अध्ययन का दावा: हल्का-फुल्का व्यायाम बचपन के मोटापे को कम करने में बड़ा हथियार!
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अध्ययन का दावा: हल्का-फुल्का व्यायाम बचपन के मोटापे को कम करने में बड़ा हथियार!

बढ़ती उम्र के साथ न सिर्फ बड़े, बल्कि बच्चे भी मोटापे की चपेट में आ रहे हैं. ये चिंताजनक स्थिति कई कारकों से जुड़ी है, जिसमें शारीरिक गतिविधियों का कम होना भी प्रमुख भूमिका निभाता है.

अध्ययन का दावा: हल्का-फुल्का व्यायाम बचपन के मोटापे को कम करने में बड़ा हथियार!

बढ़ती उम्र के साथ न सिर्फ बड़े, बल्कि बच्चे भी मोटापे की चपेट में आ रहे हैं. ये चिंताजनक स्थिति कई कारकों से जुड़ी है, जिसमें शारीरिक गतिविधियों का कम होना भी प्रमुख भूमिका निभाता है. लेकिन हाल ही में हुए एक शोध से मिली नई जानकारी से उम्मीद की किरण जगी है. इस शोध के अनुसार, बच्चों के लिए हल्का व्यायाम, कम समय के लिए भी करना, मोटापे के खतरे को कम करने में काफी कारगर साबित हो सकता है।.

एक्सेटर यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए इस अध्ययन में 12 से 18 साल के लगभग 1,200 बच्चों को शामिल किया गया. शोधकर्ताओं ने बच्चों के वजन और शारीरिक गतिविधियों का 13 साल तक अध्ययन किया. अध्ययन के दौरान बच्चों को तीन ग्रुप में बांटा गया. पहला ग्रुप जो दिन में कम से कम 30 मिनट मध्यम से तेज एक्टिविटी करता था, दूसरा ग्रुप जो हल्की गतिविधियां (जैसे टहलना या खेलना) कम समय के लिए करता था और तीसरा ग्रुप जो कोई भी एक्टिविटी नहीं करता था.

क्या निकले नतीजे?
शोध के नतीजे चौंकाने वाले रहे! शोधकर्ताओं ने पाया कि जो बच्चे हल्की गतिविधियां कम समय के लिए करते थे, उनका वजन बढ़ने की गति उन बच्चों की तुलना में काफी कम थी जो बिल्कुल भी गतिविधि नहीं करते थे. यहां तक ​​कि वे बच्चे जो मध्यम से तेज गतिविधि करते थे, उनका वजन हल्की गतिविधि करने वाले बच्चों की तुलना में ज्यादा तेजी से बढ़ा.

एक्सपर्ट की राय
शोध के प्रमुख लेखक डॉ. एंड्रयू अज्बजे ने कहा कि यह शोध इस परंपरागत धारणा को चुनौती देता है कि बचपन के मोटापे को कम करने के लिए बच्चों को जरूरी रूप से जोरदार व्यायाम करने की जरूरत है. हमारे अध्ययन से पता चलता है कि हल्की गतिविधि, कम समय के लिए भी की जाए, तो यह बचपन के मोटापे के खतरे को कम करने में उल्लेखनीय प्रभाव डाल सकती है.

भारत में क्या है स्थिति
इस अध्ययन के निष्कर्षों का खास महत्व तब और बढ़ जाता है जब हम इसे भारतीय संदर्भ में देखते हैं. भारत में बच्चों के बीच बढ़ता हुआ मोटापा एक गंभीर चिंता का विषय है. ऐसे में, इस शोध से मिली जानकारी माता-पिता, शिक्षकों और स्वास्थ्य अधिकारियों को बच्चों को सक्रिय और स्वस्थ रखने के लिए व्यावहारिक रणनीति बनाने में मदद कर सकती है.

तो, बच्चों को मोटापे से बचाने के लिए जरूरी नहीं कि उन्हें जिम में कड़ी मेहनत करनी पड़े. उनके दैनिक जीवन में हल्की गतिविधियों को शामिल करना, जैसे कि स्कूल जाते समय पैदल चलना, खेल का मैदान में थोड़ा समय बिताना, या यहां तक ​​कि घर के काम में हाथ बटाना, काफी फायदेमंद साबित हो सकता है. तो आइए, इस नए साल के साथ बच्चों को स्वस्थ और सक्रिय जीवन की ओर ले जाने का संकल्प लें!

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