IPS Manoj Sharma: कड़ी मेहनत और संघर्ष के बाद आईपीएस ऑफिसर का पद हासिल करने के बाद मनोज कुमार शर्मा को अपने जीवन में फिर से एक बार सफलता मिली है. उन्हें महाराष्ट्र पुलिस में डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (DIG) से इंस्पेक्टर जनरल (IG) के पद पर प्रमोट किया गया है.
Trending Photos
IPS Manoj Sharma Become Inspector General: आईपीएस ऑफिसर मनोज कुमार शर्मा, जिनके जीवन पर निर्देशक विधु विनोद चोपड़ा की '12वीं फेल' फिल्म आधारित है, उनको महाराष्ट्र पुलिस में डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (DIG) से इंस्पेक्टर जनरल (IG) के पद पर प्रमोट किया गया है. माइक्रोब्लॉगिंग साइट एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर आईपीएस मनोज शर्मा ने उनका समर्थन करने के लिए "सभी का हार्दिक आभार" व्यक्त किया है.
उन्होंने पोस्ट किया ''एएसपी से शुरू हुआ सफर आज भारत सरकार के आदेश से आईजी बनने तक पहुंच गया है. इस लंबी यात्रा में मेरा समर्थन करने के लिए सभी का हार्दिक आभार."
ASP से शुरू हुई यात्रा आज के भारत सरकार के ऑर्डर से IG बनने तक जा पहुँची है। इस लंबी यात्रा में साथ देने के लिए मन से सभी का आभार pic.twitter.com/LEITH1OVVp
— Manoj Sharma (@ManojSharmaIPS) March 15, 2024
आईपीएस मनोज शर्मा के संघर्ष से प्रेरित 12वीं फेल फिल्म
अनुराग पाठक की बेस्टसेलर से अनुकूलित, '12वीं फेल' फिल्म में विक्रांत मैसी और पलक लालवानी ने अभिनय किया है. यह फिल्म आईपीएस अधिकारी मनोज कुमार शर्मा और आईआरएस अधिकारी श्रद्धा जोशी के जीवन पर प्रकाश डालती है. आईपीएस मनोज कुमार शर्मा ने चार बार यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा दी लेकिन पहले तीन प्रयासों में उन्हें असफलता मिली. यह चौथे प्रयास में था कि वह ऑल इंडिया 121वीं के साथ परीक्षा उत्तीर्ण करने में सफल रहे. इसके बाद मनोज शर्मा एक आईपीएस अधिकारी बने और पहले मुंबई पुलिस में एडिशनल कमिश्नर के रूप में तैनात हुए.
कक्षा 12वीं में हुए थे फेल
मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के निवासी मनोज कुमार शर्मा का जन्म एक बेहद गरीब परिवार में हुआ था. वह कक्षा 9वीं और कक्षा 10वीं में थर्ड डिविजन से पास हुए थे. कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में, वह हिंदी को छोड़कर सभी विषयों में फेल हो गए. हालांकि, उन्होंने फिर प्रयास किया और 12वीं कक्षा पास कर यूपीएससी की राह पकड़ ली.
फुटपाथ पर भी सोए, पर आईपीएस बनकर लिया दम
इसके बाद, मनोज शर्मा ने यूपीएससी सीएसई के लिए अपनी तैयारी शुरू की. आईपीएस बनने के लिए उनको काफी संघर्ष करना पड़ा. कुछ पैसे कमाने के लिए उन्होंने टेम्पो चलाया और कई बार रात में फुटपाथ पर भी सोए. उन्होंने दिल्ली में एक पुस्तकालय में भी काम किया जो उनकी यूपीएससी की तैयारी के लिए बहुत उपयोगी साबित हुआ.