प‍िता ने ठेले पर फल बेचे, खुद ढाबे पर काम क‍िया; लगाया ऐसा द‍िमाग और बना दी 400 करोड़ की कंपनी
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प‍िता ने ठेले पर फल बेचे, खुद ढाबे पर काम क‍िया; लगाया ऐसा द‍िमाग और बना दी 400 करोड़ की कंपनी

Success Story: आरएस कामत के प‍िता ठेले पर फल और लकड़ियां बेचकर 7 बच्चों का गुजारा करते थे. बड़े होने पर वह पर‍िवार की ज‍िम्‍मेदार‍ियों में हाथ बंटाने के ल‍िए भाईयों के साथ काम करने मुंबई पहुंच गए. यहां उन्‍होंने ढाबे पर काम क‍िया.

RS Kamath

RS Kamath Success Story: सफलता क‍िसी की मोहताज नहीं होती. लगन और ईमानदारी से क‍िया गया हर प्रयास आपको नई ऊंचाई पर ले जा सकता है. क‍िसी भी शख्‍स की सफलता आने वाली पीढ़‍ियों की द‍िशा और दशा दोनों तय करती है. आज हम आपको एक ऐसे शख्‍स की कहानी के बारे में बता रहे हैं ज‍िसका जन्‍म बेहद गरीब घर में हुआ, लेक‍िन उसने आने वाली पीढ़‍ियों के लिए कामयाबी की इबारत ल‍िख दी और खड़ा कर द‍िया अरबों का साम्राज्‍य. एक इंसान ज‍िसके प‍िता गांव में ठेला लगाकर फल बेचते थे, लेक‍िन उसने ऐसा कर द‍िखाया क‍ि उसके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता था.

कौन है यह शख्‍स

ज‍िस शख्‍स के बारे में आज बात कर रहे हैं उनका नाम रघुनंदन श्रीनिवास कामत (RS Kamath). कर्नाटक के गांव में एक गरीब पर‍िवार में कामत का जन्‍म हुआ. इसके बावजूद उन्‍होंने ह‍िम्‍मत नहीं हारी और अपनी मेहनत के दम पर आज 400 करोड़ रुपये का साम्राज्‍य खड़ा कर द‍िया है. उनके पिता ठेले पर फल और लकड़ियां बेचकर 7 बच्चों का क‍िसी तरह गुजारा करते थे. कामत बड़े होने पर पर‍िवार की ज‍िम्‍मेदार‍ियां उठाने के लिए भाईयों के साथ काम करने के ल‍िए मुंबई चले गए.

ढाबे पर क‍िया काम
मुंबई में गोकुल नाम से ढाबा चला रहे कामत के भाईयों ने उन्‍हें भी अपने पास काम पर लगा लिया. ढाबे पर आने वाले कस्‍टर को खाने के बाद आइसक्रीम खरीदते देखकर कामत के मन में कुछ अलग करने का व‍िचार आया. वह इस पर सोच ही रहे थे क‍ि 1983 में उनकी शादी हो गई. इसके बाद उन्‍होंने आइसक्रीम का बिजनेस शुरू करने का न‍िर्णय ल‍िया. उस समय उनकी माली हालत अच्‍छी नहीं थी तो उनका यह कदम थोड़ा मुश्‍क‍िल तो था.

पावभाजी का काम शुरू क‍िया
बाद में उन्‍होंने 14 फरवरी 1984 को जूहू में Naturals Ice Cream Mumbai के नाम से आउटलेट की शुरुआत कर दी. उनकी आइसक्रीम की खास‍ियत थी क‍ि उसका टेस्‍ट एकदम नेचुरल था. लेक‍िन उनके आइसक्रीम पार्लर पर ज्‍यादा लोग नहीं आते थे. वो इसको लेकर काफी च‍िंत‍ित रहते. वह हर समय ब‍िजनेस को आगे बढ़ाने के बारे में सोचते रहते थे. इसके बाद उन्‍होंने आइसक्रीम के साथ मसालेदार पाव भाजी का काम शुरू कर दिया. पावभाजी खाने के लिए आने वाले लोग तीखा खाकर कामत की ठंडी और मीठी आइसक्रीम खाते. यही से उनकी आइसक्रीम को पहचान मिलने लगी.

शुरू में ये फ्लेवर क‍िये तैयार
काम शुरू करने पर कामत ने पहले फल, दूध और चीनी के साथ आम, चॉकलेट, सीताफल, काजू और स्ट्रॉबेरी के फ्लेवर वाली आइसक्रीम बनाई. आइस्‍क्रीम में क‍िसी तरह की म‍िलावट नहीं थी, धीरे-धीरे लोगों को आइस्‍क्रीम का टेस्‍ट पसंद आने लगा. इसके बाद लोगों का व‍िश्‍वास उन पर बढ़ गया. कुछ द‍िन बाद उन्‍होंने पाव भाजी की ब‍िक्री बंद कर दी और नेचुरल आइसक्रीम पार्लर को जारी रखा. कामत की नेचुरल आइस्‍क्रीम की आज देशभर में पहचान है. आज देशभर में नेचुरल के करीब 150 आउटलेट हैं. 5 फ्लेवर से शुरू हुई यह आइस्‍क्रीम कंपनी आज 20 फ्लेवर्स की आइसक्रीम लोगों तक पहुंचा रही है.

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