Shark Tank India-3: बिना फंडिंग खड़ी कर दी 200 करोड़ रुपये की कंपनी, कमाई के आंकड़ों ने उड़ा द‍िया होश
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Shark Tank India-3: बिना फंडिंग खड़ी कर दी 200 करोड़ रुपये की कंपनी, कमाई के आंकड़ों ने उड़ा द‍िया होश

आज Nasher Miles ऑनलाइन लगेज मार्केट का जाना-पहचाना नाम बन चुका है. इस स्टार्टअप की शुरुआत उस दौर में हुई जब ऑनलाइन शॉपिंग भी शुरुआती दौर में थी. पहले फाउंडर्स ने एग्रिगेटर की तरह काम करना शुरू किया.

Shark Tank India-3: बिना फंडिंग खड़ी कर दी 200 करोड़ रुपये की कंपनी, कमाई के आंकड़ों ने उड़ा द‍िया होश

Success Story: शार्क टैंक इंडिया सीजन-3 (Shark Tank India-3) में प‍िछले द‍िनों Nasher Miles नाम का एक लगेज ब्रांड आया. Nasher Miles एक स्‍टार्टअप है, जो क‍ि ड‍िजाइन ब्रांड तैयार करता है. इस स्टार्टअप को साल 2017 में अभ‍िषेक डागा और उनके चचेरे भाई लोकेश डागा और उनकी पत्‍नी श्रुत‍ि डागा ने शुरू क‍िया था. स्टाइल, वैराएटी और फैशन को ध्यान में रखकर बैग बनाने वाला यह स्टार्टअप मुंबई में काफी नाम कमा रहा है. स्टार्टअप का दावा है कि उसके पास 100 से भी ज्‍यादा शेड के बैग हैं. इनमें से हर क‍िसी को किसी न किसी फेवरेट ट्रैवल डेस्टिनेशन से प्रेरणा लेकर तैयार क‍िया गया है.

पहले फाउंडर्स ने एग्रिगेटर की तरह काम शुरू किया
स्टार्टअप के संस्‍थापकों का दावा है क‍ि उनके स्टाइलिश होने के साथ किफायती भी हैं. अभी यह स्टार्टअप ऑनलाइन ही बिजनेस कर रहा है. आने वाले समय में इनका ऑफलाइन स्टोर खोलने का भी प्‍लान है. आज Nasher Miles ऑनलाइन लगेज मार्केट का जाना-पहचाना नाम बन चुका है. इस स्टार्टअप की शुरुआत उस दौर में हुई जब ऑनलाइन शॉपिंग भी शुरुआती दौर में थी. पहले फाउंडर्स ने एग्रिगेटर की तरह काम करना शुरू किया. तीन साल बाद और 3 साल में ही वे वीआईपी के डिस्ट्रीब्यूटर बन गए.

स्‍टार्टअप की शुरुआत
जब स्‍टार्टअप की शुरुआत हुई तो ऑनलाइन मार्केट में लगेज छोटी कैटेगरी थी. Nasher Miles ने इस दौरान ऑनलाइन मार्केट में एंट्री की. कंपनी को म‍िलने वाले ऑर्डर के 80 प्रत‍िशत बैग चीन से बनते हैं और बाकी भारत में ही तैयार क‍िये जाते हैं. फाउंडर्स का दावा है क‍ि वे अगले तीन सालों में भारत में करीब 50 प्रत‍िशत बैग बनवाना शुरू कर देंगे. यह स्टार्टअप अभी तक बूटस्ट्रैप्ड है. यानी इसने किसी बाहरी निवेशक से अभी कोई पैसा नहीं लिया. इसके बावजूद यह प्रॉफिट में है और पिछले पांच साल के दौरान इसकी आमदनी कई गुना बढ़ गई है.

साल दर साल कैसे बढ़ी कमाई?
> 2017-18: 2.8 करोड़ रुपये
> 2018-19: 15.75 करोड़ रुपये
> 2019-20: 22.73 करोड़ रुपये
> 2020-21: 12.50 करोड़ रुपये (कोविड के कारण गिरावट)
> 2021-22: 23.70 करोड़ रुपये
> 2022-23: 52.90 करोड़ रुपये

इनकम बढ़कर 100 करोड़ पहुंचने की उम्‍मीद
कंपनी का दावा है कि मौजूदा वित्त वर्ष 2023-24 उसकी इनकम बढ़कर 100 करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है. इस स्टार्टअप ने 400 करोड़ रुपये की वैल्यूएशन पर 0.75 प्रत‍िशत इक्‍व‍िटी के बदले 3 करोड़ रुपये की मांग रखी. शार्क के साथ काफी देर तक मोल-भाव करने के बाद में इस स्टार्टअप को शानदार डील मिल गई. बाद में इस स्टार्टअप ने 200 करोड़ की वैल्‍यूएशन पर 1.5 प्रत‍िशत इक्‍व‍िटी के बदले 3 करोड़ की डील की. इस स्टार्टअप को ऑल शार्क डील मिली और अमन गुप्ता, अनुपम मित्तल, नमिता थापर, रितेश अग्रवाल और विनीता सिंह उनके साथ जुड़े.

इस कंपनी के केबिन बैग 2700-3200 रुपये, मिड साइज बैग 3200-3700 रुपये और बड़े बैग 3700-4200 रुपये तक में बिकते हैं. यह स्टार्टअप बैग्स पर लाइफटाइम वारंटी देता है और दावा करता है कि अगर कोई भी बैग कभी भी क्रैक हो गया तो उसे रिप्लेस कर दिया जाएगा. इन बैग पॉलीप्रॉपोलीन से तैयार क‍िया गया है जो क्रैक नहीं होते. शार्क अनुपम मित्तल ने इन बैग के ऊपर कूदकर भी इसकी टिकाऊपन की जांच की. कंपनी आने वाले सालों में ऑफलाइन बिजनेस पर फोकस करना चाहती है, जिसके लिए वह रिटेल स्टोर से जुड़ना चाहती है और अपने कुछ स्टोर भी खोलना चाहती है. स्टार्टअप के फाउंडर्स अभिषेक, लोकेश और श्रुति हर महीने क्रमशः 7 लाख रुपये, 7 लाख रुपये और 5.75 लाख रुपये की सैलरी लेते हैं. इसके अलावा वे हर साल 1-2 महीने का बोनस भी लेते हैं. 

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