते हुए तथा देश के लोकतांत्रिक संस्थाओं के विकास और उन्हें मजबूत होते हुए देखा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की राजसी प्रतिमा के सामने खड़े होकर काफी अभिभूत महसूस किया. इस संसद भवन ने मुझे देश के विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिष्ठित नेताओं से संसदीय प्रक्रियाओं की बारीकी सीखने का अवसर दिया.’’ 

ये भी पढ़ें- Lok Sabha Elections: क्या जेडीयू तैयार कर रही I.N.D.I.A गठबंधन से अलग रणनीति?

पटेल ने कहा, ‘‘बदलते वक्त और हमारे उभरते लोकतंत्र की जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने नए संसद भवन की नींव रखी. मैं सभी सुविधाओं सहित प्रकृति से तालमेल के साथ नये आधुनिक परिसर के बारे में काफी उत्साहित हूं. मैं नए परिसर से हमारे देशवासियों के कल्याण के लिए काम शुरू करने और इतिहास बनाने का हिस्सा बनने को लेकर बेहद उत्साहित हूं.’’ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद पूनम महाजन ने काव्यात्मक ढंग से अपने विचार साझा करते हुए कहा, ‘‘अंतिम जय का व्रज बनाने, नव दधीचि हड्डियां गलाएं. आओ फिर से दीया जलाएं.’’ तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा ने कहा कि इस इमारत की उनके दिल में हमेशा खास जगह रहेगी. उन्होंने कहा, ‘‘यह इमारत यह वह सदन है, जहां पहली बार सांसद के रूप में मैं गयीं. लेकिन यह घर बन गया. किसी के भी पहले घर की तरह इस इमारत की मेरी दिल में हमेशा एक खास जगह रहेगी. इस महान भवन ने सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों को गले लगाया है. और इसके सुरक्षा कवच में हमें हमारा छोटा-सा कोना तलाशने में मदद की.’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘इमारत बदल सकती है लेकिन इसका प्रतीकवाद - एक स्वतंत्र देश के स्वतंत्र रूप से निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के लिए एक मुक्त स्थान है जिसे अक्षुण्ण बनाए रखना हम सभी की जिम्मेदारी है.’’ केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद स्मृति ईरानी ने अपने ‘नोट’ में कहा, ‘‘शुभकामनाएं.’’ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की सांसद सुप्रिया सुले ने अपने नोट में कहा, ‘‘मुझे दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का हिस्सा बनने और उस पुराने खूबसूरत संसद भवन में आयोजित सत्रों में भाग लेने का अवसर प्रदान करने के लिए महाराष्ट्र और बारामती के लोगों का धन्यवाद, जो उन नेताओं की आवाज को प्रतिबिंबित करता है, जिन्होंने हमारे सुंदर देश के विकास में योगदान दिया.’’ कांग्रेस सांसद राम्या हरिदास ने पुरानी इमारत के महत्व को याद किया और इसे ‘‘लोकतंत्र का महल’’ और ‘‘मजबूत निर्णयों का जन्म स्थान’’ बताया. उन्होंने इसकी ऐतिहासिक महत्ता और सदाबहार यादों का उल्लेख किया. 

ये भी पढ़ें- क्या I.N.D.I.A के हथियार से NDA करेगा उस पर वार! जैनें कैसे हो रहा फॉर्मूला तैयार

अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा ने कहा, ‘‘पहली बार जब मैंने संसद में प्रवेश किया, वह मेरे लिए यादगार क्षण है. आप, मैं, संसद की यह पीढ़ी आगे न जाने कहां होगी. पिछले दस वर्ष संसद में मैंने बहुत सी चीजें सीखीं. इस संसद के साथ शानदार यादें जुड़ी हैं.’’ उन्होंने कहा कि विशेष रूप से सेंट्रल हॉल लॉबी, मंत्री का अलग कार्यालय और अन्य चीजें शानदार हैं. यह सच है कि यह लोकतंत्र का असली मंदिर है. राज्यसभा सदस्य और महान धावक पीटी ऊषा ने पुराने संसद भवन को लेकर अपनी अनूठी यादें साझा कीं. उन्होंने अपने ‘नोट’ में कहा, ‘‘1986 में सियोल में स्वर्ण पदक जीतने के बाद एक दर्शक के रूप में मैंने पहली बार इस खूबसूरत संसद भवन की यात्रा की थी. वह समय आज भी याद है कि सभी माननीय सांसदों ने मुझे बधाई और शुभकामनाएं दी थीं. उसके बाद भी मैं किसी विशेष उद्देश्य से दो या तीन बार गई. लेकिन 27 जुलाई 2022 का दिन मेरे लिए बहुत खास था.’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘जीवन में पहली बार मैंने जब राज्यसभा में कदम रखा, सीढ़ियों को प्रणाम किया और हरि ओम का उच्चारण किया. मैंने देखा कि इस प्रतिष्ठित सदन के सभी सम्मानित सदस्य मुझे बधाई और शुभकामनाएं देने आए. मुझे एक अच्छे सांसद की तरह कैसा व्यवहार करना है, सत्र दर सत्र यह सिखाने में उनका बहुत सहयोगात्मक व्यवहार रहा. वे हमेशा मेरे प्रति अपना प्यार और स्नेह दिखाते हैं और मुझसे मेरे परिवार, उपलब्धियों आदि के बारे में पूछते हैं.’’ 

ऊषा ने कहा, ‘‘मुझे वास्तव में गर्व है कि इतने अनुभवी माननीय सदस्य मेरे साथ खड़े रहे. मैं भी विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित अलग-अलग मुद्दों को प्रस्तुत करने का प्रयास कर सकती हूं, विशेष रूप से हमारी मातृभूमि के खिलाड़ियों के संबंध में. यह मेरे लिए सचमुच सम्मान की बात है कि लोकतंत्र का यह मंदिर हमारे हर नागरिक के दिल में हमेशा बना रहे. मैं इस पवित्र सदन के सामने सिर झुकाती हूं.’’ संसद के पांच दिवसीय सत्र की शुरुआत सोमवार से होगी. नये सत्र के शुरू होने से पहले इस बात को लेकर चर्चा जोरों पर है कि क्या सरकार इस दौरान कुछ चौंकाने वाली चीजें पेश करेगी. सत्र में संसद के 75 साल के सफर पर चर्चा होगी और संसद को नए भवन में स्थानांतरित किया जाएगा. 

Trending news