पनीरसेल्वम vs पनीरसेल्वम: वोट किसे देंगे? रामनाथपुरम लोकसभा सीट पर जनता अभी से कन्फ्यूज
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पनीरसेल्वम vs पनीरसेल्वम: वोट किसे देंगे? रामनाथपुरम लोकसभा सीट पर जनता अभी से कन्फ्यूज

Lok Sabha Chunav 2024: जरा सोचिए. A नाम का कोई उम्मीदवार लोकसभा चुनाव में प्रचार कर रहा हो और दूसरी तरफ से विरोधी भी A नाम से आ जाए. सब तरफ एक ही आवाज सुनाई दे रही हो तो कैंडिडेट के लिए कैसी चुनौती बढ़ जाएगी. उसे हमेशा यह डर सताता रहेगा कि कहीं उसके वोटर कन्फ्यूजन में विरोधी को वोट न दे दें. आम तौर तीसरे को इसका फायदा हो जाता है. 

पनीरसेल्वम vs पनीरसेल्वम: वोट किसे देंगे? रामनाथपुरम लोकसभा सीट पर जनता अभी से कन्फ्यूज

O Panneerselvam Lok Sabha Election: आप कन्फ्यूज मत होइए. यह तो चुनावी गेम है. पहले धाकड़ कैंडिडेट के वोट काटने के लिए चुनाव में इसी तरह के दांव चले जाते थे. कुछ साल पहले छत्तीसगढ़ की महासमुंद लोकसभा सीट पर चंदू नाम के 11 कैंडिडेट चुनाव मैदान में थे. ऐसा ही दिलचस्प सीन तमिलनाडु की रामनाथपुरम लोकसभा सीट पर बन गया है. यहां से पूर्व मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. उनका मुकाबला अपने ही नाम के उम्मीदवार से है. हां, उसी निर्वाचन क्षेत्र से पनीरसेल्वम नाम के एक अन्य उम्मीदवार ने निर्दलीय कैंडिडेट के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया है. 

उधर, पनीरसेल्वम AIADMK से निष्कासन के खिलाफ कानूनी लड़ाई जारी रखे हुए हैं. उन्होंने लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा के साथ गठबंधन किया है. हालांकि उनकी सीट पर चुनाव अब चुनौतीपूर्ण हो गया है. पूर्व सीएम की टीम अब जनता में इस बात का प्रचार कर रही है कि वे चुनाव चिन्ह देखकर ही वोट करें. 

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पन्नीरसेल्वम का मुकाबला उन्हीं के नाम के 42 साल के ओ पनीरसेल्वम से है, जो मदुरै जिले के उसिलामपट्टी तालुक के रहने वाले हैं. पिक्चर अभी बाकी है. खबर है कि इस सीट से पनीरसेल्वम के नाम से कुल 5 कैंडिडेट मैदान में आ गए हैं. दरअसल, चुनाव में कोई भी पात्र उम्मीदवार निर्दलीय के रूप में खड़ा हो सकता है. एक समय चुनाव आयोग के स्तर पर यह चर्चा भी चलने लगी थी कि निर्दलीय उम्मीदवारों के चुनाव लड़ने पर बैन लगना चाहिए क्योंकि उनकी मंशा अलग होती है. वे या तो वोट काटते हैं या फिर जीतने के बाद पाला बदल लेते हैं. 

जब छत्तीसगढ़ की जनता हुई कन्फ्यूज

2014 के लोकसभा चुनाव की घोषणा हो गई थी. महासमुंद सीट पर चुनाव प्रचार होने लगा. जो भी कैंडिडेट दिखाई देता, नारा यही लगता- चंदू भैया जिंदाबाद, चंदू भैया को वोट दो. वोटर भी कन्फ्यूज हो गए सब कैंडिडेट चंदू भैया के लिए वोट क्यों मांग रहे हैं. जल्द ही साफ हो गया कि चंदू नाम के 1-2 नहीं कुल 11 कैंडिडेट्स चुनाव मैदान में उतर चुके थे. भाजपा उम्मीदवार का नाम चंदू लाल साहू था जिन्हें लोग चंदू भैया कहते थे. आपको जानकर हैरत होगी कि 8 लोगों के नाम चंदूलाल साहू ही थे. तीन चंदूराम थे. भाजपा के चंदू बड़ी मुश्किल से चुनाव जीते थे. वोट काफी बंट गए थे. (भाषा से इनपुट के साथ)

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