Oceans: दुनिया में चार या पांच महासागर, पड़ गए ना गफलत में; यहां है जवाब
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Oceans: दुनिया में चार या पांच महासागर, पड़ गए ना गफलत में; यहां है जवाब

Ocean History: दुनिया के दो तिहाई हिस्से पर पानी है जिसे झरना, नाला, नदी, सागर और महासागर के नाम से जानते हैं. यहां पर हम महासागरों की बात करेंगे. क्या आप जानते हैं कि ग्लोब पर कितने महासागर हैं.

Oceans: दुनिया में चार या पांच महासागर, पड़ गए ना गफलत में; यहां है जवाब

Southern Ocean:  धरती पर कितने महासागर हैं. पांच या चार. वैसे तो आप कहेंगे कि कुल चार महासागर हैं पांचवा कौन है. 2021 में नेशनल ज्योग्राफिक ने सदर्न ओसन को को दुनिया का पांचवां महासागर मान लिया है और इस तरह से अंटार्कटिका महाद्वीप को घेरे हुए विशाल जलराशि को लेकर संदेह खत्म हो गया है. 

अब पांच महासागर

ऐतिहासिक तौर पर हम सब द अटलांटिक, पैसिफिक, इंडियन और ऑर्कटिक ओसन को महासागर मानते रहे हैं, अगर आप इन महासागरों को देखें तो इनकी व्याख्या कंटिनेट के हिसाब से की गई है लेकिन पांचवें महासागर का नाम करेंट के नाम पर है.अंटार्कटिका सर्कमपोलर करेंट इस महाद्वीप के चारों तरफ पूरब से पश्चिम दिशा की तरफ बहती है. जो करीब 34 मिलियन साल से अनवरत बह रही है. अगर इसके लोकेशन की बात करें तो यह ग्लोब पर 60 डिग्री साउथ लैटिट्यूड पर है. यह करेंट एक अदृश्य रिंग की स्थापना करती है. जिसकी वजह से इस इलाके में यह ठंडी होने के साथ नमकीन कम है. इसे महासागर का दर्जा दिए जाने के संबंध में भूगोलवेत्ताओं में विवाद रहा है. कुछ ज्योग्राफर इसे प्रशांत, अटलांटिक, इंडियन ओसन का विस्तार मानते रहे हैं.

2021 में सदर्न ओसन के नाम पर बनी सहमति

1999 में यूएस बोर्ड ऑफ ज्योग्राफिक मे सदर्न ओसन के नाम को स्वीकृति दी. इसे 2000 में इंटरनेशनल हाइड्रोग्राफिक ऑर्गेनाइजेशन के सामने पेश किया गया. लेकिन इस संस्था को सहमत होने में 23 साल लग गए. इस बीच 2021 में एनओओए ने सदर्न ओसन को महासागर का दर्जा दे दिया. नेशनल ज्योग्राफिक सोसाइटी एक शताब्दी से अधिक समय से मानचित्र बना रहीLथी. 1970 के दशक से प्रकाशित प्रत्येक मानचित्र में किए गए सभी परिवर्तनों की निगरानी के लिए भूगोलवेत्ताओं को नियुक्त किया था. दक्षिणी महासागर के फ्यूचर की बात है तो जलवायु परिवर्तन की वजह से अनिश्चितता बनी हुई है.  अंटार्कटिका का पानी गर्म हो रहा है और इसकी बर्फ की चादरें पिघल रही हैं. इसकी वजह से सदर्न महासागर कैसे प्रभावित होगा देखने वाली बात होगी.  

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