Medicines side effects: दर्द निवारक से लेकर एंटीबायोटिक, एंटी बैक्टीरियल, एंटी फंगल, एंटी कैंसर, मनोरोग तक की दवाएं किडनी को डैमेज करती हैं. गुर्दे डैमेज के 60 फीसदी मामलों के लिए दवाओं का सेवन जिम्मेदार है.
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Medicines side effects: किडनी से जुड़ी बीमारियों पर विशेषज्ञों का कहना है कि 60 फीसदी मामलों में किडनी को क्षति दूसरी बीमारियों में ली आने वाली दवाओं के कारण होती है. इसलिए किडनी की सुरक्षा के लिए जरूरी है कि दवाओं के सेवन में सावधानी रखी जाए. वे दवाएं न लें या कम से कम लें जो गुर्दे को नुकसान पहुंचा सकती हैं.
दर्द निवारक से लेकर एंटीबायोटिक, एंटी बैक्टीरियल, एंटी फंगल, एंटी कैंसर, मनोरोग तक की दवाएं किडनी को डैमेज करती हैं. गुर्दे डैमेज के 60 फीसदी मामलों के लिए दवाओं का सेवन जिम्मेदार है. ये दवाएं किडनी के कामों, सेल्स, फ्री रेडिकल्स तत्वों की संख्या में इजाफा करके सूजन पैदा करके किडनी को डैमेज पहुंचाती हैं.
खतरे से कैसे बचा जाए?
सबसे अहम बात यह है कि खतरे से कैसे बचा जाए. सबसे जरूरी है कि उन दवाओं का सेवन नहीं करना चाहिए, जो किडनी को नुकसान पहुंचाती हैं. आमतौर पर एक दवा के कई विकल्प मौजूद होते हैं. दूसरे, यदि विकल्प नहीं मिले तो दवा की निम्म खुराक लेनी चाहिए और वह सीमित अवधि तक ही लेनी चाहिए. आमतौर पर लोग बिना डॉक्टर से पूठे कई दवाओं को लंबे समय तक खाते रहते हैं. यदि वह दवा किडनी के लिए नुकसानदेह है, तो उसे खाने से बचना चाहिए.
किडनी को हेल्दी कैसे रखें?
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)