Rath Yatra 2022: 2022 में कब है जगन्नाथ रथ यात्रा, जानिए शुभ तिथि मुहूर्त और तारीख
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Rath Yatra 2022: 2022 में कब है जगन्नाथ रथ यात्रा, जानिए शुभ तिथि मुहूर्त और तारीख

Jagannath Rath Yatra 2022: जगन्नाथपुरी में हर साल भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जाती है. इस रथ यात्रा का महत्व विश्न भर में है और यह दुनिया में भारत की सांस्कृतिक पहचान के तौर पर जानी जाती है. इस रथयात्रा में शामिल होने के लिए कई श्रद्धालु विदेशों से भी आते हैं. 

 (फाइल फोटो)

Jagannath Rath Yatra 2022: जिसका श्रद्धालुओं को सालभर से इंतजार रहता है, जगन्नाथ यात्रा की वह शुभ घड़ी आने वाली है. जगन्नाथ पुरी में हर साल आषाढ़ शुक्लपक्ष की द्वितीया तिथि से शुरू होती है, भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा. द्वितीया से लेकर दशमी तक चलने वाली इस यात्रा की मान्यता है इन दिनों में भगवान लोगों के बीच रहते हैं. इस यात्रा में तीन रथ होते हैं. इन रथों में बीच वाले रथों में बहन सुभद्रा और बगल वाले रथ में श्रीकृष्ण और बलराम की प्रतिमाएं होती हैं. कहा जाता है कि इस रथ यात्रा में शामिल होने से मृत्यु के बाद मोक्ष मिलता है.

जगन्नाथ रथयात्रा शुभ तिथि और मुहूर्त
जगन्नाथपुरी में हर साल भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जाती है. इस रथ यात्रा का महत्व विश्न भर में है और यह दुनिया में भारत की सांस्कृतिक पहचान के तौर पर जानी जाती है. इस रथयात्रा में शामिल होने के लिए कई श्रद्धालु विदेशों से भी आते है. इस बार यह रथ यात्रा 1 जुलाई से शुरू होगी. भगवान जगन्नाथ की यह रथ यात्रा हर साल आषाढ़ शुक्लपक्ष की द्वितीया तिथि से शुरू होती है. इस बार द्वितीया तिथि का प्रारंभ 30 जून को सुबह 10:49 से हो रहा है. वहीं यह तिथि 1 जुलाई को दोपहर 01:09 तक रहेगी. हिंदू धर्म में किसी भी चीज का प्रारंभ उदया तिथि से माना जाता है. ऐसे में इस साल भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा 1 जुलाई यानी की शुक्रवार को शुरू होगी.

ये मिलता है रथयात्रा का फल
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रथयात्रा निकालकर भगवान जगन्नाथ को प्रसिद्ध गुंडिचा माता के मंदिर पहुंचाया जाता हैं, जहां भगवान 7 दिनों तक विश्राम करते हैं. इसके बाद भगवान जगन्नाथ की वापसी की यात्रा शुरु होती है. भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा पूरे भारत में एक त्योहार की तरह मनाई जाती है. भगवान जगन्नाथ (भगवान श्रीकृष्ण) उनके भाई बलराम (बलभद्र) और बहन सुभद्रा रथयात्रा के मुख्य आराध्य होते हैं. जो भक्त इस रथ यात्रा में शामिल होकर भगवान के रथ को खींचते है तो उन्हें 100 यज्ञ करने का फल प्राप्त हो जाता हैं.

 

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