Lucknow Rain Harrassment: लखनऊ में सड़क पर भरा पानी महिला पर उछालने और उसे गिराने के मामले ने फिर से तूल पकड़ लिया है. अब अखिलेश यादव ने इस घटना में जाति का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा है.
Trending Photos
Lucknow News: पिछले महीने की आखिरी तारीख यानि 31 जुलाई को अदब के शहर लखनऊ में एक बेअदबी की घटना सुर्खियों में रही थी. भयंकर बारिश के कारण पानी से भरी सड़क पर बाइक पर बैठी एक महिला के साथ कुछ लोगों ने अभद्रता की थी, जिससे वो गिर गई. इस घटना पर सीधे सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक्शन लिया और आरोपियों की गिरफ्तारी के साथ ही कई अफसरों का तबादला हो गया. अब इस मामले में जाति का तड़का लग चुका है.
चाय पी रहा था, पुलिस पकड़ ले गई
दरअसल, लखनऊ के गोमती नगर में 31 जुलाई को बारिश के दौरान पानी से भरी सड़क से गुजर रही एक महिला से छेड़छाड़ के मामले के आरोपी पवन यादव ने गुरुवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की और खुद को बेकसूर बताया. इस मुलाकात के बाद पीटीआई से बातचीत में पवन यादव ने दावा किया कि वह मौके पर मौजूद नहीं था. वह बैठकर चाय पी रहा था तभी पुलिस उसे पकड़ ले गई.
गेहूं में घुन तो पिसता ही है
पवन ने दावा किया कि वह घटना के वीडियो फुटेज में भी नहीं दिखाई दे रहा है. उसने आरोप लगाया कि शायद उसे यादव बिरादरी का होने की वजह से मामले में फंसाया गया. पवन यादव ने कहा कि गेहूं में घुन तो पिसता ही है उसमें मैं भी आ गया, शायद मैं यादव था इसलिए.
अखिलेश ने पूछा, दो ही नाम क्यों लिए?
इस बीच, अखिलेश यादव ने स्वाधीनता दिवस के अवसर पर पार्टी कार्यालय में संवाददाताओं से बातचीत में पवन यादव का नाम लिए बगैर कहा कि वह लड़का यहां पर आया हुआ है. वह चाय पीने गया था, पुलिस उसे उठा कर ले गई. उन्होंने मानसून सत्र के दौरान उत्तर प्रदेश विधानसभा में मुख्यमंत्री द्वारा इस घटना के सिलसिले में पवन यादव का नाम लिए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि नाम तो और भी बहुत से लिए जा सकते थे, लेकिन विधानसभा में सिर्फ दो ही नाम क्यों लिए गए?
योगी ने दी थी चेतावनी
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में 31 जुलाई को बारिश के दौरान अराजक तत्वों द्वारा मोटरसाइकिल सवार एक व्यक्ति और उसकी पत्नी पर सड़क पर भरा पानी उछालने और महिला को खींचकर गिराने के मामले का जिक्र करते हुए एक अगस्त को विधानसभा में 16 आरोपियों में से पवन यादव और मोहम्मद अरबाज का नाम लिया था. मुख्यमंत्री ने तल्ख अंदाज में कहा था कि इस घटना के अपराधियों के लिये 'सद्भावना ट्रेन' नहीं बल्कि 'बुलेट ट्रेन' चलेगी.
कई अफसरों पर गिरी थी गाज
इस मामले में आदित्यनाथ के आदेश पर चार पुलिसकर्मियों को निलंबित किये जाने के साथ-साथ संबंधित पुलिस उपायुक्त समेत तीन वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को पद से हटा दिया गया था. इस मामले में 16 आरोपी गिरफ्तार किये गये थे. आदित्यनाथ के निर्देश पर शासन ने मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में पुलिस उपायुक्त (पूर्वी) प्रबल प्रताप सिंह, सहायक पुलिस उपायुक्त अमित कुमावत और गोमतीनगर के सहायक पुलिस आयुक्त अंशु जैन के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से हटा दिया था, जबकि गोमतीनगर के थानाध्यक्ष दीपक कुमार पांडेय, समतामूलक चौकी प्रभारी ऋषि विवेक, दारोगा कपिल कुमार, सिपाही धर्मवीर और सिपाही वीरेंद्र कुमार समेत चौकी के सभी पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था. अखिलेश यादव ने फिर से इस घटना को उठाते हुए जिस तरह से जाति का जिक्र किया है, उससे अंदाजा लगाया जा रहा कि इस पर फिर से राजनीति होनी तय है.