Lok Sabha Chunav 2024: अमरावती पर NDA में रार, सांगली पर अघाड़ी में; महाराष्ट्र में कहीं पटरी से न उतर जाए गठबंधनों की गाड़ी
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Lok Sabha Chunav 2024: अमरावती पर NDA में रार, सांगली पर अघाड़ी में; महाराष्ट्र में कहीं पटरी से न उतर जाए गठबंधनों की गाड़ी

Lok Sabha Chunav 2024 Hindi News: महाराष्ट्र में लोकसभा सीटों की शेयरिंग को लेकर दोनों प्रमुख गठबंधनों में मोटे तौर पर समझौता तो हो गया है लेकिन अमरावती और सांगली सीट अभी भी विवाद की वजह बनी हुई है. कहीं इसकी वजह से गठबंधन में दरार तो नहीं आ जाएगी. 

Lok Sabha Chunav 2024: अमरावती पर NDA में रार, सांगली पर अघाड़ी में; महाराष्ट्र में कहीं पटरी से न उतर जाए गठबंधनों की गाड़ी

Maharashtra Lok Sabha Chunav 2024: महाराष्ट्र में कुल 48 लोकसभा सीटें हैं. राज्य की 48 सीटों में से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 23 सीटों पर और शिवसेना ने 18 सीटों पर जीत हासिल कर क्लीन स्वीप किया है. शिवसेना-भाजपा गठबंधन की सरकार बनने की संभावना है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) अपनी चार सीटें बरकरार रखने में कामयाब रही है. कांग्रेस राज्य में केवल एक सीट बरकरार रखने में सफल रही. बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी महाराष्ट्र की नागपुर सीट बरकरा

लोक सभा चुनाव के लिए महाराष्ट्र 48 सीटों पर जंग लड़ने के लिए एनडीए और महाविकास आघाड़ी गठबंधन के मोर्चे तैयार हो गए हैं. दोनों गठबंधनों ने बातचीत के बाद सीट शेयरिंग पर फंसी फांस को आज दूर कर लिया. हालांकि एक- दो सीटें अब भी ऐसी बची हैं, जो दोनों गठबंधनों में विवाद की वजह बनी हुई है. लेकिन प्रमुख नेताओं का कहना है कि आपसी बातचीत से उन पर भी कोई हल निकाल लिया जाएगा. सीटों पर समझौता होते ही अब दोनों गठबंधन अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर सकते हैं. अब देखना होगा कि चुनाव में कौन किस पर भारी पड़ेगा. 

उद्धव ठाकरे गुट 22 सीटों पर लड़ेगा चुनाव

महाविकास आघाड़ी की आज हुई बैठक में फैसला लिया गया कि शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट राज्य की 22 सीटों पर चुनाव लड़ेगा. जबकि कांग्रेस 16 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी. शरद पवार के एनसीपी गुट को 10 सीटें दी गई हैं. अभी तक वंचित बहुजन आघाडी की तरफ से गठबंधन पर आखिरी निर्णय नहीं लिया गया है. ऐसे में तीनों पार्टियों ने वंचित बहुजन आघाड़ी को 5 सीट देने का फैसला किया है. 

सांगली सीट को लेकर MVA में विवाद

गठबंधन ने कहा है कि अगर प्रकाश आंबेडकर महा विकास आघाड़ी के साथ चुनाव लड़ेंगे तो तीनों ही पार्टियों अपने-अपने कोटे से वंचित बहुजन आघाड़ी को 5 सीट देंगी. वहीं सांगली सीट को लेकर ठाकरे गुट ने साफ किया  है कि सांगली से उद्धव  ठाकरे गुट चुनाव लड़ेगा, जबकि भिवंडी से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी अपना उम्मीदवार उतार सकती है. इसको लेकर अभी भी आखिरी दौर की बातचीत चल रही है. बुधवार को शिवसेना अपने उम्मीदवारों के नाम जारी कर सकती है.

NDA गठबंधन में भी अमरावती सीट पर संकट

उधर एनडीए गठबंधन में सीट बंटवारे के लिए आज रात मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अपने सरकारी निवास वर्षा पर दो महत्वपूर्ण बैठक करने वाले हैं. इस बैठक में मुंबई के सांसदों, विधायकों और कुछ प्रमुख नेताओं को चर्चा के लिए बुलाया गया है. गठबंधन में अमरावती सीट को लेकर गांठ बनी हुई है. इस सीट पर मौजूदा वक्त में नवनीत राणा सांसद हैं, जिन्होंने निर्दलीय चुनाव जीता था लेकिन बाद में वे बीजेपी में शामिल हो गईं. 

शिंदे गुट जता रहा सीट पर अपना दावा

सांसद नवनीत राणा पर जाति का अवैध प्रमाणपत्र बनवाने का मामला चल रहा है. इस मामले में 1 अप्रैल को कोर्ट का फैसला आने वाला है. कोर्ट अपने फैसले में नवनीत को देषी या निर्दोष करार दे सकती है. ऐसे में बीजेपी ने प्लान बी भी तैयार कर रखा है ताकि फैसला विपरीत आने पर अमरावती से पार्टी के दूसरे उम्मीदवार को उतारा जा सके.

बीजेपी ने सीएम शिंदे को दी समाधान की जिम्मेदारी

उधर अमरावती सीट से एकनाथ शिंदे का शिवसेना गुट भी अपना दावा ठोक रहा है. पार्टी के नेता और मौजूदा विधायक बच्चू कडू अमरावती के लिए अपना दावा बता रहे है. बीजेपी ने इस विवाद को सुलझाने की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को दी है. इस संबंध में मुख्यमंत्री आज अपने विधायक बच्चू कडू से चर्चा करेंगे. 

2019 में बीजेपी- शिवसेना ने किया था क्लीन स्वीप

बताते चलें कि महाराष्ट्र में 2019 का लोकसभा चुनाव बीजेपी और शिवसेना ने मिलकर लड़ा था, जिसमें बीजेपी ने 23 और शिवसेना ने 18 सीटों पर जीत हासिल की थी. एनसीपी अपनी 4 सीटें बरकरार रखने में कामयाब रही थी. वहीं कांग्रेस केवल एक सीट पर सिमट गई थी. राज्य में 2 सीटें निर्दलीयों ने जीती थी. इस चुनाव के बाद से राज्य में राजनीतिक तस्वीर पूरी तरह बदल चुकी है.

क्या उद्धव ठाकरे और शरद पवार कर पाएंगे उलटफेर?

शिवसेना टूटकर दो हिस्सों में बंट चुकी है और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में उसका बड़ा हिस्सा बीजेपी के साथ सरकार में साझीदार है. कुछ महीनों पहले एनसीपी भी टूट गई और अजित पवार के नेतृत्व में सांसद और विधायकों का बड़ा समूह बीजेपी के साथ जा मिला. ऐसे में अब उद्धव ठाकरे और शरद पवार की राजनीतिक ताकत पहले से कमजोर हो गई है. फिर भी राजनीति संभावनाओं का खेल है और कोई नहीं जानता कि रिजल्ट वाले दिन महाराष्ट्र में क्या नतीजा सामने आएगा. 

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