GK: पहली बार किस नेता को मिली थी दिल्‍ली की कमान, दूसरे CM के बाद क्यों दशकों तक खाली रही कुर्सी? यहां जानिए
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GK: पहली बार किस नेता को मिली थी दिल्‍ली की कमान, दूसरे CM के बाद क्यों दशकों तक खाली रही कुर्सी? यहां जानिए

Delhi CM List: आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी अब जल्‍द ही दिल्‍ली के सीएम के रूप में नजर आएंगी, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यहां का पहला मुख्यमंत्री कौन? आइए एक नजर डालते हैं अब तक दिल्‍ली के कमान संभालने वाले मुख्यमंत्रियों के नामों पर...

 

GK: पहली बार किस नेता को मिली थी दिल्‍ली की कमान, दूसरे CM के बाद क्यों दशकों तक खाली रही कुर्सी? यहां जानिए

First Chief Minister of Delhi: दिल्‍ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने पद से इस्‍तीफा दे चुके हैं. उनकी जगह आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी दिल्‍ली की नई मुखिया होंगी, लेकिन क्या आप जानते हैं कि सबसे पहले किसे दिल्‍ली का सीएम बनाया गया था? इस तरह के सवाल यूपीएससी समेत तमाम प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते हैं. अगर आप भी पढ़ाई या नौकरी के लिए किसी तरह के कॉम्पिटिटिव एग्जाम की तैयारी कर रहे हैं तो ये आर्टिकल आपके बेहद काम का हो सका है...

कौन था दिल्‍ली का पहला CM? 
कांग्रेस के नेता चौधरी ब्रह्म प्रकाश को बतौर मुख्यमंत्री सबसे पहले दिल्ली की कमान सौंपी गई थी. यहां पहली बार साल 1952 में चुनाव हुए थे, जिसमें देशबंधु गुप्‍ता को मुख्यमंत्री बनाने का ऐलान हुआ था, लेकिन प्‍लेन क्रैश में उनकी मृत्यु होन के बाद चौधरी ब्रह्म प्रकाश को सीएम की कुर्सी मिली. 16 जून 1918 को जन्‍में चौधरी ब्रह्म प्रकाश स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भी थे. वह 17 मार्च 1952 से 12 फरवरी 1955 तक इस पद पर रहे. 

दिल्ली के दूसरे सीएम
साल 1952 के चुनाव में सरदार गुरुमुख निहाल सिंह को दिल्‍ली विधानसभा सदस्‍य बने और 7 मई को अध्‍यक्ष पद के लिए चुने गए थे. निहाल सिंह को 12 फरवरी 1955 से 1 नवंबर 1956 तक दिल्‍ली के सीएम पद पर रहने का मौका मिला था. उन्‍होंने लंदन यूनिवर्सिटी से बीएससी इकोनॉमिक्स किया था. इसके बाद 1920 में BHU में प्राध्‍यापक की नौकरी की और 1950 में श्रीराम कॉलेज दिल्‍ली के प्रिसिंपल भी रहे.

करीब 4 दशकों कर खाली रही कुर्सी
आजादी के बाद दिल्ली की सत्ता का इतिहास खंगालने पर पता चलता हैकि साल 1956 से राज्य के मुख्यमंत्री का पद ही समाप्‍त कर दिया गया, क्योंकि इस साल दिल्‍ली विधानसभा को भंग करक इसे केंद्र शासित प्रदेश बनाने का ऐलान किया गया. साल 1966 में इसे महानगर पालिका का दर्जा मिला. इसके बाद 1991 में संविधान में अमेडमेंट किया और इसे राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र घोषित किया गया. परिसीमन के बाद फिर विधानसभा का गठन हुआ. 69वें संविधान संशोधन में इसे 70 सदस्‍यों वाली विधानसभा बनाने की मंजूरी मिली, जिसमें एससी कैंडिडेट्स के लिए 12 सीटें रिजर्व की गईं.

कौन-कौन रहें दिल्ली के सीएम? 

  • इसके बाद हुए इलेक्शन में 2 दिसंबर 1993 से 26 फरवरी 1996 तक मदनलाल खुराना दिल्‍ली के अगले सीएम रहे. 
  • उनके बाद भाजपा के साहिब सिंह वर्मा सीएम पद के लिए चुने गए, जिन्होंने 26 फरवरी 1996 से 12 अक्‍टूबर 1998 तक सत्ता संभाली. 
  • इसके बाद भाजपा नेता सुषमा स्‍वराज को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाया गया, उन्होंने 3 दिसंबर 1998 तक यह कमान संभाली. 
  • अगले चुनाव में दिल्ली की जनता ने कांग्रेस की शीला दीक्षित को चुना और वह 28 दिसंबर 2013 तक सीएम पद पर बनी रहीं. 

सबसे छोटे कार्यकाल वाले सीएम
शीला दीक्षित के बाद आम आदमी पार्टी के नेता केज‍रीवाल दिल्‍ली के नए मुख्यमंत्री बने. 2013 के चुनाव में आप को 28 सीटें मिली थीं, जिसने कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाई. हालांकि, यह सरकार 2 महीने भी नहीं टिकी और केवल 49 दिन में ही केजरीवाल ने इस्‍तीफा दे दिया. वह अब तक के सबसे छोटे कार्यकाल वाले सीएम हैं. इसके बाद 2015 के चुनाव में आप को 67 सीटें और अरविंद को दोबारा सीएम की कुर्सी मिली. साल 2020 में भी वह जीतक आए और सीए बने. अब उनके इस्‍तीफे के बाद आतिशी दिल्‍ली की कमान संभालेंगी.

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