Explainer: नौ दिनों में 100 से ज्यादा स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, क्यों खाली हैं दिल्ली पुलिस के हाथ?
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Explainer: नौ दिनों में 100 से ज्यादा स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, क्यों खाली हैं दिल्ली पुलिस के हाथ?

Delhi Bomb Threat: पिछले कुछ महीनों से ईमेल के जरिए दिल्ली-NCR के स्कूलों, अस्पतालों, हवाई अड्डों और एयरलाइन कंपनियों की बम की धमकियां मिल रही हैं. लेकिन ये धमकियां कौन भेज रहा है, दिल्ली पुलिस यह पता लगाने में नाकाम है.

Explainer: नौ दिनों में 100 से ज्यादा स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, क्यों खाली हैं दिल्ली पुलिस के हाथ?

Delhi News in Hindi: दिल्ली में पिछले नौ दिनों में 100 से अधिक स्कूलों को मिली बम से उड़ाने की धमकी मिली है. पैरेंट्स दहशत में हैं और स्कूल मैनेजमेंट अलग परेशान है. इस साल मई से ईमेल के जरिए मिली 50 से अधिक बम धमकियों में न केवल दिल्ली के स्कूलों को बल्कि अस्पतालों, हवाई अड्डों और विमानन कंपनियों को भी निशाना बनाया गया. हालांकि, दिल्ली पुलिस को इन मामलों में अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है. आखिर, राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े इतने महत्वपूर्ण मामलों में दिल्ली पुलिस के हाथ खाली क्यों हैं?

  1. क्या है अड़चन: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की एक यूनिट को बम धमकी के मामलों की जांच का काम सौंपा गया है. पुलिस और एक्सपर्ट्स के मुताबिक, 'वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क' (VPN) और 'प्रॉक्सी सर्वर' (Proxy servers) इस समस्या से निपटने में मुख्य रुकावट है. इन सेवाओं से जानकारी प्राप्त करने के लिए देश में जो कानूनी प्रावधान हैं, वे नाकाफी हैं.
  2. लोकेशंस का जाल: पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, 'हमारी जांच जारी है. हम धमकी भेजने वाले के स्रोत का पता लगाने पर काम कर रहे हैं. हालांकि, उनके सर्वर या डोमेन यूरोपीय या मध्य पूर्वी देशों में पाए गए हैं, लेकिन वास्तविक सोर्स की पुष्टि नहीं हुई है, क्योंकि 'VPN' या 'प्रॉक्सी सर्वर' का इस्तेमाल करके ईमेल भेजे गए थे.' अधिकारी ने आगे बताया कि VPN इंटरनेट पर एक वेब की तरह काम करते हैं, जहां मूल सोर्स सीधे अपने सर्वर से जुड़ा नहीं होता है.
  3. इंटरपोल से मदद: वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, दिल्ली पुलिस ने धमकी देने वालों के आईपी एड्रेस हासिल करने के लिए गूगल, वीके (जिसे 'मेलडॉटआरयू' के नाम से जाना जाता है) और 'आउटलुकडॉटकॉम' जैसे सर्विस प्रोवाइडर्स को पत्र लिखा है. कुछ मामलों में, पुलिस को जवाब मिले हैं लेकिन वे सटीक सोर्स का पता नहीं लगा पाए हैं. दिल्ली पुलिस ने केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से इंटरपोल की सहायता भी मांगी है.
  4. 'भारत के हाथ बंधे': साइबर कानून एक्सपर्ट और सुप्रीम कोर्ट के वकील, डॉ. पवन दुग्गल ने कहा कि समस्या यह है कि भारत में VPN के इस्तेमाल को रेगुलेट करने के लिए कोई डेडिकेटेड कानून नहीं है. दुग्गल ने कहा, 'हालांकि, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (IT Act) 2000 की धारा 1 और 75 में देश से बाहर जांच करने का अधिकार है लेकिन हकीकत यह है कि विदेश से चलने वाले VPN सर्विस प्रोवाइडर्स  खिलाफ इस अधिकार का इस्तेमाल भारत नहीं कर सकता.'
  5. 'हल्के में नहीं ले सकते': पिछले नौ दिनों में दिल्ली के कई स्कूलों को ईमेल जरिए बम से उड़ाने की धमकियां मिलीं, जिसके बाद सुरक्षा एजेंसियों ने तलाश अभियान भी चलाया. अधिकारी ने कहा, 'हालांकि अब तक किसी भी धमकी के बाद ली गई तलाशी में कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला है, लेकिन हम किसी भी धमकी को हल्के में नहीं ले सकते. प्रत्येक संदेश को गंभीरता से लिया गया और सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करते हुए गहन जांच की गई.' (एजेंसी इनपुट्स)

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