Indian Navy: ऑपरेशन संकल्प..समुद्री लुटेरों का खेल खत्म, समंदर में भारतीय नौसेना की 'सर्जिकल स्ट्राइक'
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Indian Navy: ऑपरेशन संकल्प..समुद्री लुटेरों का खेल खत्म, समंदर में भारतीय नौसेना की 'सर्जिकल स्ट्राइक'

Operation Sankalp: अरब सागर से पकड़े गए 35 समुद्री लुटेरे अब मुंबई पुलिस की कस्टडी में हैं. भारतीय नेवी ने बहादुरी दिखाते हुए लुटेरों को सरेंडर करने के लिए मजबूर किया था. नौसेना ने लुटेरों को मुंबई पुलिस के हवाले कर दिया है.

Indian Navy: ऑपरेशन संकल्प..समुद्री लुटेरों का खेल खत्म, समंदर में भारतीय नौसेना की 'सर्जिकल स्ट्राइक'

Operation Sankalp: अरब सागर से पकड़े गए 35 समुद्री लुटेरे अब मुंबई पुलिस की कस्टडी में हैं. भारतीय नेवी ने बहादुरी दिखाते हुए लुटेरों को सरेंडर करने के लिए मजबूर किया था. नौसेना ने लुटेरों को मुंबई पुलिस के हवाले कर दिया है. आइये आपको बताते हैं समंदर में मार्कोज कमांडो ने कैसे ऑपरेशन चलाया और कैसे लुटेरे मुंबई लाए गए.

10 साल में नेवी का सबसे बड़ा ऑपरेशन

इंडियन नेवी के मार्कोज ने अपनी जान पर खेलकर पूरी दुनिया में भारत की हिम्मत, ताकत और संकल्प शक्ति का संदेश दिया है. बीते 10 साल में नेवी का ये सबसे बड़ा ऑपरेशन है. जिमसें समुद्री लुटेरों को इतनी बड़ी संख्या में एक साथ पकड़ा गया. समंदर में उतरते ही जवानों ने मोर्चा संभाला और हाईजैक किए गए जहाज MV रुएन पर दस्तक दी.

जहाज के क्रू मेंबर को बचाना प्राथमिकता

नेवी को जहाज के हाइजैक होने की जानकारी तो थी लेकिन उसमें कुल कितने लुटेरे सवार हैं, इसका पता नहीं था. इसीलिए जवानों ने जहाज के अंदर मोर्चा संभाला और लुटेरों की तलाश में आगे बढ़ते गए. हथियारों से लैस जवानों की प्राथमिकता जहाज के क्रू मेंबर को बचाने की थी.

3 महीनें पहले हाइजैक हुआ था MV रुएन

नेवी चीफ एडमिरल आर हरि कुमार ने बताया कि MV रुएन के बारे में जब जानकारी मिली तो हम आश्चर्यचकित थे कि तीन महीने पहले सोमालिया की समुद्री सीमा में हाइजैक कर लिया गया था और वहीं ऑपरेट किया जा रहा था. जब हमने सभी पहुलओं को परखा तो पता चला कि लुटेरे इसे मदर शिप के तौर पर इस्तेमाल कर रहे थे. जिसमें राशन, हथियार और गोला बारूद भी रखा गया था. साथ ही दूसरे लुटेरों को भी अपने साथ लिया था. इसीलिए पूरा ऑपरेशन बेहद सावधानी के साथ चलाया गया. हालांकि लुटेरों ने नेवी के कमांडोज पर फायरिंग कर दी थी.

जवानों ने जवाबी हमले में जल्दबाजी नहीं की

इसके बावजूद जवानों ने जवाबी हमले में जल्दबाजी नहीं की और सतर्कता के साथ आगे बढ़ते रहे. जवानों की मुस्दैती और बहादुरी का ही नतीजा है कि 35 समुद्री लुटेरों को सरेंडर करना पड़ा. नेवी ने जिस MV रुएन जहाज को आजाद कराया वो 110 दिन तक समुद्री लुटेरों को कब्जे में था. महज 40 घंटे के ऑपरेशन में मार्कोज ने 17 क्रू मेंबर्स को बचाया और लुटेरों को गिरफ्तार कर लिया. पकड़े गए सभी लुटेरे नेवी ने अब मुंबई पुलिस के हवाले कर दिए हैं. इनके खिलाफ अब भारतीय कानून के तहत एक्शन लिया जाएगा.

आसान नहीं था लुटेरों के साथ मुकाबला

एडमिरल आर हरि कुमार ने बताया कि समंदर में लुटेरों के साथ मुकाबला करना इतना आसान नहीं था लेकिन नेवी के मार्कोज कमांडो इस मिशन पर निकले और कामयाबी हासिल की. इस अभियान के दौरान नौसेना ने अपने वॉरशिप आईएनएस कोलकाता, लंबे समय तक उड़ान भरने में सक्षम समुद्री निगरानी विमान ड्रोन पी -8 आई की तैनाती की. इसके अलावा वायु सेना के विमान सी-17 के जरिये मार्कोस कमांडो को उतारकर रणनीति के साथ काम किया. नेवी को लुटेरों के काम करने का तरीका पता था इसीलिए उनके खिलाफ ऑपरेशन चलाने में कामयाबी मिली.

समुद्री लुटेरों का मकसद

उन्होंने कहा कि इनका (लुटेरे) मकसद है कि वो पहले किसी शिप पर कब्जा करते हैं और सोमालिया ले जाते हैं. फिर उसी शिप पर कुछ और लुटेरों को शामिल करते हैं, जिनके साथ खाना, पानी, और फ्यूल का भी इंतजाम होता है. कब्जे वाले शिप पर क्रू को रखे रहते हैं और जब तक बातचीत होती है तब तक कब्जे वाले शिप के जरिए ही उस इलाके से गुजरने वाले दूसरे जहाजों पर अटैक करते हैं.

2019 में शुरू हुआ ऑपरेशन संकल्प

भारतीय नौसेना ने ऑपरेशन संकल्प 2019 में शुरू किया था. इसका मकसद समंदर में जहाजों की रक्षा करना और सुरक्षा का माहौल बनाना है. इस अभियान के तहत अब तक  110 लोगों की जान बचाई है. जिसमें 45 भारतीय और 65 अंतर्राष्ट्रीय नागरिक शामिल हैं. साथ ही 13 हमले की घटनाओं का जवाब भी दिया है. एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा कि ये अभियान तब तक चलेगा जब तक हिंद महासागर पूरी तरह सुरक्षित नहीं होगा. इसके लिए समय सीमा तय नहीं की जा सकती लेकिन हम ये सुनिश्चत करना चाहते हैं कि इसके लिए हम सकारात्मक कार्रवाई करते रहेंगे.

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