पाकिस्तान का सिस्टम बीते कई सालों से कोलैप्स होने के कगार पर है. पाकिस्तान में सरकार चाहे किसी पार्टी की रही हो अर्थव्यवस्था हमेशा आईसीयू में ही रही है. पहले तो मुस्लिम ब्रदरहुड के नाम पर उसे सऊदी और यूएई से खैरात मिल जाती थी. लेकिन अब हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि वही मुल्क मानो पाकिस्तान से पिंड छुड़ाने की कोशिश करने के साथ ऊपरवाले से कामयाबी मिलने की दुआ कर रहे हैं.
इस बीच पाकिस्तान को सऊदी और यूएई ऐसे देशों ने ठेंगा दिखाते हुए उसकी असल औकात बताते हुए पाकिस्तानी नागरिकों को वीजा देने से इंकार कर दिया है. दरअसल खाड़ी देशों के नियोक्ता पाकिस्तानी नागरिकों के बरताव से भी नाराज हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्हें उनके काम की क्वालिटी पसंद नहीं आती.
पड़ोसी देश से जुड़ी कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक हर साल करीब 8 लाख से ज्यादा पाकिस्तानी नागरिक हर साल कामधंधे की तलाश में खाड़ी देशों और वेस्ट एशिया के देशों में वीजा के लिए आवेदन करते हैं. इस बीच सऊदी अरब और UAE दोनों ने पाकिस्तान को बड़ा झटका दिया है. ऐसे में खाड़ी देशों की सरकारों का पाकिस्तानियों के वीजा बैन का फैसला लेने से पहले वहां के लोग पाकिस्तानी वर्करों से खुश नहीं हैं.
दरअसल, पाकिस्तानी नागरिकों पर भीख मांगने, मानव तस्करी और मादक पदार्थों की तस्करी समेत कई दूसरे आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने के इल्जाम लगते आए हैं. इसी वजह से सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और कई दूसरे खाड़ी देशों बैन लगा दिया है.
लाखों पाकिस्तानी यात्रियों और नौकरी चाहने वालों के लिए खाड़ी देश और वहां के शहर, विशेष रूप से दुबई और अबू धाबी, सबसे पसंदीदा जगह हैं.
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