Bulandshahr Fake Milk: बुलंदशहर में पकड़ी गई नकली दूध और पनीर की फैक्ट्री इस बात का सबूत है कि इस मिलावटखोरों का रैकेट कहां तक फैला है और हमारी सेहत के लिए ये कितना खतरनाक है.
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Side Effects of Synthetic Milk: देश में खाने में मिलावट और नकलीपन का खेल इतना फैला हुआ है कि आपको हमेशा सेहत खराब होने का खतरा बना रहता है. ताजा मामला यूपी के बुलंदशहर का है जहां प्रशासन और फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट ने बड़ी कार्रवाई की और जिले में सिंथेटिक दूध और सिंथेटिक पनीर बनाने वालों की जमकर धड़पकड़ की, साथ ही नकली दूध बनाने में काम आने वाले कैमिकल गोदाम पर भी छापा मारा.
शादी के सीजन में बढ़ जाती है डिमांड
फिलहाल शादी का सीजन चल रहा है जिसकी वजह से पनीर की डिमांड बहुत ज्यादा बढ़ जाती है, केमिकल से नकली दूध और पनीर बनाने का खेल बेहद पुराना है. फूड सेफ्टी ऑफिर्स को स्किम्ड मिल्क पाउडर, 20 टिन रिफाइंड आयल, सेक्रिन, व्हाइट पेस्ट और मिल्क फ्लेवर भी भारी मात्रा में बरामद हुआ है. इन खुफिया गोदामों से नकली दूध बनाने के सामान के अलावा 3 मिलावटखोर के आरोपी पकड़े गए.
बुलंदशहर में नकली दूध फैक्ट्री का खुलासा, छापेमारी में 3 मिलावटखोर गिरफ्तार#BulandShahr #UttarPradesh | @_poojaLive pic.twitter.com/aK4Ur8y9vY
— Zee News (@ZeeNews) December 9, 2024
नकली दूध कैसे तैयार होता है?
मौके पर मौजूद अधिकारियों से जानकारी मिली है कि सिर्फ एक लीटर केमिकल से 500 लीटर नकली दूध तैयार किया जा सकता है. ये एक ऐसा तरीका है जिससे फैट को कंट्रोल किया जाता है जिससे मशीन इसने पकड़ने में नाकाम रहे. नकली दूध में असली जैसी मिठास देने के लिए 2 साल पहले एक्सपायर हो चुका सिंथेटिक सिरप यूज किया रहा था. इन फूड प्रोडक्ट की सप्लाई दिल्ली और एनसीआर में हो रही थी. यूपी के बुलंदशहर में फूड सेफ्टी विभाग ने 4-5 दिसंबर को तीन जगह छापेमारी की. पता चला कि बिजनेसमैन अजय अग्रवाल ने कई केमिकल को मिलाकर नकली दूध और पनीर बनाने का फॉर्मूला ईजाद किया है
नकली सिंथेटिक दूध पीने के नुकसान
नकली सिंथेटिक दूध सेहत के लिए बेहद नुकसानदेह होते हैं क्योंकि इसे कई तरह के केमिकल्स, जैसे डिटर्जेंट, यूरिया, रिफाइंड ऑयल और व्हाइट पाउडर का इस्तेमाल करके बनाया जाता है. इसमें न सिर्फ नेचुरल न्यूट्रिएंटस की कमी है, बल्कि इसमें मौजूद रसायन शरीर के लिए टॉक्सिक हो सकते हैं.
1. डाइजेशन पर असर
नकली दूध में डिटर्जेंट और दूसरे केमिकल पेट और आंतों में जलन पैदा कर सकते हैं, जिससे डायरिया, गैस और पेट दर्द की समस्या हो सकती है.
2. किडनी पर असर
नकली दूध में मौजूद यूरिया और अन्य जहरीले तत्व किडनी की प्रोडक्टिविटी को प्रभावित कर सकते हैं और लंबे समय तक इसका सेवन किडनी फेलि का कारण बन सकता है।
3. हड्डियों और दांतों पर असर
सिंथेटिक दूध में कैल्शियम की कमी होती है, जिससे हड्डियां कमजोर हो सकती हैं और बच्चों की ग्रोथ पर असर होता है. यानी छोटे बच्चों के लिए ये बेहद खतरनाक है
4. कैंसर का खतरा
चूंकि नकली दूध में खतरनाक कैमिकल्स का इस्तेमाल होता है इसलिए ये कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों के रिस्क को भी बढ़ा देता है. इसलिए हमेशा असली दूध का ही सेवन करें और नकली दूध की पहचान के लिए सतर्क रहें.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.