Wayanad: क्या वायनाड में भी होगा अमेठी जैसा हाल? राहुल गांधी के सामने क्या हैं चुनौतियां
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Wayanad: क्या वायनाड में भी होगा अमेठी जैसा हाल? राहुल गांधी के सामने क्या हैं चुनौतियां

Wayanad Lok Sabha Chunav: कांग्रेस नेता राहुल गांधी लोकसभा चुनाव में एक बार फिर केरल की वायनाड सीट से चुनावी दांव ठोक रहे हैं, लेकिन इस बार उनकी राह आसान नहीं है और उनके सामने बड़ी चुनौती है.

 

Wayanad: क्या वायनाड में भी होगा अमेठी जैसा हाल? राहुल गांधी के सामने क्या हैं चुनौतियां

K Surendran vs Rahul Gandhi: राहुल गांधी 2019 के चुनाव में अपनी परंपरागत सीट अमेठ से हार गए थे. लेकिन, उन्होंने केरल के वायनाड सीट से जीत मिली थी. राहुल इस बार भी लोकसभा चुनाव में वायनाड सीट से चुनावी मैदान में है, लेकिन इस बार उनके सामने बड़ी चुनौती है और उनकी जीत आसान नहीं दिख रही है. इस बीच वायनाड से बीजेपी उम्मीदवार के सुरेंद्रन ने दावा किया है कि इस बार के चुनाव में राहुल गांधी को अमेठी जैसे ही नतीजे का सामना करना पड़ेगा.

बीजेपी ने राहुल के खिलाफ फायरब्रांड नेता को उतारा

बीजेपी ने अपनी पांचवीं लिस्ट में वायनाड सीट से उम्मीदवार की घोषणा की है और पार्टी ने राहुल गांधी के खिलाफ के सुरेंद्रन को उतारा है. के सुरेंद्रन केरल में बीजेपी के फायरब्रांड नेता है और हिन्दुत्वादी मुद्दों पर आक्रामक रुख अपनाते रहे हैं. बीजेपी ने के. सुरेंद्रन को साल 2020 में केरल बीजेपी का अध्यक्ष बनाया था. नॉर्थ केरल से आने वाले सुरेंद्रन में 2019 में पथानामथिट्टा लोकसभा सीट से किस्मत आजमाया था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. इसके अलावा 2021 के विधानसभा चुनाव में भी पार्टी ने उन्हें 2 सीटों से उतारा था, लेकिन दोनों सीटों पर उन्हें हार का सामना करना पड़ा. के सुरेंद्रन को साल 2018 में सबरीमाला आंदोलन के दौरान गिरफ्तार किया गया था. उस समय वह एक महीने से ज्यादा समय तक जेल में रहे थे.

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सुरेंद्रन के अलावा राहुल के सामने सीपीआई की भी चुनौती

राहुल गांधी के लिए वायनाड में जीत आसान नहीं दिख रही है. वायनाड सीट पर लेफ्ट ने भी अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर दिया है. लेफ्ट ने वायनाड सीट पर एनी राजा को उम्मीदवार बनाया है. एनी राजा की महिला आंदोलन में जबरदस्त भूमिका रही है. राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी सीपीआई द्वारा वायनाड सीट पर उम्मीदवार उतारने के बाद वोट बंटने का खतरा पैदा हो गया है, जिससे राहुल गांधी को नुकसान हो सकता है.

वायनाड सीट रही है कांग्रेस का गढ़

वायनाड लोकसभा सीट का गठन साल 2009 में हुआ था और इसके बाद हुए तीन चुनावों में तीनों बार कांग्रेस ने कब्जा किया है.  साल 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के एमआई शनावास ने जीत दर्ज की थी. इसके बाद 2014 के चुनाव में भी एमआई शनावास ने इस सीट पर कब्जा किया. साल 2018 में एमआी शनावास के निधन के बाद वायनाड सीट खाली थी और राहुल गांधी भी एक सेफ सीट की तलाश में थे. फिर कांग्रेस ने राहुल को 2019 के चुनाव में वायनाड से उतरा और उन्होंने जीत दर्ज की.

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क्या दूसरी सीट से भी चुनाव लड़ेंगे राहुल गांधी?

कांग्रेस ने राहुल गांधी को वायनाड से उम्मीदवार बनाया है, लेकिन पार्टी ने अभी तक अमेठी सीट से किसी को नहीं उतारा है. इस वजह से राहुल गांधी अमेठी सीट से चुनाव लड़ेंगे या नहीं, इस पर अभी तक सस्पेंस बना हुआ है. साल 2019 में राहुल गांधी के खिलाफ अमेठी में स्मृति ईरानी ने चुनाव जीता था. 

अमेठी में 16 में से 13 बार कांग्रेस ने दर्ज की है जीत

अमेठी लोकसभा सीट पर हमेशा से कांग्रेस का कब्जा रहा है और 16 बार (2 उपचुनाव) हुए चुनावों में कांग्रेस ने 13 बार कांग्रेस ने कब्जा किया है. सिर्फ दो बार 1998 और 2019 में भारतीय जनता पार्टी इस सीट पर जीत दर्ज कर पाई है. जबकि साल 1977 में जनता पार्टी के रविंद्र प्रताप सिंह ने वायनाड से जीत हासिल की थी.

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