Parliament Winter Session News: केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को राज्यसभा में कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार सभी कृषि उपजों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदेगी. इसके बाद हाल ही में उनसे सवाल पूछ रहे सभापति जगदीप धनखड़ का मन बदला और उन्हें 'किसानों के लाडले' करार दिया. हालांकि, इस बीच शंभू बॉर्डर पर किसानों का दिल्ली मार्च रुका नहीं और पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े.
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Farmer's Delhi March At Shambhu Border: संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान उच्च सदन में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को प्रश्नकाल के दौरान किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के मुद्दे पर पूरक प्रश्नों के जवाब में आश्वासन दिया कि मोदी सरकार सभी कृषि उपजों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदेगी. उनके इस ऐलान के बाद राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने उन्हें किसानों के लाडले करार दिया. जबकि, हाल ही में धनखड़ ने कृषि मंत्री से सख्त सवाल पूछे थे.
'जिसकी पहचान लाडली की वजह से थी वह किसान का लाडला होगा'
कई किसान संगठनों के संयुक्त तौर पर दिल्ली चलो आंदोलन को लेकर पिछले दिनों उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के लिए मुश्किलें खड़ी की थी. अब उन्होंने यू-टर्न लेकर सदन में विपक्ष के हमले से शिवराज चौहान का बचाव करते हुए उनकी तारीफ की. राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान उन्होंने कहा, ' माननीय मंत्री जी मेरे साथ थे, जाते समय भी और आते समय भी साथ थे और मैं आश्वस्त हुआ कि जिस आदमी की पहचान देश में लाडली के नाम से थी वह किसान का लाडला होगा. और मैं पूरी तरह आशावान हूं कि ऊर्जावान मंत्री अपने नाम के अनुरुप यह करके दिखाएंगे. आज मैंने आपका नामांकन कर दिया किसान के लाडले.'
जिसकी पहचान देश में लाड़ली बहनों के भैया के नाम से थी, अब वो किसान का लाड़ला भाई बन गया है।
- माननीय उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ जी pic.twitter.com/DGvr6UeXrQ
— Office of Shivraj (@OfficeofSSC) December 6, 2024
उपराष्ट्रपति ने कृषि मंत्री शिवराज चौहान से किए थे कई तीखे सवाल
इससे पहले किसान आंदोलन के गर्माने पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में मंच पर मौजूद कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से सवाल पूछते हुए कहा था, 'कृषि मंत्री जी, एक-एक पल आपका भारी है. मेरा आप से आग्रह है कि कृपया करके मुझे बताइये, क्या किसान से वादा किया गया था? किया गया वादा क्यों नहीं निभाया गया? वादा निभाने के लिए हम क्या कर रहे हैं? गत वर्ष भी आंदोलन था, इस वर्ष भी आंदोलन है. कालचक्र घूम रहा है, हम कुछ कर नहीं रहे हैं. पहली बार मैंने भारत को बदलते हुए देखा है. पहली बार मैं महसूस कर रहा हूं कि विकसित भारत हमारा सपना नहीं लक्ष्य है.'
सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था उपराष्ट्रपति धनखड़ का बयान
उन्होंने आगे कहा था, 'दुनिया में भारत कभी इतनी बुलंदी पर नहीं था. जब ऐसा हो रहा है तो मेरा किसान परेशान और पीड़ित क्यों है? किसान अकेला है, जो असहाय है. देश की कोई भी ताकत किसान की आवाज को दबा नहीं सकती. अगर कोई देश किसान के धैर्य की परीक्षा लेगा तो उसे इसकी बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी." उपराष्ट्रपति धनखड़ का यह बयान सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था. विपक्ष ने इसके वीडियो को केंद्र सरकार पर हमला करने के लिए खूब इस्तेमाल किया था. हालांकि, धनखड़ ने बाद में बुधवार को राज्यसभा में विपक्ष को किसान आंदोलन के मामले में घड़ियाली आंसू बहाने से बाज आने भी कहा था.
सड़क से संसद तक किसान आंदोलन का मामला सरगर्म, तीखी बहस
इस बीच सड़क से संसद तक किसान आंदोलन का मामला सरगर्म हो गया है. संसद परिसर में कांग्रेस सासंदों ने आंदोलनकारी किसानों के समर्थन में हाथों में तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया. कांग्रेस सांसद दीपेंदर हुड्डा ने कहा कि सरकार का वादा पूरा नहीं होने के कारण किसान शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने सरकार से फौरन किसानों से बात करने की मांग की. वहीं, राज्यसभा में कांग्रेस सांसद जयराम रमेश के सवालों का जवाब देते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि आप ने नहीं खरीदा. कांग्रेस सरकार ने कभी एमएसपी पर खरीद नहीं की. कांग्रेस सरकार में देश का किसान खून के आंसू रोता था.
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तीन साल बाद किसान संगठनों का एक बार फिर दिल्ली चलो का ऐलान
दूसरी ओर, सड़क पर आंदोलन कर रहे किसानों के संगठनों ने तीन साल बाद एक बार दिल्ली चलो का ऐलान कर दिया है. पिछले नौ महीने से पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने एमएसपी गारंटी कानून, कर्जमाफी और पेंशन समेत 12 सूत्री मांगों के साथ दिल्ली की ओर बढ़ना शुरू कर दिया. वहीं, किसानों को रोकने के लिए हरियाणा पुलिस ने लाउड स्पीकर पर कीर्तन बजा दिया है. पुलिस और किसानों के बीच स्टैंडबाय की स्थिति बनी हुई है. किसानों के दिल्ली की ओर मार्च के मद्देनजर हरियाणा के अंबाला के कुछ हिस्सों में इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गईं हैं.
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शंभू बॉर्डर पर एक प्रदर्शनकारी डिटेन, पुलिस ने छोड़ा आंसू गैस का गोला
शंभू बॉर्डर पर बढ़ते बवाल को रोकने के लिए प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस का गोला छोड़ा गया. इसके बावजूद किसानों का जत्था दिल्ली में घुसने के लिए बॉर्डर पर ही बैठकर रणनीति बनाने में जुटे हैं. पंजाब के पटियाला और हरियाणा के अंबाला के साथ ही दिल्ली से नजदीक शंभू बॉर्डर पर किसानों ने बैरिकेड का एक लेयर हटाया तो पुलिस ने एक प्रदशर्नकारी को हिरासत में भी लिया. प्रदर्शन की ड्रोन से निगरानी और वीडियोग्राफी भी करवाई जा रही है. वहीं, जरूरत होने पर इस्तेमाल के लिए पुलिस ने वाटर कैनन भी तैयार रखा है.
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