Heart patient: मौसम का लगातार बदलना दिल के मरीजों की जान के लिए खतरा बन गया है. ये दावा अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की जर्नल सर्कुलेशन में छपे एक नए अध्ययन में किया गया है.
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मौसम का लगातार बदलना दिल के मरीजों की जान के लिए खतरा बन गया है. ये दावा अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की जर्नल सर्कुलेशन में छपे एक नए अध्ययन में किया गया है. अध्ययन के अनुसार, नियाभर में 40 वर्षो में 3.2 करोड़ से अधिक दिल संबंधी मौत हुई हैं. इनमें अधिकतर की जान बदलते तापमान के कारण गई थी.
अध्ययन के अनुसार, सामान्य दिनों की तुलना में अधिक गर्मी में दिल के मरीजों की जान जाने का खतरा 12 फीसदी ज्यादा बढ़ जाता है. वहीं, बढ़ती सर्दियों में दिल का दौरा पड़ने जैसी स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ने लगती हैं. ऐसे में ठंड में हार्ट अटैक से जान गंवाने वालों की संख्या 37 फीसदी तक बढ़ जाती है.
27 देशों के आंकड़ों पर अध्ययन
वैज्ञानिकों ने वर्ष 1979 से 2019 के बीच दिल की बीमारी से मरने वालों के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया था. इसमें 27 देशों के 567 शहरों और पांच महाद्वीप के स्वास्थ्य डाटा को शामिल किया गया था.
सिर्फ 20 प्रतिशत लोग रह पाते हैं जीवित
जिन लोगों को दिल का दौरा पड़ता है वह कभी पूरी तरह स्वस्थ नहीं रह पाते है. अक्सर देखने को मिलता है कि हार्ट अटैक वाले चार लोगों में से एक को अस्पताल से छुट्टी मिलने के 30 दिनों के भीतर ही फिर से भर्ती कराया जाता है. वहीं, सही होने के 10 साल बाद केवल 20 फीसदी लोग ही जिंदा रहते है.
दिल को कैसे रखें हेल्दी?
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)