Atiq Ahmad Son Encounter: असद और गुलाम के एनकाउंटर पर ओवैसी ने आगे कहा, 'सरकार बोल रही है कि पीछे से टीम आई लेकिन पीछे तो दीवार है. कानून को कोई अपने हाथ नहीं ले सकता. आप त्योहार का माहौल क्यों बना रहे हैं. AIMIM चीफ ने आगे कहा, आपके पास सबूत था तो आप सजा दिलाते. अतीक को कोर्ट ने सजा दी है. अशरफ पर भी कोर्ट अपना काम कर रहा है.'
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Encounter in UP: गैंगस्टर अतीक अहमद के बेटे असद और शूटर गुलाम के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद सियासत गरम हो गई है. समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी के अलावा अन्य विपक्षी दल भी बीजेपी को घेरने की कोशिश कर रहे हैं. AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भी बीजेपी सरकार पर जोरदार हमला बोलते हुए एनकाउंटर का विरोध किया है. ओवैसी ने कहा, 'एनकाउंटर से लोगों का कानून पर विश्वास कम होता है. 1994 में मैं विधायक था. तब भी एनकाउंटर्स के खिलाफ था और आज भी हूं. एनकाउंटर से लोकतंत्र पर लोगों का भरोसा कम हो जाता है. मेरे भाई अकबरुद्दीन ओवैसी पर भी हमला हुआ था. लेकिन वो बच गए. आज भी भाई की पहले जैसी सेहत नहीं है. तब बहुत लोगों ने ताने मारे थे. मैंने तत्कालीन हैदराबाद पुलिस कमिश्नर को बोला था कि आरोपी को सुरक्षा दें. मैं सिर्फ यही कह रहा हूं कि कानून का राज होना चाहिए. मुझ पर भी पिछले साल गोलियां चली थीं. लेकिन हमने नहीं कहा कि उनका एनकाउंटर कर दो. हम एनकाउंटर के खिलाफ हैं.'
ओवैसी ने बोला हमला
असद और गुलाम के एनकाउंटर पर ओवैसी ने आगे कहा, 'सरकार बोल रही है कि पीछे से टीम आई लेकिन पीछे तो दीवार है. कानून को कोई अपने हाथ नहीं ले सकता. आप त्योहार का माहौल क्यों बना रहे हैं. AIMIM चीफ ने आगे कहा, आपके पास सबूत था तो आप सजा दिलाते. अतीक को कोर्ट ने सजा दी है. अशरफ पर भी कोर्ट अपना काम कर रहा है.'
उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स ने गुरुवार को झांसी में असद और गुलाम का एनकाउंटर किया था. दोनों पर 5-5 लाख रुपये का इनाम था. मुठभेड़ उस दिन हुई, जब अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को प्रयागराज की अदालत में पेश किया गया था.अदालत में सुनवाई के दौरान जब अतीक अहमद को अपने बेटे के एनकाउंटर की खबर मिली तो वह फूट-फूट कर रो पड़ा.
कौन था असद
19 साल की उम्र में असद किसी भी युवा की तरह कानून में करियर बनाना चाहता था. लेकिन नियति में कुछ और ही था. गैंगस्टर अतीक अहमद का तीसरा बेटा असद कानून की दहलीज को पार कर राज्य में मोस्ट वॉन्टेड क्रिमिनल बन गया. उसके सिर पर पांच लाख रुपये का इनाम हो गया और गुरुवार को 47 दिन के भीतर उसका खूनी अंत हो गया. इस साल 24 फरवरी से पहले असद का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था. इसी दिन उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा और प्रयागराज में वकील उमेश पाल और उनके दो पुलिस गार्ड्स की अपने साथियों के साथ दिन दहाड़े हत्या कर सनसनी फैला दी. पुलिस मुठभेड़ में अपने बेटे की मौत से दुखी अतीक ने गुरुवार रात प्रयागराज जेल में अफसरों से कहा था कि असद की मौत के लिए मैं जिम्मेदार हूं.