Ganganagar Lok Sabha Election 2024: गंगानगर में बीजेपी को मिलेगा तीसरी जीत का तोहफा या खत्म होगा कांग्रेस का वनवास? जानें सभी समीकरण
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Ganganagar Lok Sabha Election 2024: गंगानगर में बीजेपी को मिलेगा तीसरी जीत का तोहफा या खत्म होगा कांग्रेस का वनवास? जानें सभी समीकरण

Ganganagar Lok Sabha Election 2024 News: गंगानगर लोकसभा क्षेत्र में 8 विधानसभा सीटें आती हैं, ये हैं- सादुर शहर, गंगानगर, करनपुर, सूरतगढ़, रायसिंहनगर, संगरिया, हनुमानगढ़, पीलीबंगा. गंगानगर में 10 बार कांग्रेस और 5 बार बीजेपी जीती है. दो बार जनता दल के प्रत्याशी को जीत मिली है. 

Ganganagar Lok Sabha Election 2024: गंगानगर में बीजेपी को मिलेगा तीसरी जीत का तोहफा या खत्म होगा कांग्रेस का वनवास? जानें सभी समीकरण

Ganganagar Lok Sabha Election 2024:  राजस्थान में 25 लोकसभा सीटों पर दो चरणों में चुनाव होने हैं. नतीजे 4 जून को घोषित किए जाएंगे. राजस्थान की 25 सीटों में से एक है गंगानगर, जो अनुसूचित जाति (एससी) की सीट है. इस लोकसभा सीट पर पूरा गंगानगर जिले के अलावा हनुमानगढ़ जिले का हिस्सा आता है. इस लोकसभा क्षेत्र में साक्षरता दर 59.73 फीसदी है. इस सीट पर सबसे ज्यादा आबादी अनुसूचित जाति और सिखों की है. 

गंगानगर लोकसभा क्षेत्र में 8 विधानसभा सीटें आती हैं, ये हैं- सादुर शहर, गंगानगर, करनपुर, सूरतगढ़, रायसिंहनगर, संगरिया, हनुमानगढ़, पीलीबंगा. गंगानगर में 10 बार कांग्रेस और 5 बार बीजेपी जीती है. दो बार जनता दल के प्रत्याशी को जीत मिली है. 

सीट पर क्या है समीकरण?

इस सीट पर सबसे ज्यादा 33.7 फीसदी आबादी अनुसूचित जाति की है. इसके बाद 19.66 फीसदी आबादी सिखों की है. बौद्ध 0.04 फीसदी, ईसाई 0.11 फीसदी, जैन, 0.11 फीसदी, मुसलमान 3.7 फीसदी, अनुसूचित जनजाति 0.8 फीसदी है. साल 2011 की जनगणना के मुताबिक, गंगानगर (एससी) सीट पर अनुसूचित जाति के वोटर्स की आबादी 650,622 है. अनुसूचित जनजाति की आबादी 15,445 है. मुस्लिम वोटर्स की आबादी वोटर लिस्ट के मुताबिक 70,748 है. गंगानगर सीट पर ग्रामीण मतदाताओं की आबादी 1,422,873 है, जो 2011 की जनगणना के मुताबिक 73.7 फीसदी है. जबकि शहरी वोटर्स की आबादी 5,07,755 है, जो जनगणना के मुताबिक 26.3 फीसदी है. 2019 के लोकसभा चुनावों में गंगानगर लोकसभा सीट पर कुल वोटर्स की तादाद 1930628 थी और वोट प्रतिशत 74.3 फीसदी रहा था.

कब कौन रहा सांसद

साल 1952 से लेकर 1971 तक यहां कांग्रेस के पन्नालाल बारुपल सांसद रहे. इसके बाद जनता पार्टी के बेगाराम चौहान 1977 में सांसद चुने गए. 1980 और 1984 में लगातार दो बार कांग्रेस के बीरबल राम को जीत मिली. 1989 में जनता दल के टिकट पर बेगाराम चौहान जीते. 1991 में कांग्रेस के बीरबल राम को जीत मिली. 1996 में बीजेपी के निहालचंद मेघवाल को जीत  मिली. 1998 में कांग्रेस के शंकर पन्नू को जनता ने जिताकर संसद भेजा. लेकिन 1999 और 2004 में बीजेपी के निहालचंद मेघवाल को जनता ने सिर आंखों पर बैठाया. 2009 में बाजी पलटी और कांग्रेस के भरत राम मेघवाल जीत गए. 2014 और 2019 में बीजेपी के निहालचंद मेघवाल को जितना ने भरपूर वोट देकर यहां से जिताया.   
 

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