Jhunjhunu Lok Sabha Election 2024: तीसरी बार बीजेपी को मिलेगा जीत का आशीर्वाद या कांग्रेस पलटेगी बाजी, क्या कहते हैं झुंझुनू के आंकड़े
Advertisement

Jhunjhunu Lok Sabha Election 2024: तीसरी बार बीजेपी को मिलेगा जीत का आशीर्वाद या कांग्रेस पलटेगी बाजी, क्या कहते हैं झुंझुनू के आंकड़े

Jhunjhunu Lok Sabha Election 2024 News: इस लोकसभा क्षेत्र के तहत 8 विधानसभाएं आती हैं- पिलानी, सूरजगढ़, झुंझुनू, मंडावा, नवलगढ़, उदयपुरवती, खेत्री, फतेहपुर. कांग्रेस ने इस सीट से ब्रिजेंद्र सिंह उला को टिकट दिया है. जबकि बीजेपी ने अभी उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है.

 

Jhunjhunu Lok Sabha Election 2024: तीसरी बार बीजेपी को मिलेगा जीत का आशीर्वाद या कांग्रेस पलटेगी बाजी, क्या कहते हैं झुंझुनू के आंकड़े

Jhunjhunu Lok Sabha Election 2024: पूरे देश के साथ-साथ राजस्थान में भी चुनावों की रणभेरी बज चुकी है. राजस्थान के सियासी रेगिस्तान में दो-दो हाथ करने के लिए पार्टियों ने अपने उम्मीदवार उतारने शुरू कर दिए हैं. राजस्थान में मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही है. रेगिस्तानी राज्य की 25 लोकसभा सीटों पर दो चरणों में चुनाव होगा. इन्हीं सीटों में से एक है झुंझुनू लोकसभा सीट.यहां से फिलहाल बीजेपी के नरेंद्र कुमार सांसद हैं. झुंझुनू सामान्य श्रेणी की सीट है. 2011 की जनगणना के अनुसार झुंझुनूं जिले में औसत साक्षरता दर 76.53% है जिसमें से पुरुष और महिला क्रमशः 87.3 9% और 65.03% साक्षर हैं.

इस लोकसभा क्षेत्र के तहत 8 विधानसभाएं आती हैं- पिलानी, सूरजगढ़, झुंझुनू, मंडावा, नवलगढ़, उदयपुरवती, खेत्री, फतेहपुर. कांग्रेस ने इस सीट से ब्रिजेंद्र सिंह उला को टिकट दिया है. जबकि बीजेपी ने अभी उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है.

सीट पर क्या है समीकरण?

झुंझुनू एक जाट बहुत लोकसभा सीट मानी जाती है. यहां मुसलमानों की भी अच्छी खासी तादाद है. उनका वोट प्रतिशत यहां 22.3 प्रतिशत और आबादी 267,180 है. अनूसूचित जाति के वोटर्स की जनसंख्या 323,282 और एसटी वोटर्स की संख्या 34,637 है. 

कब कौन रहा सांसद?

इस सीट से 1952, 1957 और 1962 में कांग्रेस के राधेश्याम मोरका ने जीत दर्ज की. इसके बाद 1967 में स्वतंत्र पार्टी के आरके बिरला जीते. 1971 में कांग्रेस के शिवनाथ सिंह को जीत मिली. जनता पार्टी के टिकट पर 1977 में कन्हैया लाल और 1980 में भीम सिंह को जीत मिली. 1984 में कांग्रेस के मोहम्मद अयूब खान को जीत मिली. 1989 में जनता दल के टिकट पर जगदीप धनखड़ ने चुनाव लड़ा था, जो फिलहाल उपराष्ट्रपति हैं. 1991 में फिर मोहम्मद अयूब खान कांग्रेस के टिकट से जीते.इसके बाद 1996, 1998, 1999, 2004, और 2009 में कांग्रेस के सिस राम ओला को जीत मिली. 2014 में बीजेपी के संतोष अहलावत को जीत मिली और 2019 में नरेंद्र कुमार जीते. 

2014 के चुनाव में संतोष अहलावत को 488,181 वोट मिले थे. जबकि कांग्रेस की राज बाला ओला को 2,54,347 वोट. निर्दलीय राजकुमार शर्मा को 2,06,288 वोटों से संतोष करना पड़ा. 2019 के चुनाव में नरेंद्र कुमार को 7,38,163 वोट नसीब हुए. जबकि श्रवण कुमार को 4,35,616 वोट.   

Trending news