Indian Railway News in Hindi: यूपी के कानपुर में एक बार फिर ट्रेन को पलटाने की साजिश सामने आई है. रविवार शाम को मुंबई से लखनऊ जा रही पुष्पक एक्सप्रेस ट्रेन के रूट पर कानपुर में सिलेंडर पाया गया. हालांकि ड्राइवर की सजगता से बड़ा हादसा होने से बच गया.
Trending Photos
Cylinder found on railway line in Kanpur: देश में ट्रेनों को डिरेल कर बड़े पैमाने पर जान- माल का नुकसान पहुंचाने की साजिशें लगातार जारी हैं. अब यूपी के कानपुर में एक बार फिर ऐसी ही कोशिश की गई. इस रूट से गुजर रही पुष्पक एक्सप्रेस के लोको पायलट को ट्रैक पर दूर से संदिग्ध वस्तु पड़ी दिखाई दी. पायलट ने वक्त रहते इमरजेंसी ब्रेक लगा दिए, जिससे ट्रेन कुछ दूर रुक गई. बाद में जब नीचे उतरकर देखा गया तो ट्रैक पर एलपीजी सिलेंडर पड़ा हुआ था.
मुंबई से लखनऊ जा रही थी ट्रेन
रिपोर्ट के मुताबिक रविवार शाम करीब 4.15 बजे मुंबई से लखनऊ जा रही पुष्पक एक्सप्रेस ट्रेन जब गोविंदपुरी स्टेशन के पास पहुंची तो पायलट को होल्डिंग लाइन पर ट्रैक पर फायर सेफ्टी सिलेंडर पड़ा हुआ नजर आया. इसे देखते ही पायलट तुरंत हैरान रह गया और उसने तुरंत इमरजेंसी ब्रेक मारकर ट्रेन को सिलेंडर से पहले ही रोक लिया.
ट्रैक पर मिला अग्नि सुरक्षा सिलेंडर
बाद में ड्राइवर ने कहा कि ट्रेन की स्पीड धीमी थी, इसलिए उसे ट्रेन को तुरंत रोक पाने में कामयाबी मिल गई. अगर ट्रेन तेज स्पीड में रहती तो उसे रोक पाना मुश्किल हो जाता. जांच में पता चला कि रेलवे ट्रैक पर मिला सिलेंडर अग्नि सुरक्षा सिलेंडर था और उस पर रेलवे की मुहर लगी थी. ट्रेन के ड्राइवर ने घटना की जानकारी कंट्रोल रूम को दी, जिसके पायलट उस सिलेंडर गाड़ी में रखकर कानपुर सेंट्रल ले गया. बाद में इस घटना की सूचना पुलिस को दी गई.
पुलिस ने बताया कि यह अग्नि सुरक्षा सिलेंडर रेलवे के सेक्शन इंजीनियर की ओर से जारी किया गया था. लेकिन यह ट्रैक पर कब और कैसे पहुंचा, यह जांच का विषय है. फिलहाल मामले में जांच चल रही है. उधर रेलवे के स्थानीय अधिकारी इस मामले में कुछ भी कहने से बच रहे हैं.
लगातार हो रही ट्रेन को डिरेल करने की कोशिश
बताते चलें कि शनिवार को बांदा-महोबा रेलवे रूट पर भी कंक्रीट का खंभा डालकर ट्रेन को डिरेल करने की कोशिश की गई थी. उसे देख ड्राइवर को इमरजेंसी ब्रेक लगाने को मजबूर होना पड़ा था. इस मामले में पुलिस ने 16 साल के एक किशोर को पकड़ा. इसी तरह शनिवार को बैरिया में रेलवे ट्रैक पर पत्थर रख दिया गया, जिसके चलते रेलवे इंजन उससे टकरा गया था.