Amit Shah Ramban Rally Speech: जम्मू कश्मीर के रामबन जिले में पार्टी के प्रचार के लिए पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह खूब गरजे. उन्होंने उमर- महबूबा और राहुल गांधी के साथ ही पाकिस्तान को निशाने पर लिया.
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Amit Shah Speech in Ramban Rally: जम्मू कश्मीर में 10 साल बाद होने जा रहे असेंबली चुनावों में जीत हासिल करने के लिए सभी पार्टियों ने अपनी जान झोंक रखी है. इस दौड़ में बीजेपी भी पीछी नहीं है. पीएम मोदी ने जहां रविवार को डोडा में रैली करके लोगों को कमल का बटन दबाने की अपील की थी. वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को रामबन में जनसभा कर राज्य में बीजेपी सरकार बनाने में साथ देने का आह्वान किया.
शाह ने आरोप लगाया कि नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां), पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और कांग्रेस आतंकवादियों और पत्थरबाजों को रिहा कराना चाहती हैं, ताकि जम्मू-कश्मीर को फिर से आतंक के गर्त में ले जाया जा सके. लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार इन दलों को आतंकवाद को फिर से मजबूती प्रदान नहीं करने देगी. उन्होंने कहा कि नई सरकार बनने पर हाथों में लैपटॉप और तिरंगा थामने वाले युवाओं को नौकरी मिलेगी, जबकि पत्थरबाजों को जेल भेजा जाएगा.
पहले चरण में 18 सितंबर को वोटिंग
जम्मू-कश्मीर में पहले चरण के तहत 18 सितंबर को वोट डाले जाएंगे. इस चरण के लिए प्रचार का सोमवार को आखिरी दिन था. अंतिम दिन रामबन जिले के चंद्रकोट में एक रैली में कहा, ‘पत्थर फेंकने वालों के लिए जेल तैयार हैं.’ उन्होंने केंद्र-शासित प्रदेश में सोमवार को अपनी तीसरी चुनावी रैली को संबोधित करते हुए क्षेत्रीय दलों के पाकिस्तान के साथ वार्ता और सीमापार व्यापार फिर शुरू करने की वकालत करने का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि जब तक आतंकवाद पूरी तरह समाप्त नहीं हो जाता, जब तक ऐसा कुछ नहीं होने वाला.
विधानसभा चुनावों के लिए जम्मू-कश्मीर भाजपा के घोषणापत्र का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि तीन चरण के चुनावों के बाद एक श्वेत पत्र जारी किया जाएगा, ताकि केंद्र-शासित प्रदेश में पिछले 35 वर्षों में 40,000 से अधिक लोगों के आतंकवाद के कारण जान गंवाने के मामले में जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके.
राकेश सिंह और सलीम भट के लिए मांगे वोट
पार्टी उम्मीदवार राकेश सिंह ठाकुर (रामबन) और मोहम्मद सलीम भट (बनिहाल) के समर्थन में रैली को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा, ‘वे (नेकां, पीडीपी और कांग्रेस) आतंकवादियों और पत्थरबाजों को रिहा कराना चाहते हैं और उन्हें नौकरियां दिलाना चाहते हैं. मैं उन्हें बता देना चाहता हूं कि मोदी सरकार उन युवाओं को नौकरी देगी, जिनके हाथ में लैपटॉप और तिरंगा हो.’
कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर में फिर से दो झंडे और दो संविधान लाना चाहती है, पर उन्हें नहीं पता कि केंद्र में मोदी जी की नेतृत्व वाली भाजपा सरकार है। राहुल गाँधी और उमर अब्दुल्ला कान खोल कर सुन लें, भारत में केवल एक ही झंडा होगा, हमारा तिरंगा।
रामबन की जनता ने आतंक… pic.twitter.com/6IC5qIqKPf
— Amit Shah (@AmitShah) September 16, 2024
शाह ने कहा कि ये दल पाकिस्तान के साथ बातचीत और जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) से सीमापार व्यापार फिर से शुरू करने की वकालत कर रहे हैं. सीमापार व्यापार अप्रैल 2019 में निलंबित कर दिया गया था. गृह मंत्री ने कहा, ‘मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि जब तक आतंकवाद समाप्त नहीं होगा, पाकिस्तान से कोई बात नहीं होगी. उमर अब्दुल्ला अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर लें... (लेकिन) जब तक आतंकवाद को पाताल में दफन नहीं कर दिया जाता, तब तक पाकिस्तान के साथ कोई व्यापार नहीं होगा.’
आप आग से खेल रहे हैं- अमित शाह
शाह ने नेकां नेता उमर अब्दुल्ला के इस बयान की निंदा की कि संसद हमले के दोषियों को फांसी पर नहीं लटकाया जाना चाहिए था. उन्होंने कहा, ‘आपकी मंशा आतंकवाद को लौटाने की है, जिसे पूरा नहीं होने दिया जाएगा. आप आग से खेल रहे हैं, क्योंकि आतंकवाद से किसी का भला नहीं होता.’
शाह ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के घोषणापत्र का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसका समर्थन किया है, जबकि इसमें अनुच्छेद-370 और दूसरे झंडे को वापस लाने की बात कही गई है. उन्होंने रैली में मौजूद लोगों से सवाल पूछा, ‘क्या आपको दूसरा झंडा चाहिए?’ इस पर लोगों ने अपने हाथ हिलाते हुए ‘नहीं’ में जवाब दिया.
'अनुच्छेद-370 ने गुरबत के अलावा क्या दिया'
गृह मंत्री ने कहा, ‘राहुल बाबा आप जितनी ताकत लगा सकते हैं, लगा लें, लेकिन जम्मू-कश्मीर में केवल एक झंडा रहेगा और वो है हमारा प्यारा तिरंगा.’ शाह ने कहा, ‘मैं आपसे और कश्मीर की जनता से, खासतौर पर मुस्लिम भाइयों-बहनों से पूछना चाहता हूं कि अनुच्छेद-370 ने आपको गरीबी, बेरोजगारी और आतंकवाद के अलावा क्या दिया.’
उन्होंने कहा, ‘मुस्लिम, हिंदू, बौद्ध और सिख समुदाय के लोगों को अनुच्छेद-370 से कोई फायदा नहीं हुआ और केवल इन परिवारों-अब्दुल्ला (नेशनल कॉन्फ्रेंस), गांधी (कांग्रेस) और मुफ्ती (पीडीपी) ने अपने राजनीतिक हितों के लिए इसका इस्तेमाल किया.’ शाह ने कहा, ‘क्या वे आपके वोटों के हकदार हैं? उन्होंने नौजवानों के हाथों में बंदूक और पत्थर दिए और अपने बच्चों को विदेश में शिक्षा दिलाई, ताकि वे बाद में सत्ता का सुख भोग सकें.’
'जम्मू-कश्मीर में विभाजनकारी राजनीति नहीं होने देंगे'
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर में पंचायत चुनाव कराके 30,000 युवकों को अवसर दिया. शाह ने कहा कि वे अनेक समुदायों को दिए गए आरक्षण की समीक्षा करने की बात कर रहे हैं और ‘‘युवाओं को भ्रष्टाचार की आग में झोक रहे हैं.’ उन्होंने कहा, “हम जम्मू-कश्मीर में विभाजनकारी राजनीति नहीं होने देंगे और यह हमारा दृढ़ संकल्प है.”
(एजेंसी भाषा)