घर खरीदने की प्लानिंग कर रहे हैं? चेक करें ये लिस्ट, कम दाम में यहां बन जाएगी बात
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घर खरीदने की प्लानिंग कर रहे हैं? चेक करें ये लिस्ट, कम दाम में यहां बन जाएगी बात

India s Top 5 Most Affordable Cities: घर खरीद को लेकर इस इंडेक्स में मुंबई, हैदराबाद, चेन्नई, पुणे, बेंगलुरु और एनसीआर सहित भारत के अन्य प्रमुख शहरों के बारे में भी बात की गई है.

घर खरीदने की प्लानिंग कर रहे हैं? चेक करें ये लिस्ट, कम दाम में यहां बन जाएगी बात

India s Top 5 Most Affordable Cities: होम लोन की बढ़ती दरें भारत में घर खरीदारों के लिए दिक्कतें पैदा कर रही हैं. ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं किन शहरों में आप अपने सपनों का आशियाना सस्ते दाम पर खरीद सकते हैं. घर खरीदने की लिस्ट में अहमदाबाद देश के प्रमुख शहरों की सूची में सबसे किफायती शहर बना हुआ है. नाइट फ्रैंक इंडिया द्वारा अफोर्डेबिलिटी इंडेक्स के अनुसार शहर में रहने वालों की सैलरी के हिसाब से औसत समान मासिक किस्त (ईएमआई) के आधार पर सबसे किफायती है. अहमदाबाद में यह अनुपात 22 फीसदी है. दिलचस्प बात यह है कि शहर 2019 से इस लिस्ट में सबसे ऊपर बना हुआ है.

मुंबई रहने के लिए सबसे महंगा शहर

इस इंडेक्स में मुंबई, हैदराबाद, चेन्नई, पुणे, बेंगलुरु और एनसीआर सहित भारत के अन्य प्रमुख शहरों के बारे में भी बात की गई है. रिपोर्ट के अनुसार, मुंबई भारत में रहने के लिए सबसे महंगा शहर है. पुणे दूसरा सबसे किफायती शहर है और चेन्नई उसके बाद तीसरे स्थान पर.

भारत में शीर्ष 5 सबसे किफायती शहर

-अहमदाबाद
-पुणे
-चेन्नई
-बेंगलुरु
-एनसीआर

मुंबई-हैदराबाद सबसे महंगा

मुंबई और हैदराबाद रहने के लिए सबसे महंगे शहर हैं. 2010 के बाद से सामर्थ्य सूचकांक में सुधार हुआ है, फिर भी इन शहरों में घर खरीदने की सोचने भर से घर खरीदारों के पसीने छूट जाते हैं..

घर खरीदना 2010 से सस्ता

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत में 2010 के बाद से भारत में घर खरीदना आसान और अधिक किफायती हो गया है. यह मुख्य रूप से आसान होम लोन ब्याज दरों के कारण है. 2008 के संकट के बाद से, ईएमआई सस्ता रखते हुए ब्याज दरें कम बनी हुई हैं. अहमदाबाद के लिए, सूचकांक 2010 में 46 प्रतिशत से बढ़कर 2021 में 22 प्रतिशत हो गया है. मुंबई के लिए, रेटिंग 93 प्रतिशत से बढ़कर 66 प्रतिशत हो गई है. हैदराबाद में 47 फीसदी से 33 फीसदी तक का सुधार देखा गया है. कुल मिलाकर, केवल 2 वर्षों में भारत में घर की अफॉर्डिबिलिटी 61 प्रतिशत से बढ़कर 53 प्रतिशत हो गई है.

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