Tomato Fever In Children: टोमैटो फीवर बच्चों में तेजी से फैल रहा है. इस संक्रमण में बच्चों को नाक, मुंह, हाथ और पैर में लाल रंग के चक्कते पड़ जाते हैं.
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Tomato Fever In Children: कोरोना के बाद से कोई न कोई नई बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. कोराना का आतंक दुनिया में इस तरह फैला कि इससे खुद को बचा पाना मुश्किल हो गया. लोगों को हर पल नई बीमारी का डर सताता रहता है. कोरोना के बाद मंकीपॉक्स संक्रमण ने काफी कहर मचाया. वहीं अब टोमैटो फीवर नामक नया संक्रमण हमारे शरीर पर अटैक कर रहा है. केरल के कोल्लम में 6 मई को एक बच्चे में टोमैटो फीवर का पहला लक्षण देखा गया. ये संक्रमण बच्चों पर तेजी से अटैक कर रहा है. इसमें पूरे शरीर में लाल रंग के चकत्ते पड़ जाते हैं और जोड़ों में तेज दर्द होने लगता है. आइये विस्तार से जानते हैं टोमैटो फ्लू के बारे में.
टोमैटो फीवर क्या है
टोमैटो फ्लू तेजी से बच्चों में नाक, गले और मुंह के जरिए फैलता है. विशेषज्ञों की मानें तो देश के कई राज्यों में इस संक्रमण का खतरा बढ़ता नजर आ रहा है. टोमैटो फीवर को HFMD (हैंड, फुट, माउथ डिजीज) भी कहा जाता है. इस बीमारी के लिए कॉक्ससेकी वायरस जिम्मेदार है. टोमैटो फ्लू को इसलिए HFMD कहा जाता है क्योंकि यह डायरेक्ट हाथ, मुंह और पैर को प्रभावित करता है.
फैलने का कारण
टोमैटो फ्लू 5 साल से कम उम्र के बच्चों में ज्यादा तेजी से फैलने वाला संक्रमण है. जिसे पहले से नाक, मुंह हाथ और में इंफेक्शन हुआ होगा उसके संपर्क में आने से टोमैटो फीवर हो सकता है. इसके साथ ही संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने या एक साथ खाना खाने से भी यह बीमारी फैल सकती है. इस संक्रमण के होने पर बच्चों के शरीर जैसे हाथ, पैर, मुंह में लाल रंग के छाले जैसे चक्कते पड़ जाते हैं. इन लाल रंग के छालों की वजह से ही इसका नाम टोमैटो फ्लू पड़ा.
बीमारी के लक्षण
इसमें बच्चों को तेज बुखार, बदन दर्द, सिर भारी होना, गाल के अंदर छाले निकलना, पैर और हथेलियों पर लाल रंग के दाने निकलना जैसे लक्षण दिखते हैं. टोमैटो फीवर होने पर बच्चा पहले से असहज महसूस कर सकता है. साथ ही उसे भूख कम लगती है. हालांकि शरीर पर निकले ये दाने सामान्य होते हैं जो 3 से 6 दिनों दिखना शुरू होते हैं.
टोमैटो फीवर से बचने के उपाय
वैसे तो यह बीमारी सामान्य रूप से 8 से 10 दिनों में अपने आप ठीक हो जाती है क्योंकि यह इतना खतरनाक नहीं है. लेकिन जरा सी लापरवाही ये समस्या बढ़ा सकती है. इसलिए बच्चों में इस संक्रमण के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाएं. साथ ही डॉक्टर की सलाह से ही दर्द को कम करने की दवा लें.
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