Mahavir Chakra: असाधारण वीरता या बलिदान के लिए दिया जाता है 'महावीर चक्र', जानें कैसे होता है इस वीरता पुरस्कार के लिए चयन
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Mahavir Chakra: असाधारण वीरता या बलिदान के लिए दिया जाता है 'महावीर चक्र', जानें कैसे होता है इस वीरता पुरस्कार के लिए चयन

Mahavir Chakra: हर साल शौर्य दिखाने वाले सेना, सीआरपीएफ, आईटीबीपी और पुलिस के जवानों और अधिकारियों को अलग-अलग वीरता सम्मान दिए जाते हैं. भारत सरकार की ओर से युद्ध में वीरता के लिए दिए जाने वाला पदक है महावीर चक्र.  

Mahavir Chakra: असाधारण वीरता या बलिदान के लिए दिया जाता है 'महावीर चक्र', जानें कैसे होता है इस वीरता पुरस्कार के लिए चयन

Mahavir Chakra: भारत के सैनिक देश की शान है. वे अपना सबकुछ न्योछावर करके सीमा की सुरक्षा करते हैं. हर साल शौर्य दिखाने वाले जवानों और अधिकारियों को अलग-अलग वीरता पुरस्कारों से सम्‍मानित किया जाता है. इन गैलेंट्री अवॉर्ड्स का ऐलान साल में दो बार​ किया जाता है. पहला गणतंत्र दिवस (Republic Day) और दूसरी बार स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) के मौके पर. इन वीरता पुरस्कारों में सबसे अहम होता है, परमवीर चक्र जो सर्वोच्च सैन्य पुरस्कार है. इसके बाद महावीर चक्र होता है. आइए जानते हैं कब और किसे दिया जाता है महावीर पुरस्कार...

हर साल देश के शूरवीरों को ये सम्मान दिए जाते हैं.
आजादी मिलने के बाद से भारत सरकार हर साल अपनी सेना के जाबांज सिपाहियों और ऑफिसर्स को 'वीरता पुरस्कार' देती आ रही है. 26 जनवरी 1950 को देश का संविधान लागू होने के बाद इसी तारीख को सरकार ने पहले तीन वीरता पुरस्कारों 'परमवीर चक्र', 'महावीर चक्र' और 'वीर चक्र' का ऐलान किया गया था, जिसे 15 अगस्‍त 1947 से प्रभावी माना गया था.  

कैसे होता है वीरता पुरस्‍कारों के लिए चयन
देश की रक्षा में अतुलनीय योगदान देने वाले जवानों और अधिकारियों के नामों का चयन करके रक्षा मंत्रालय में भेजे जाते हैं. वहां इसके लिए एक विशेषज्ञ केंद्रीय सम्‍मान एवं पुरस्‍कार समिति होती है, जो उन नामों पर विचार करती है. कई मानकों के आधार पर तय चयन प्रक्र‍िया के मुताबिक समिति एक लिस्‍ट तैयार करती है. यह लिस्‍ट राष्‍ट्रपति के पास भेजी जाती है. उनकी मंजूरी के बाद इन नामों का ऐलान किया जाता है. 

महावीर चक्र कब दिया जाता है?
वरीयता क्रम में यह परमवीर चक्र के बाद आता है महावीर चक्र.  पहली बार इस अवॉर्ड से 15 अगस्‍त 1950 में ब्रिगेडियर राजेन्द्र सिंह को नवाजा गया था.  यह सम्मान सैनिकों और असैनिकों को असाधारण वीरता या बलिदान के लिए 'महावीर चक्र' दिया जाता है. यह मरणोपरान्त भी दिया जा सकता है.

यह पदक सेना, नौसेना और वायु सेना के सभी रैंक के अधिकारी, प्रादेशिक सेना, रिजर्व बल और अन्य सशस्त्र बल से संबंधित लोगों को दिया जा सकता है. सुरक्षा बलों में से किसी भी विभाग से संबंधित व्यक्ति को इस अवार्ड के लिए युद्ध क्षेत्र में बहादुरी दिखाने के लिए चुना जाता है. 

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