फुल टाइम जॉब करते हुए भी पहले अटेंप्ट में क्रैक की UPSC परीक्षा, हासिल की दूसरी रैंक, बनी IAS ऑफिसर
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फुल टाइम जॉब करते हुए भी पहले अटेंप्ट में क्रैक की UPSC परीक्षा, हासिल की दूसरी रैंक, बनी IAS ऑफिसर

IAS Renu Raj Success Story: आईएएस ऑफिसर रेणु राज ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के दौरान अपनी जॉब भी जारी रखी थी और इसके बावजूद वह ऑल इंडिया दूसरी रैंक लाने में कामयाब रहीं.

फुल टाइम जॉब करते हुए भी पहले अटेंप्ट में क्रैक की UPSC परीक्षा, हासिल की दूसरी रैंक, बनी IAS ऑफिसर

IAS Renu Raj Success Story: यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है. यही कारण है कि हर साल लगभग 1000 उम्मीदवार ही इस सिविल सेवा परीक्षा को पास कर पाते हैं. लेकिन आज हम आपको एक ऐसी शख्सियत व आईएएस ऑफिसर रेणु राज (IAS Officer Renu Raj) के बारे में बताएंगे, जो केरल के कोट्टायम की रहने वाली हैं और उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी की इस परीक्षा को क्रैक कर दिखाया था और साथ ही उन्होंने 2014 की सिविल सेवा परीक्षा में दूसरी रैंक भी हासिल की थी.

रेणु राज ने यूपीएससी की परीक्षा देने के लिए अपनी मेडिकल की प्रैक्टिस छोड़ दी थी. बता दें कि आईएएस ऑफिसर रेणु राज मुन्नार के हिल स्टेशन में अवैध निर्माण और भूमि अतिक्रमण के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए भी जानी जाती हैं.

रेणु राज ने अपनी स्कूली शिक्षा केरल के कोट्टायम में सेंट टेरेसा हायर सेकेंडरी स्कूल से पूरी की है. इसके बाद उन्होंने कोट्टायम के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज से मेडिसिन की पढ़ाई की थी. रेणु राज के पिता एक सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी हैं और उनकी मां एक गृहिणी हैं. इसके अलावा रेणु की दो बहनें हैं और दोनों ही पेशे से डॉक्टर हैं.

रेणु राज ने एक बार एक इंटरव्यू में कहा था कि आईएएस अधिकारी बनना उनका बचपन का सपना था. जब वह एक सर्जन के रूप में काम कर रही थीं, तब उन्हें एहसास हुआ कि वह आम लोगों के लिए कुछ करना चाहती हैं और उनके जीवन को बेहतर बनाना चाहती हैं और तब उन्होंने आईएएस अधिकारी बनने का फैसला किया.

रेणु राज ने एक बार कहा "मैंने सोचा था कि एक डॉक्टर होने के नाते, मैं 50 या 100 रोगियों की मदद कर सकती था, लेकिन एक सिविल सेवा अधिकारी के रूप में, मेरे एक निर्णय से हजारों लोगों को लाभ होगा. इसके बाद ही मैंने यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा देने का फैसला किया था."

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