Toyota-Maruti Suzuki: मारुति सुजुकी और टोयोटा के बीच साझेदारी के तहत कई कारों का निर्माण किया जा रहा है और कारों को रीबैज करके बेचा जा रहा है.
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Toyota-Maruti Suzuki Partnership: मारुति सुजुकी और टोयोटा के बीच साझेदारी के तहत कई कारों का निर्माण किया जा रहा है और कारों को रीबैज करके बेचा जा रहा है. लेकिन, बहुत से लोगों को लग सकता है कि आखिर यह दोनों कंपनियां ऐसा क्यों कर रही हैं. चलिए, इससे जुड़ी कुछ बातें बताते हैं.
कस्टमर बेस बढ़ाना
मारुति सुजुकी भारत की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी है और टोयोटा दुनिया की सबसे बड़ा कार निर्माता कंपनियों में से एक है. दोनों कंपनियों की अपनी-अपनी अलग पहचान है और अलग तरह का कस्टमर बेस है. मारुति सुजुकी की छोटी कार सेगमेंट में मजबूत बाजार हिस्सेदारी है जबकि टोयोटा के पास बड़ी कारें और हाइब्रिड तकनीक है.
दोनों कंपनियां इसीलिए साथ आईं ताकि एक-दूसरे की इन क्षमताओं का लाभ लिया जा सके. इसके साथ ही, टोयोटा को छोटी कारों के सेगमेंट में और मारुति को बड़ी कारों के सेगमेंट में आने के लिए रास्ता मिल गया.
रिसोर्स और टेक्नोलॉजी शेयरिंग
पार्टनरशिप के साथ ही दोनों कंपनियों के बीच रिसोर्स और टेक्नोलॉजी शेयरिंग का रास्ता खुल गया. हाल ही में दोनों एक दूसरे की कारों को रीबैज करके बेच रही हैं, जिससे इन्हें ज्यादा ग्राहकों तक पहुंचने में मदद मिली है.
दोनों कंपनियां अपने रिसोर्स और टेक्नोलॉजी एक दूसरे के साथ शेयर कर रही हैं. टोयोटा ने मारुति को अपनी स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड टेक्नोलॉजी दी है, जो इनविक्टो और ग्रैंड विटारा में देखने को मिली है.
पोर्टफोलियो विस्तार
साझेदारी ने दोनों कंपनियों को अपने उत्पाद की पेशकश में विविधता लाने और बाजार के नए क्षेत्रों में प्रवेश करने का अवसर प्रदान किया है. दोनों मिलकर अब विभिन्न ग्राहक प्राथमिकताओं और जरूरतों को पूरा करने वाले नए मॉडल विकसित तथा पेश करने में सक्षम हुई है.
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