Lok Sabha Chunav: चुनाव के मौसम में क्या 50 हजार से ज्यादा कैश लेकर चल सकते हैं? EC का नियम क्या कहता है
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Lok Sabha Chunav: चुनाव के मौसम में क्या 50 हजार से ज्यादा कैश लेकर चल सकते हैं? EC का नियम क्या कहता है

Cash in Election: चुनाव के मौसम में आपने देखा होगा कि पुलिस टीमों की जगह-जगह तैनाती बढ़ जाती है. गाड़ियों की चेकिंग भी होती है. दरअसल, इस दौरान चुनाव आयोग के सख्त कानून प्रभावी होते हैं. EC के रूल के तहत चुनाव लड़ने वाले कैंडिडेट, उसके समर्थक या एजेंट की हर गतिविधि पर एजेंसियों की नजर होती है. 

Lok Sabha Chunav: चुनाव के मौसम में क्या 50 हजार से ज्यादा कैश लेकर चल सकते हैं? EC का नियम क्या कहता है

Election Commission of India: कुछ दिन पहले एक वीडियो सामने आया था, जिसमें कुछ पर्यटकों से पुलिस 69,400 रुपये जब्त करती दिखाई दे रही थी. वीडियो तमिलनाडु का था. जांच के बाद यह पैसा वापस कर दिया गया था. हालांकि इस घटना से चुनाव के आसपास नकदी और दूसरे सामान ले जाने के चुनाव आयोग के कड़े नियमों की चर्चा होने लगी है. कोई भी नेता, कार्यकर्ता या पार्टी से जुड़ा व्यक्ति कितना कैश लेकर चल सकता है? चुनाव में सीमा से ज्यादा पैसे का इस्तेमाल न हो, चुनाव आयोग इससे कैसे निपटता है?

  1. चुनावों के दौरान इलेक्शन कमीशन 'मनी पावर' से कैसे निपटता है? दरअसल, चुनाव आयोग ने पहले से ही बड़े राज्यों की एक लोकसभा सीट पर खर्चे की सीमा 95 लाख रुपये और छोटे राज्यों में एक निर्वाचन क्षेत्र में 75 लाख रुपये की सीमा तय कर रखी है. चुनाव प्रचार में इस सीमा से ज्यादा खर्चे न किए जाएं, यह सुनिश्चित करने के लिए EC हर चुनाव से पहले पुलिस विभाग, रेलवे, एयरपोर्ट, आयकर विभाग और अन्य एजेंसियों को निर्देश जारी करता है. आयोग की कोशिश रहती है कि चुनाव के दौरान मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए नकदी, शराब, आभूषण, उपहारों आदि की आवाजाही पर पाबंदी लगाई जा सके. 
  2. इससे निपटने के लिए क्या चुनाव आयोग के पास अधिकारियों की टीम है? हां, EC निगरानी दलों और उड़न दस्तों के साथ-साथ हर जिले के लिए व्यय पर्यवेक्षकों की तैनात करता है. टीम की अगुआई एक वरिष्ठ कार्यकारी मजिस्ट्रेट करते हैं और इसमें एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, एक वीडियोग्राफर और तीन-चार सशस्त्र पुलिसकर्मी शामिल होते हैं. निगरानी दल सड़कों पर चौकियां लगाते हैं और उन्हें पूरी जांच प्रक्रिया की वीडियोग्राफी करनी होती है. मतदान से पहले के आखिरी 72 घंटों में तैनाती बढ़ जाती है.
  3. ऐसे समय में कैश ले जाने के नियम क्या हैं? अधिकारियों के लिए जरूरी होता है कि वे 10 लाख रुपये से ज्यादा कैश या 1 किलो से ज्यादा सोना-चांदी आदि पाए जाने पर उस व्यक्ति के बारे में तत्काल आयकर विभाग को सूचित करें. सत्यापन पूरा होने तक नकदी या दूसरी चीजों को जब्त किया जा सकता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह किसी राजनीतिक दल या उम्मीदवार से संबंधित तो नहीं है. 
  4. अगर किसी उम्मीदवार, उसके एजेंट या पार्टी कार्यकर्ता की गाड़ी में 50,000 रुपये से ज्यादा कैश, ड्रग्स, शराब, हथियार या 10,000 रुपये से अधिक के गिफ्ट आदि मिलते हैं तब उस सामान को तुरंत जब्त कर लिया जाएगा. जांच के दौरान अपराध का संदेह हुआ तो जब्ती CrPC के तहत होगी. जब राज्य की सीमाओं के पार शराब ले जाने की बात आती है तो संबंधित राज्य के आबकारी कानून लागू होते हैं.
  5. जब्त करने के बाद क्या होता है? हां, अगर कोई नकदी या दूसरे सामान जब्त किए जाते हैं और वे किसी उम्मीदवार या अपराध से संबंधित नहीं मिलते हैं तो प्रशासन को उसे वापस करना होता है. आम जनता और लोगों को परेशानी से बचाने के लिए एक जिलास्तरीय समिति शिकायतों को देखती है. खर्चे की निगरानी के लिए जिला निर्वाचन कार्यालय के नोडल अधिकारी और जिला कोषागार अधिकारी वाली समिति स्वतः ही जब्ती के हर मामले की जांच करती है, भले ही कोई FIR/शिकायत दर्ज नहीं की गई हो या जहां जब्ती किसी उम्मीदवार, राजनीतिक दल या चुनाव अभियान से संबंधित नहीं हो.

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