Tax Regime: नया टैक्स रिजीम चुनें या पुराना वाला? दिमाग में बैठा लें ये बात, नहीं होगा कंफ्यूजन
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Tax Regime: नया टैक्स रिजीम चुनें या पुराना वाला? दिमाग में बैठा लें ये बात, नहीं होगा कंफ्यूजन

Income Tax Slab: अगर किसी शख्स की सालाना कमाई 7 लाख रुपये से कम है तो वो नए टैक्स रिजीम को चुन सकते हैं. ऐसे में उनको कोई भी टैक्स नहीं दाखिल करना होगा. वहीं नए टैक्स रिजीम में 50000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ भी मिलता है. ऐसे में वेतन आय वाले लोगों को 7.5 लाख रुपये सालाना आय तक कोई भी टैक्स दाखिल नहीं करना होगा.

Tax Regime: नया टैक्स रिजीम चुनें या पुराना वाला? दिमाग में बैठा लें ये बात, नहीं होगा कंफ्यूजन

Income Tax Return: वित्त वर्ष 2022-23 के लिए इनकम टैक्स दाखिल करते वक्त कई अहम बातों को ध्यान में रखना काफी जरूरी है. दरअसल, इस साल बजट में इनकम टैक्स को लेकर कई अहम ऐलान किए गए थे. इनमें सबसे बड़ी घोषणा ये थी कि अब नए टैक्स रिजीम से टैक्स दाखिल करने पर 7 लाख रुपये की सालाना इनकम पर कोई टैक्स नहीं देना होगा. वहीं अगर पुराने टैक्स रिजीम में रिबेट के कारण सालाना पांच लाख रुपये तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं देना होता है लेकिन पुराने टैक्स रिजीम में इंवेस्टमेंट पर छूट हासिल की जा सकती है, वहीं नए टैक्स रिजीम में इंवेस्टमेंट पर छूट नहीं मिल सकती है. ऐसे में लोग काफी कंफ्यूजन में हैं कि नया टैक्स रिजीम चुनें या फिर पुराना वाला टैक्स रिजीम चुनें. आइए समझते हैं...

इनकम टैक्स
अगर किसी शख्स की सालाना कमाई 7 लाख रुपये से कम है तो वो नए टैक्स रिजीम को चुन सकते हैं. ऐसे में उनको कोई भी टैक्स नहीं दाखिल करना होगा. वहीं नए टैक्स रिजीम में 50000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ भी मिलता है. ऐसे में वेतन आय वाले लोगों को 7.5 लाख रुपये सालाना आय तक कोई भी टैक्स दाखिल नहीं करना होगा.

टैक्स छूट
वहीं उच्च आय वाले लोगों के लिए भी नई कर व्यवस्था उन करदाताओं के लिए उपयोगी हो सकती है जो बहुत अधिक छूट का दावा नहीं कर सकते हैं क्योंकि वे धारा 80सी/धारा 80डी के तहत दिए गए लाभों को अधिकतम करने के लिए निवेश या खर्च नहीं कर सकते हैं या क्योंकि उनके पास होम लोन नहीं है या किराए पर न रह रहे हों.

ओल्ड टैक्स रिजीम
अगर आप अपनी वार्षिक आय का लगभग 40% या धारा 80C, धारा 80D, हाउस रेंट, होम लोन के साथ-साथ किसी अन्य छूट की अनुमति (पुरानी कर व्यवस्था के तहत) के बीच ₹ 4.5 लाख (जो भी कम हो) के टैक्स बेनेफिट का दावा कर सकते हैं, तो आप पुरानी टैक्स व्यवस्था का विकल्प चुन सकते हैं.

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