GDP of India: एसबीआई की रिपोर्ट में संकेत दिया गया है कि 2000 रुपये के नोटों को बंद करने से जीडीपी को भी फायदा मिल सकता है. 2000 रुपये के नोटों को बंद करने से खपत में अचानक से तेजी देखने को मिली है, जिसका असर जीडीपी पर पड़ सकता है.
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2000 Note: आरबीआई के जरिए हाल ही में 2000 रुपये के नोटों को वापस लेने का ऐलान किया गया था. इसके साथ ही लोग अब सितंबर तक बैंकों में दो हजार रुपये के नोटों को जमा कर सकते हैं या फिर वहां से बदलवा सकते हैं. वहीं दो हजार रुपये के नोटों को वापस लेने से एसबीआई की ओर से फायदा होने की उम्मीद जताई गई है. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की स्टडी में दावा किया गया है कि 2000 रुपये के नोटों को वापस लेना देश के बैंकिंग सिस्टम के लिए फायदेमंद रहेगा. इसके साथ ही एसबीआई की स्टडी में कई बातें भी बताई गई है. आइए जानते हैं इसके बारे में...
लोन रिपेमेंट में इजाफा
एसबीआई स्टडी के मुताबिक 2000 रुपये के नोट बंद होने से लोन के रिपेमेंट में इजाफा हो सकता है क्योंकि 2000 रुपये के नोट बंद होने से डिपॉजिट बढ़ने की उम्मीद है. इससे अलग-अलग लोन धारक बैंकों में लोन की रिपेमेंट कर सकते हैं.
लोन देंगे बैंक
2000 रुपये के नोट जैसे-जैसे बैंकों के पास आते जाएंगे, वैसे-वैसे बैंकों के पास नकदी बढ़ती जाएगी. बढ़ी हुई नकदी का इस्तेमाल बैंकों के जरिए लोने देने के लिए किया जा सकता है. ऐसे में बैंकों के पास लोने देने का एक बड़ा मौका है.
कैश ऑन डिलीवरी में इजाफा
2000 रुपये के नोट को चलाने के लिए लोग कैश ऑन डिलीवरी का विकल्प भी काफी चुन रहे हैं. इससे देश में नकदी का प्रवाह भी हो रहा है. लोग ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर कैश ऑन डिलीवरी का विकल्प चुनकर 2000 रुपये के नोटों से पेमेंट कर रहे हैं. इससे कैश ऑन डिलीवरी में भी तेजी आई है.
जीडीपी को फायदा
एसबीआई की रिपोर्ट में संकेत दिया गया है कि 2000 रुपये के नोटों को बंद करने से जीडीपी को भी फायदा मिल सकता है. 2000 रुपये के नोटों को बंद करने से खपत में अचानक से तेजी देखने को मिली है, जिसका असर जीडीपी पर पड़ सकता है.
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