PM Kisan: मोदी सरकार ने क‍िसानों के ल‍िए शुरू की नई सुव‍िधा, अब पहले से आसान हो जाएगा यह काम
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PM Kisan: मोदी सरकार ने क‍िसानों के ल‍िए शुरू की नई सुव‍िधा, अब पहले से आसान हो जाएगा यह काम

Kisan E-Mitra: कृष‍ि मंत्रालय की तरफ से द‍िए गए बयान में कहा गया क‍ि एआई चैटबॉट 'पीएम-किसान योजना' की दक्षता और पहुंच बढ़ाने की दिशा में एक 'अहम' कदम है, जबकि किसानों को उनके सवालों के लिए 'त्वरित, स्पष्ट और सटीक' जवाब देता है.

PM Kisan: मोदी सरकार ने क‍िसानों के ल‍िए शुरू की नई सुव‍िधा, अब पहले से आसान हो जाएगा यह काम

PM Kisan Nidhi: अगर आप भी पीएम क‍िसान सम्‍मान न‍िध‍ि (PM Kisan Samman Nidhi) के तहत लाभार्थी हैं तो यह खबर आपके काम की है. सरकार की तरफ से क‍िसानों के ल‍िए नई सुव‍िधा शुरू की गई है. केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने पीएम किसान एआई-चैटबॉट (Kisan E-Mitra) लॉन्च किया. इससे क‍िसानों को काफी मदद म‍िलेगी. एआई चैटबॉट की लॉन्‍च‍िंग के मौके पर कृषि सचिव मनोज आहूजा और अतिरिक्त कृषि सचिव प्रमोद मेहरदा की भी उपस्थिति रही.

वन स्टेप फाउंडेशन की मदद से क‍िया डेवलप

कार्यक्रम के दौरान, मेहरदा ने चैटबॉट के फीचर्स के बारे में व‍िस्‍तृत जानकारी दी. इसके साथ ही इस पर विस्तृत प्रस्तुति भी दी. कृष‍ि मंत्रालय की तरफ से द‍िए गए बयान में कहा गया क‍ि एआई चैटबॉट 'पीएम-किसान योजना' की दक्षता और पहुंच बढ़ाने की दिशा में एक 'अहम' कदम है, जबकि किसानों को उनके सवालों के लिए 'त्वरित, स्पष्ट और सटीक' जवाब देता है. एआई चैटबॉट को वन स्टेप फाउंडेशन और भाषिनी की मदद से डेवलप क‍िया गया है.

पीएम-किसान शिकायत प्रबंधन प्रणाली में एआई चैटबॉट की शुरूआत का उद्देश्य किसानों को उपयोगकर्ता के अनुकूल और सुलभ मंच के साथ सशक्त बनाना है. पहले स्‍टेप में, एआई चैटबॉट किसानों को उनके आवेदन की स्थिति, भुगतान विवरण, अपात्रता की स्थिति और अन्य योजना-संबंधित अपडेट से जुड़ी जानकारी देने में मदद करेगा. पीएम-किसान मोबाइल एप्‍लीकेशन के जर‍िये सुलभ एआई चैटबॉट इंटीग्रेटेड है.

पीएम-किसान लाभार्थियों की भाषायी और क्षेत्रीय विविधता को पूरा करते हुए यह कई भाषा में मदद प्रदान करता है. उन्‍नत तकनीक के इंटीग्रेशन से न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी बल्कि किसानों को जानकारी के आधार पर फैसला लेने में भी मदद म‍िलेगी. जानकारी के अनुसार, चैटबॉट फिलहाल अंग्रेजी, हिंदी, बंगाली, उड़िया और तमिल भाषा में उपलब्ध है. जल्द ही इसे देश की सभी 22 आधिकारिक भाषाओं में उपलब्ध कराया जाएगा.

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