18th Lok Sabha's first session: देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम मानते हैं कि सरकार चलाने के लिए बहुतम की जरूरत होती है लेकिन देश चलाने के लिए सहमति बहुत जरूरी होती है. इसलिए हमारा निरंतर प्रयास रहेगा कि हर किसी की सहमति के साथ, हर किसी को साथ लेकर मां भारती की सेवा करें.
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Parliament Session 2024: आज से शुरू हो रहे 18वीं लोकसभा के सत्र से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने देश को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने एनडीए सरकार के तीसरे कार्यकाल को लेकर एजेंडे पर बात की. साथ ही उन्होंने इंदिरा सरकार में 25 जून 1975 को लगाए गए आपातकाल को लेकर विपक्ष पर भी निशाना साधा.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "आज का दिन गौरवमय है. यह वैभव का दिन है. आजादी के बाद पहली बार हमारी अपनी नई संसद में ये शपथ समारोह हो रहा है. अब तक ये प्रक्रिया पुराने सदन में हुआ करती थी. आज के इस महत्वपूर्ण दिवस पर सभी नवनिर्वाचित सांसदों का स्वागत करता हूं. संसद का ये गठन भारत के सामान्य मानविकी के संकल्पों के पूर्ति का है. नए उमंग और नए उत्साह के साथ नई गति, नई ऊंचाई प्राप्त करने के लिए ये अत्यंत महत्वपूर्ण अवसर है."
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि विकसित भारत 2047 तक का लक्ष्य का सपना लेकर आज 18वीं लोकसभा का प्रारंभ हो रहा है. विश्व का सबसे बड़ा चुनाव बहुत ही शानदार तरीके बहुत ही गौरवमय तरीके से संपन्न होना यह हर भारतीय के लिए गौरव की बात है. आजादी के बाद दूसरी बार किसी सरकार लगातार तीसरी बार सेवा करने के लिए देश की जनता ने अवसर दिया है और ये अवसर 60 साल के बाद आया है. यह अपने आप में बहुत ही गौरवरपूर्ण घटना है.
देश चलाने के लिए बहुमत जरूरीः प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि जब देश की जनता ने तीसरे कार्यकाल के लिए भी एक सरकार को पसंद किया है तो मतबल उसकी नियत पर मुहर लगाई है. उसकी नीतियों पर मुहर लगाई है. जनता के प्रति उसके समर्पण भाव पर मुहर लगाई है. पिछले 10 सालों में जिस परंपरा को हमने स्थापित करने का प्रयास किया है. क्योंकि हम मानते हैं कि सरकार चलाने के लिए बहुतम की जरूरत होती है लेकिन देश चलाने के लिए सहमति बहुत जरूरी होती है. इसलिए हमारा निरंतर प्रयास रहेगा कि हर किसी की सहमति के साथ, हर किसी को साथ लेकर भारत की सेवा हो और 140 करोड़ देशवासियों की आशा और आकांक्षा पूर्ण करें.
50 साल पहले लोकतंत्र पर लगा था काला धब्बाः मोदी
पीएम मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, "आज हम 24 जून को मिल रहे हैं. कल 25 जून है और जो लोग इस देश की संविधान की गरिमा के प्रति समर्पित हैं, जो लोग भारत के लोकतांत्रिक परंपराओं में निष्ठा रखते हैं, उनके लिए 25 जून ना भूलने वाला दिन है. 25 जून को भारत के लोकतंत्र में जो काला धब्बा लगा था कल उसके 50 वर्ष हो रहे हैं."
उन्होंने कहा कि भारत की नई पीढ़ी यह कभी नहीं भूलेगी कि कैसे भारत के संविधान को पूरी तरह नकार दिया गया था, संविधान की धज्जियां उड़ाई गई थी, देश को जेलखाना बना दिया गया था. लोकतंत्र को पूरी तरह दबोच दिया गया था. आपातकाल के ये 50 साल इस संकल्प हैं कि हम गौरव के साथ हमारे संविधान की रक्षा करते हुए भारत के लोकतंत्र और लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा करते हुए देशवासी संकल्प लेंगे कि भारत में फिर कभी कोई ऐसी हिम्मत नहीं करेगा जो 50 साल पहले किया गया था और भारत के लोकतंत्र पर काला धब्बा लगा दिया गया था.