Suressh Gopi: 'मुझे मंत्री नहीं बनना था...' केरल में BJP का खाता खोलने वाले सुरेश गोपी क्यों छोड़ना चाहते हैं मंत्री पद?
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Suressh Gopi: 'मुझे मंत्री नहीं बनना था...' केरल में BJP का खाता खोलने वाले सुरेश गोपी क्यों छोड़ना चाहते हैं मंत्री पद?

First BJP MP From Kerala: केरल में बीजेपी का खाता खोलने वाले सुरेश गोपी का कहना है कि मैं एक सांसद के तौर पर काम करना चाहता हूं. मुझे कैबिनेट में जगह नहीं चाहिए थी.

 

Suressh Gopi: 'मुझे मंत्री नहीं बनना था...' केरल में BJP का खाता खोलने वाले सुरेश गोपी क्यों छोड़ना चाहते हैं मंत्री पद?

PM Modi 3.0: लोकसभा चुनाव 2024 में एनडीए को बहुमत मिलने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बाद देश के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली. उनके साथ 71 अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ली. केरल से भाजपा के पहले सांसद सुरेश गोपी ने भी मोदी सरकार में राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली. लेकिन सोमवार को होने वाली केंद्रीय कैबिनट की पहली बैठक से पहले ही सुरेश गोपी ने मंत्री पद छोड़ने के संकेत दिए हैं.

लोकसभा चुनाव 2024 के चुनाव अभियान के दौरान सुरेश गोपी के लिए प्रमुख चुनावी मुद्दा 'त्रिशुर के लिए एक केंद्रीय मंत्री, मोदी की गारंटी' था. केंद्रीय कैबिनेट में केरल से भाजपा के दो उम्मीदवारों को जगह मिली है. सुरेश गोपी के अलावा पार्टी के वरिष्ठ नेता जॉर्ज कुरियन को भी राज्य मंत्री के रूप में केंद्रीय कैबिनेट में शामिल किया गया है.

शपथ ग्रहण समारोह के बाद सुरेश गोपी ने दिल्ली में एक मलयालम टीवी चैनल से बात करते हुए कहा है, " मैं एक सांसद के तौर पर काम करना चाहता हूं. मेरा रुख यह था कि मुझे कैबिनेट नहीं चाहिए. मैंने पार्टी को बताया था कि मुझे कैबिनेट पद में कोई दिलचस्पी नहीं है. मुझे लगता है मुझे जल्द ही राहत मिलेगी."

अभिनय जारी रखना चाहते हैं सुरेश गोपी

अभिनेता से नेता बने सुरेश गोपी ने आगे कहा, " त्रिशुर के लोग मुझे अच्छी तरह जानते हैं. मैं एक सांसद के तौर पर बहुत अच्छा प्रदर्शन करूंगा. मैं फिल्मों में अपना अभिनय जारी रखना चाहता हूं. पार्टी के ऊपर निर्णय छोड़ दिया हूं." लोकसभा चुनाव जीतने के बाद गोपी ने कहा कि वह फिल्म इंडस्ट्री नहीं छोड़ेंगे क्योंकि अभिनय उनका जुनून है. उनके पास पहले से ही कुछ फिल्म प्रोजेक्ट पाइपलाइन में हैं.

सुरेश गोपी ने त्रिशूर लोकसभा सीट से 74,000 से अधिक वोटों से जीत हासिल की है. उन्होंने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता वीएस सुनीलकुमार को हराया है. दिलचस्प बात यह रही कि त्रिकोणीय मुकाबले में वरिष्ठ कांग्रेस नेता के मुरलीधरन तीसरे स्थान पर रहे. 

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