Mumbai Accident: मुंबई हादसे का कड़वा सच! ड्राइवर ने बस को कहीं हथियार की तरह तो इस्तेमाल नहीं किया?
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Mumbai Accident: मुंबई हादसे का कड़वा सच! ड्राइवर ने बस को कहीं हथियार की तरह तो इस्तेमाल नहीं किया?

Mumbai Kurla Accident: मुंबई में सोमवार रात कुर्ला इलाके में हुए भीषण सड़क हादसे में सात लोगों की मौत हो गई और 42 लोग घायल हो गए. पुलिस ने मंगलवार को स्थानीय अदालत में यह सवाल उठाया कि क्या ड्राइवर संजय मोरे ने जानबूझकर बस को हथियार की तरह इस्तेमाल करते हुए इस दुर्घटना को अंजाम दिया.

Mumbai Accident: मुंबई हादसे का कड़वा सच! ड्राइवर ने बस को कहीं हथियार की तरह तो इस्तेमाल नहीं किया?

Mumbai Kurla Accident: मुंबई में सोमवार रात कुर्ला इलाके में हुए भीषण सड़क हादसे में सात लोगों की मौत हो गई और 42 लोग घायल हो गए. पुलिस ने मंगलवार को स्थानीय अदालत में यह सवाल उठाया कि क्या ड्राइवर संजय मोरे ने जानबूझकर बस को हथियार की तरह इस्तेमाल करते हुए इस दुर्घटना को अंजाम दिया. पुलिस की मांग पर अदालत ने 54 वर्षीय ड्राइवर को 21 दिसंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है.

घनी आबादी वाले इलाके में हुआ हादसा

घटना कुर्ला के एक व्यस्त इलाके में हुई, जहां बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट (BEST) की बस ने कई गाड़ियों और राहगीरों को टक्कर मारी. हादसे के बाद मौके पर ही संजय मोरे को गिरफ्तार कर लिया गया. उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (Bharatiya Nyaya Sanhita) की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या) और धारा 110 (गैर इरादतन हत्या की कोशिश) के तहत मामला दर्ज किया गया है. इसके अलावा, मोटर वाहन अधिनियम की धाराओं के तहत भी कार्रवाई की गई है.

ड्राइवर की मंशा पर सवाल

अदालत में पुलिस ने कहा कि यह मामला गंभीर प्रकृति का है और ड्राइवर की मंशा की गहन जांच की जरूरत है. पुलिस यह पता लगाना चाहती है कि क्या संजय मोरे ने जानबूझकर बस को लापरवाही से चलाकर लोगों की जान खतरे में डाली.

तकनीकी जांच और ड्राइवर की पृष्ठभूमि की पड़ताल

पुलिस ने यह भी कहा कि हादसे में शामिल बस की तकनीकी जांच अभी तक परिवहन विभाग द्वारा नहीं की गई है. पुलिस यह पता लगाएगी कि क्या ड्राइवर ने किसी साजिश के तहत बस का उपयोग घनी आबादी वाले इलाके में "हथियार" के रूप में किया.

ड्राइवर की ट्रेनिंग और नशे की जांच

पुलिस का कहना है कि संजय मोरे की ड्राइविंग ट्रेनिंग और दुर्घटना के समय उनके नशे में होने की संभावना की भी जांच की जाएगी. साथ ही, यह भी देखा जाएगा कि क्या किसी अन्य व्यक्ति ने इस हादसे में साजिश रचने का प्रयास किया.

ड्राइवर के वकील ने रखी अपनी दलील

ड्राइवर के वकील समाधान सुलाने ने पुलिस की मांग का विरोध किया. उन्होंने कहा कि यह हादसा बस की तकनीकी खामी, जैसे मैकेनिकल फेल्योर या शॉर्ट सर्किट, के कारण भी हो सकता है. वकील ने कहा कि बस को सड़क पर चलाने से पहले प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह उसकी तकनीकी जांच करे.

ड्राइवर का ट्रैक रिकॉर्ड सही

ड्राइवर के वकील ने दावा किया कि संजय मोरे ने नियमित रूप से बस चलाई है और उनका ट्रैक रिकॉर्ड साफ है. उन्होंने कहा कि मोरे एक प्रशिक्षित ड्राइवर हैं और उनके खिलाफ पहले किसी भी प्रकार की लापरवाही का मामला दर्ज नहीं है.

सवाल और जांच जारी

इस भीषण हादसे ने न केवल प्रशासन बल्कि आम जनता के मन में भी सवाल खड़े कर दिए हैं. हादसे की असली वजह क्या थी, यह पुलिस की जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा.

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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