Anupriya Patel Interview: बीजेपी की सहयोगी अपना दल (एस) की नेता और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने योगी सरकार से नाराजगी पर खुलकर बात की है और कहा है कि हमारे लगातार प्रयासों के बावजूद सरकार ने मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया.
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Anupriya Patel Reacts on Yogi Govt: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों के बाद से बीजेपी की सहयोगी अपना दल (एस) की नेता और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के बयानों की वजह से योगी सरकार घिरती नजर आई. इसके साथ ही उन्होंने सीएम योगी को पत्र लिखकर ओबीसी, एसटी और एससी अभ्यर्थियों की नियुक्ति को लेकर भेदभाव पर सवाल उठाए थे, जिसके बाद राजनीति तेज हो गई थी. अब अनुप्रिया पटेल ने योगी सरकार से नाराजगी पर खुलकर बात की है और कहा है कि हमारे लगातार प्रयासों के बावजूद सरकार ने मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया.
सरकार ने गंभीरता से ध्यान नहीं दिया: अनुप्रिया
अनुप्रिया पटेल ने कहा, 'एक मुद्दा 69 हजार शिक्षकों की भर्तियों का मुद्दा था. राज्य सरकार के सामने मैं यह मुद्दा लंबे समय से उठा रही थी. इस मुद्दे की जानकारी मैंने केंद्र सरकार को भी दी थी. लेकिन, राज्य सरकार सही समय पर एक्शन नहीं लिया. साल 2022 के विधानसभा चुनाव के पहले केंद्र सरकार के हस्तक्षेप के बाद एसटी-एससी के लिए अतिरिक्त 6800 सीटों की घोषणा की गई, लेकिन मामला कोर्ट में अटक गया. विधानसभा चुनाव के बाद राज्य सरकार ने इस पर गंभीरता से ध्यान नहीं दिया. इससे प्रभावित लोग 2 साल से परेशान थे और लोगों के दिल में इसको लेकर दर्द था. लोग देख रहे थे कि सरकार इस मुद्दे को सुलझाने के लिए कोई गंभीर कदम नहीं उठा रही. इन सबके बीच अगर कोई विपक्षी दल आए और वह लोगों के मन में यह सवाल पैदा करे कि अगर एनडीए को दोबारा सत्ता मिली तो आरक्षण खत्म हो जाएगा.'
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वीडियो में देखें अनुप्रिया पटेल ने क्या-क्या कहा?
"Despite our repeated efforts..." Anupriya Patel reacts to being 'unhappy' with Yogi Sarkar#ANIPodcast #SmitaPrakash #AnupriyaPatel #YogiAdityanath #UttarPradesh
Watch Full Episode Here: https://t.co/2SdJvJP7EH pic.twitter.com/m8RKwIeL21
— ANI (@ANI) July 31, 2024
अब क्यों मुद्दे को पब्लिक में लेकर आईं?
गठबंधन की सहयोगी होने के नाते मेरा दायित्व था कि बंद कमरे में मुद्दे को उठाऊं. क्योंकि, मैंने इन मसलों को केंद्र सरकार के सामने उठाया और केंद्र सरकार ने हस्तक्षेप किया तभी अतिरिक्त सीट आईं, लेकिन मामला कोर्ट में फंस गया. कोर्ट में मसला फंसने के बाद राज्य सरकार का दायित्व बनता था कि इसका समाधान निकालें, लेकिन वो नहीं हुआ. इसलिए, 2024 के पहले लोगों के मन में भय और नाराजगी थी कि आप हमारे लिए काम नहीं कर रहे. जब 2024 के परिणाम आए तो वो सुखद नहीं रहे. इसलिए मुझे कहना पड़ा कि हम बहुत समय से कह रहे हैं और अब आपको इसको संज्ञान में लेना चाहिए, क्योंकि विपक्ष ने इसका फायदा उठाया है.