Lok Sabha Election UP: यूपी में सातवें चक्रव्यूह की राजनीति, बीजेपी के दांव से बढ़ा इंडिया का सिरदर्द
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Lok Sabha Election UP: यूपी में सातवें चक्रव्यूह की राजनीति, बीजेपी के दांव से बढ़ा इंडिया का सिरदर्द

UP BJP Strategy: INDIA गठबंधन की बागडोर यूपी के दो पुराने लड़कों के हाथ में है. NDA गठबंधन से दो-दो हाथ करने के लिए सभी विपक्षियों ने हाथ भी मिला लिया है. लेकिन ये चुनावी जंग इतनी आसान नहीं है क्योंकि बीजेपी ने भी उत्तर प्रदेश में अपना चुनावी चक्रव्यूह रच चुकी है. 

Lok Sabha Election UP: यूपी में सातवें चक्रव्यूह की राजनीति, बीजेपी के दांव से बढ़ा इंडिया का सिरदर्द

UP Lok Sabha Election 2024: मोदी दक्षिण में बीजेपी की शक्ति बढ़ा रहे हैं तो वहीं साथ-साथ सबसे ज्यादा सीटों वाले उत्तर प्रदेश में बीजेपी अपने विरोधियों को धराशाई करने के लिए चक्रव्यूह रच चुकी है. चुनाव में सभी 80 सीटें जीतने की रणनीति बुनने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दिल्ली में मंथन भी कर रहे हैं. दरअसल यूपी के दो लड़कों ने अपनी चुनावी रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है. ऐसे में शह और मात के खेल में जीतने के लिए एक-एक सीट, एक-एक बूथ पर कैसे रणनीति बुनी जा रही है. आइए समझते हैं.

बीजेपी ने बिछाया जाल

INDIA गठबंधन की बागडोर यूपी के दो पुराने लड़कों के हाथ में है. NDA गठबंधन से दो-दो हाथ करने के लिए सभी विपक्षियों ने हाथ भी मिला लिया है. लेकिन ये चुनावी जंग इतनी आसान नहीं है क्योंकि बीजेपी ने भी उत्तर प्रदेश में अपना चुनावी चक्रव्यूह रच चुकी है. एक-एक सीट एक-एक बूथ पर बीजेपी ने ऐसा जाल बिछाना शुरू कर दिया है, जिससे विरोधी पार्टियों के लिए 2024 की जंग आसान नहीं रह जाएगी.

अब आपको एक-एक कर बताते हैं कि राम लहर के बीच बीजेपी यूपी में किस तरह से 80 बट्टा 80 जीतने की तैयारी कर रही है. दरअसल पिछली बार 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी 80 में से 64 सीट का ही आंकड़ा छू पाई थी. यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चुनाव के ऐलान से पहले ही यूपी के चप्पे-चप्पे का दौरा कर चुके हैं. खासकर उन जगहों पर जहां बीजेपी का जनाधार कमजोर रहा है.

PM ने किए यूपी के 5 दौरे

चुनाव की तारीखों से पहले खुद प्रधानमंत्री मोदी राम मंदिर में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा से लेकर अब तक यूपी के 5 दौरे कर चुके हैं. जहां उन्होंने चार चुनावी रैलियां की हैं. जहां दो ऐसी जगह रैली की है जहां पिछली बार बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था. इसके अलावा 10 से ज्यादा वर्चुअल कार्यक्रम में भी शामिल रहे हैं. 

जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी एक महीने के भीतर 50 से ज्यादा जिलों में सभाएं कर चुके हैं. उनका भी फोकस उन्हीं जिलों में रहा है जहां बीजेपी का कमल थोड़ा कमजोर रहा है. 80 का टारगेट छूने के लिए बीजेपी के दो पुराने दोस्तों से भी हाथ मिलाया है. इनमें ओम प्रकाश राजभर (सुभासपा) और जयंत चौधरी (रालोद) शामिल है.

