मंदी के बाद भी नंबर-1 पर है देश के इस शहर की GDP: ऑक्सफ़ोर्ड इकोनॉमिक्स सर्वे
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मंदी के बाद भी नंबर-1 पर है देश के इस शहर की GDP: ऑक्सफ़ोर्ड इकोनॉमिक्स सर्वे

मंदी के बावजूद सूरत शहर फिर एक बार इकनोमिक ग्रोथ में दुनिया के शहरों में नंबर वन पर है.

टेक्सटाइल और हीरा उद्योग पर मंदी का असर है. (फाइल फोटो)

सूरत: टेक्सटाइल और हीरा उद्योग पर मंदी का असर है. पिछले 2 साल से मंदी की असर के कारण कई उद्योग मुश्किलों का सामना कर रहे हैं, लेकिन सूरत शहर फिर एक बार इकनोमिक ग्रोथ में दुनिया के शहरों में नंबर वन पर है. गुजरात के तमाम शहरों में से सूरत की जीडीपी नंबर एक पर है. यह सर्वे देश की कोई संस्था नहीं बल्कि ऑक्सफ़ोर्ड इकोनॉमिक्स सर्वे में सामने आया है. पिछले दो दशकों में भारत के शहरों में सबसे विकासशील शहरों की सूची में अग्रणी शहरों के नामों की घोषणा की गई है.

देशभर में मंदी का माहौल है और विशेष रूप से जब गुजरात की बात आती है, तो सूरत के दो प्रमुख उद्योग कपड़ा और हीरा उद्योग में भी मंदी की कमी नहीं है. लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि मंदी के बावजूद, सूरत की जीडीपी वृद्धि अन्य शहरों की तुलना में काफी बेहतर है. गुजरात की बात की जाय तो गुजरात में जीडीपी ग्रोथ में सूरत ने बाजी मारी है. ये बात कोई सरकारी या निजी संस्था के सर्वे के आंकड़े नहीं हैं. ये सर्वे विश्व के भरोसेमंद कहे जाने वाले ऑक्सफ़ोर्ड इकोनॉमिक्स के सर्वे में सामने आया है.

टॉप-10 शहरों में शामिल
सर्वे में गुजरात का सूरत और राजकोट शहर टॉप-10 शहरों में शामिल हैं जिसमें सूरत सबसे ऊपर है. एक तरफ मंदी की मार और दूसरी तरफ उनका जीडीपी ग्रोथ कैसे संभाला जाए, ये सूरत के उद्योग चलाने वालों ने साबित कर दिखाया है.

कटोकटी की स्थिति में सूरत को फायदा
जेम्स एंड ज्वेलरी प्रमोशन कौंसिल के चेयरमैन दिनेश नावड़िया ने बताया, टेक्सटाइल में वैल्यू एडिशन और हीरा उद्योग में फिलहाल हॉन्गकॉन्ग में चल रहे कटोकटी की स्थिति में सूरत को फायदा हुआ है. सूरत के उद्योगों में प्रत्यक्ष रूप से अन्य देशों के साथ कनेक्ट हो रहा है जिससे उद्योगों को लाभ मिल रहा है. नोट बंदी और जीएसटी के बाद दोनों उद्योगों में आर्थिक मंदी साफ़ देखने को मिल रही है, लेकिन फिर भी ऑक्सफ़ोर्ड इकोनॉमिक्स द्वारा जारी किये गए सर्वे ने सब को आश्चर्य में डाल दिया है.

उद्योग को नई दिशा मिल रही है
दिनेश नावड़िया ने बताया कि पिछले 2 साल से मंदी में दोनों उद्योग है, लेकिन धीरे-धीरे लोग जीएसटी को संभाल रहे हैं और सरकार भी बदलाव कर रही है. उद्योग भी अलग-अलग प्रयोग कर रहे है जिसके चलते उद्योग को नई दिशा मिल रही है.

सूरत को नंबर-1 का स्थान
ऑक्सफ़ोर्ड इकोनॉमिक्स के सर्वे के अनुसार, सूरत का वार्षिक ग्रोथ 9.17% रहने की उम्मीद है. जबकि गुजरात के अन्य शहर राजकोट 8.33% वृद्धि दर के साथ सातवें क्रम पर है. हाल ही में ऑक्सफ़ोर्ड इकोनॉमिक्स ग्लोबल सिटीजन का रिसर्च जारी किया गया है जिसमें से सबसे ज्यादा इकनोमिक ग्रोथ रेट वाले टॉप टेन शहरों की यदि में सूरत को नंबर-1 का स्थान दिया गया है.

सरकार के लिए फायदेमंद
ऑक्सफ़ोर्ड के सर्च जीडीपी, लेबर मार्किट, बस्ती, इनकम, ग्राहकों का खर्च करने की क्षमता जैसे मुद्दों का आंकलन कर सूरत के देशों में सबसे अधिक ग्रोथ करने वाले शहरों की सूची में प्रथम स्थान पर है. सूरत में इमर्जिंग मार्किट और लेबर-निवेश में आकर्षण की क्षमता देश के विविध शहरों से सबसे अधिक होने का मत भी व्यक्त किया गया है. ऑक्सफ़ोर्ड इकोनॉमिक्स सर्वे को जो सूरत के टैक्स कलेक्शन के साथ जोड़ा जाय तो आनेवाले समय में सूरत सरकार के लिए फायदेमंद साबित होगा.

टैक्स कलेक्शन पांच लाख करोड़
वर्ष 2035 तक सूरत में से डायरेक्ट और इन डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन पांच लाख करोड़ से अधिक होगा. फिलहाल वर्ष 2018 में आईटी, जीएसटी और कॉस्टम के टैक्स कलेक्शन 23 हजार करोड़ है.

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