Investment: 1 अप्रैल से इंवेस्टमेंट करें तो इन बातों का रखें ध्यान, हो गए हैं ये अहम बदलाव
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Investment: 1 अप्रैल से इंवेस्टमेंट करें तो इन बातों का रखें ध्यान, हो गए हैं ये अहम बदलाव

Investment Scheme: महिलाओं के लिए एक नई लघु बचत योजना ‘महिला सम्मान बचत पत्र’ सामने आई है. इसमें किसी महिला या लड़की के नाम पर दो लाख रुपये तक का एक बार में निवेश किया जा सकता है. इस योजना के तहत 7.5 प्रतिशत की निश्चित दर से ब्याज मिलेगा. साथ ही आंशिक निकासी का विकल्प भी मिलेगा.

Investment: 1 अप्रैल से इंवेस्टमेंट करें तो इन बातों का रखें ध्यान, हो गए हैं ये अहम बदलाव

Investment: नया वित्त वर्ष 2023-24 शनिवार से शुरू हो गया है. वित्त वर्ष में बदलाव होने के साथ ही कई ऐसे फैसले लागू होंगे, जिनसे आपकी जिंदगी प्रभावित होगी. इनमें कई अहम बदलाव भी हैं, साथ ही कई सेविंग स्कीम में भी 1 अप्रैल से बदलाव हो गए हैं. इनके बारे में आपको जानकारी होनी चाहिए. आइए जानते हैं इनके बारे में...

महिला सम्मान बचत पत्र
महिलाओं के लिए एक नई लघु बचत योजना ‘महिला सम्मान बचत पत्र’ सामने आई है. इसमें किसी महिला या लड़की के नाम पर दो लाख रुपये तक का एक बार में निवेश किया जा सकता है. इस योजना के तहत 7.5 प्रतिशत की निश्चित दर से ब्याज मिलेगा. साथ ही आंशिक निकासी का विकल्प भी मिलेगा.

                                                                                                                                                                                                             

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बीमा
पांच लाख रुपये वार्षिक प्रीमियम से अधिक की बीमा पॉलिसी के मामले में मिलने वाली राशि पर कर छूट की सीमा खत्म होगी. इसके तहत एक अप्रैल 2023 के बाद जारी उन सभी जीवन बीमा पॉलिसी (यूनिट लिंक्ड बीमा पॉलिसी या यूलिप के अलावा) की परिपक्वता राशि पर कर लगेगा, जिसका सालाना प्रीमियम पांच लाख रुपये से अधिक है.

वरिष्ठ नागरिक बचत योजना
वरिष्ठ नागरिक बचत योजना के तहत जमा की सीमा 15 लाख रुपये से बढ़कर 30 लाख रुपये हो गई. वहीं मासिक आय योजना के तहत जमा सीमा बढ़ाकर नौ लाख रुपये की गई है. 

बॉन्ड
एक अप्रैल से बॉन्ड या निश्चित आय वाले उत्पादों में निवेश से जुड़े म्यूचुअल फंड में अल्पकालीन पूंजी लाभ कर लगेगा. अब तक निवेशकों को इस पर दीर्घकालीन कर लाभ मिलता था जिसकी वजह से यह निवेश का लोकप्रिय विकल्प था. फिलहाल, बॉन्ड या निश्चित आय वाले उत्पादों से जुड़े म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले निवेशक तीन साल के लिए पूंजी लाभ पर आयकर चुकाते हैं. तीन साल बाद ये कोष मुद्रास्फीति के प्रभाव को हटाकर 20 फीसदी या महंगाई के प्रभाव के साथ 10 फीसदी का भुगतान करते हैं.

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