कैसा है बीजेपी का चक्रव्यूह

पिछले 3 लोकसभा चुनाव में बीजेपी का वोटशेयर यानी जनाधार यूपी में लगातार बढ़ रहा है. उत्तर प्रदेश में पिछले आंकड़ों से भी बीजेपी का जोश हाई है और अगर जनाधार को सीटों में बदल लिया तो बीजेपी के लिए 400 पार का लक्ष्य साधना आसार हो सकता है. यही वजह है कि बीजेपी ने ऐसा चक्रव्यूह तैयार किया है, जिससे पार पाना विरोधियों को इस चुनाव में आसान नहीं होगा. चुनाव के हर चरण के लिए बड़ी ही बारीकी से तैयारी की गई है. जिसके मुताबिक 

हर बूथ-हर घर: बीजेपी सबसे पहले हर बूथ-हर घर के मंत्र से साथ मतदाताओं के बीच पहुंचना चाहती है. ताकि वोटिंग भरपूर हो और राम लहर में इसका फायदा हो सके.

जनता का विश्वास और आशीर्वाद भाजपा के साथ: इसके बाद दूसरे स्टेप में  पार्टी प्रदेश की जनता का विश्वास और आशीर्वाद भाजपा के साथ स्लोगन लेकर हर पन्ना प्रमुख को उनकी अहमियत बताएगी और सभी पन्ना प्रमुख को एक पन्ने के सभी वोटर्स को भाजपा के पक्ष में करने का टास्क देगी.

जातीय समीकरण: तीसरे स्टेप में पार्टी लोकसभा चुनाव में सभी 80 सीटें जीतने के लिए चुनाव होने तक जातीय समीकरण पर पूरा काम करेगी.

हर वर्ग को जोड़ना: चौथे स्टेप में पार्टी युवा, महिला, शिक्षक, ट्रक डाइवर, टैक्सी ड्राइवर, डिलीवरी मैन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और संविदा कर्मियों के बीच मौजूदगी दर्ज कराएगी. टैक्सी ड्राइवर और डिलीवरी मैन बड़ा वोट बैंक हैं, उन्हें जोड़ने के लिए कवायद की जाएगी.

हर व्यवसाय से जुड़े लोगों पर नज़र: पांचवे स्टेप में व्यापारियों, खिलाड़ियों, किसानों और समाज के विभिन्न वर्ग से संवाद किया जाएगा.

संवाद: छठे स्टेप में छोटे छोटे समूहों से संवाद स्थापित किया जाएगा ताकि उन्हें यह लगना चाहिए कि भाजपा केवल राजनीतिक दल नहीं बल्कि एक सामाजिक संगठन भी है और सीधे उनसे जुड़ा है.

प्रधानमंत्री,सीएम योगी का चुनाव प्रचार: सातवां स्टेप प्रधानमंत्री,सीएम योगी और अन्य बड़े नेताओं की रैलियां और रोड शो में अपार जनसमूह लाने का टारगेट सेट किया गया है ताकि आम लोगो को विश्वास हो सके कि अभी भी जनता भाजपा के साथ है.

हारी बाजी को जीतने की तैयारी

यही नहीं पिछले चुनाव में हारी बाजी को जीतने की रणनीति भी तैयार की गई है. दरअसल पिछली बार 80 में से 14 सीटें कम रह गई थी. लेकिन इस बार बीजेपी और मजबूती से चुनाव लड़ने के लिए सबसे पहले यूपी की ऐसी 24 सीटों पर नजर है. 

बीजेपी ने 20,000 से ही 10 सीटें जीतीं थी. ऐसी सीटें हैं जहां पर हार जीत का अंतर 25,000 से कम था, वहां पर भी बीजेपी का फोकस रहेगा. साथ ही 2019 में हारी हुई 14 सीटों को जीतने का पार करना लक्ष्य होगा. इन सीटों में मेरठ, मुजफ्फरनगर, बागपत, सुल्तानपुर, चंदौली, कन्नौज, बदायूं  जैसी सीटों पर भी हार जीत का अंतर बेहद ही कम था.

वैसे अकेले बीजेपी ही नहीं INDIA गठबंधन में शामिल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी भी वॉर रूम की योजना तैयार कर चुकी है. अब तक तय हुआ है कि वॉर रूम में दोनों दलों के 2-2 नेताओं की ड्यूटी लगाई जाएगी.

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