Rajiv Pratap Rudy: बिहार के सारण से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद राजीव प्रताप रूडी ने सोमवार को लोकसभा में शपथ लेने से पहले इस बात पर अफसोस जताया कि नियमों के चलते वह भोजपुरी में शपथ नहीं ले सकते. लेकिन, वो नियम क्या है?
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Rajiv Pratap Rudy Bhojpuri: नई लोकसभा का सत्र शुरू हो चुका है और सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उनकी मंत्रिपरिषद के सदस्यों के साथ ही अन्य नवनिर्वाचित सांसदों ने सदन के सदस्य के रूप में शपथ ली. प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब ने सदन की कार्यवाही शुरू कराई और सदस्यों को शपथ दिलाई. इस दौरान बिहार के सारण से भारतीय जनता पार्टी (BJP) सांसद राजीव प्रताप रूडी (Rajiv Pratap Rudy) को एक बाद का मलाल रह गया, क्योंकि वो भोजपुरी में शपथ नहीं ले पाए. जबकि, कई अन्य सांसदों ने अपनी भाषा में शपथ ली, फिर आखिर राजीव प्रताप रूडी क्यों भोजपुरी में शपथ नहीं ले पाए. इसके पीछे क्या वजह है और वह नियम क्या है, जिसने रूडी को रोक दिया.
इन सांसदों ने अपनी मातृभाषा में ली शपथ
18वीं लोकसभा की शुरुआत में शपथ ग्रहण समारोह के दौरान भारतीय संस्कृति के विभिन्न रंगों के साथ भाषा में भी विविधता दिखाई दी. देश के अलग-अलग राज्यों से चुनकर दिल्ली पहुंचे सांसदों ने अपनी-अपनी मात्र भाषा में शपथ ग्रहण की. इस दौरान केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के अलावा जुएल ओरांव ने उड़िया भाषा में शपथ ली. बांसुरी स्वराज, श्रीपाद येसो नाइक, कृष्णा प्रसाद टेन्नेटी, चिंतामणि महाराज, दिलीप सैकिया और दुर्गादास उइके ने संस्कृत भाषा में शपथ ली. लवली आनंद, अशोक कुमार यादव, रामप्रीत मंडल और गोपालजी ठाकुर ने मैथिली में शपथ ली.
रकीबुल हुसैन और सर्वानंद सोनोवाल ने असमिया भाषा में, शांतनु ठाकुर और सुकांतो मजूमदार बांग्ला में शपथ ली. इसके अलावा चंद्रशेखर पेम्मासानी (तेलुगू), बंडी संजय कुमार (तेलुगू), भूपति राजू (तेलुगू), राममोहन नायडू (तेलुगू), जी किशन रेड्डी (तेलुगू), एचडी कुमारस्वामी (कन्नड), प्रह्लाद जोशी (कन्नड़), शोभा करंदलाजे (कन्नड़ ), वी सोमन्ना (कन्नड़), सीआर पाटिल (गुजराती), प्रतापराव जाधव (मराठी), रक्षा खडसे (मराठी), मुरलीधर मोहोल (मराठी), सुरेश गोपी (मलयालम) और मनीष तिवारी (पंजाबी) ने भी अपनी मातृभाषा में शपथ ली.
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फिर भोजपुरी में क्यों शपथ नहीं ले पाए राजीव प्रताप रूडी
दरअसल, सांसद अंग्रेजी या संविधान की आठवीं अनुसूची में सूचीबद्ध 22 भाषाओं में से किसी में भी शपथ ले सकते हैं. इसमें भोजपुरी भाषा शामिल नहीं है और इसी कारण राजीव प्रताप रूडी (Rajiv Pratap Rudy) भोजपुरी में शपथ नहीं ले पाए. इन 22 भाषाओं में असमिया, उड़िया, उर्दू, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, गुजराती, डोगरी, तमिल, तेलुगू, नेपाली, पंजाबी, बांग्ला, बोड़ो, मणिपुरी, मराठी, मलयालम, मैथिली, संथाली, संस्कृत, सिंधी और हिंदी है.
शपथ से पहले राजीव प्रताप रूडी का झलका दर्ज
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की उम्मीदवार और पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद की बेटी रोहिणी आचार्य को हराने वाले राजीव प्रताप रूडी (Rajiv Pratap Rudy) ने कहा कि सांसदों को अपनी मातृभाषा में शपथ लेते हुए देखना अच्छा लगा. उस समय आसन से कार्यवाही का संचालन बिहार के पूर्वी चंपारण से भाजपा सांसद राधामोहन सिंह कर रहे थे. रूडी ने पीठासीन सभापति को भोजपुरी में संबोधित करते हुए कहा, 'सब लोग अपन अपन भाषा में ले ता, केतना अच्छा लागता, हमनी भोजपुरी में लेती त आउर निम्मन लागत नू, भोजपुरी नईखे त (सब अपनी-अपनी भाषा में शपथ ले रहे हैं और यह बहुत अच्छा लग रहा है. अगर हम भोजपुरी में शपथ लेते तो और भी अच्छा होता, लेकिन भोजपुरी सूची में नहीं है). इसके बाद रूडी ने हिंदी में शपथ ग्रहण की.
#18thLokSabha: Rajiv Pratap Rudy, (BJP) takes oath as Member of Parliament (Saran, Bihar)
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— SansadTV (@sansad_tv) June 24, 2024
भारत के अलावा कई देशों में बोली जाती है भोजपुरी
भोजपुरी को भले ही भारत में संवैधानिक दर्जा नहीं मिला है, लेकिन इसे इंटरनेशनल होने का गौरव हासिल है और फिजी के अलावा नेपाल की संवैधानिक भाषाओं में शामिल है. भारत में भोजपुरी भाषा मुख्य रूप से पश्चिमी बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश पश्चिमी झारखंड में बोली जाती है. भारत के अलावा भोजपुरी नेपाल, फिजी, मॉरीशस, गयाना, सूरीनाम, सिंगापुर, उत्तर अमेरीका और लैटिन अमेरिका में भी बोली जाती है.